Saturday, April 12, 2025
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श्रीकृष्ण-रूक्कमणी विवाह की कथा सुन श्रद्वालुगण हुए आनंदित

फिरोजाबाद। कृष्णा पाड़ा स्थित द्वारिकाधीश मंदिर के चौक में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य कृष्णकांत वशिष्ठ ने रूक्कमणी-कृष्णा विवाह का मनमोहक वर्णन किया गया। उन्होंने कहा कि रूक्कमणि मन ही मन भगवान श्रीकृष्ण को अपना पति मान लेती है। लेकिन उनका भाई रूक्कमणी का विवाह अपने मित्र शिशुपाल से करना चाहता है। रूक्कमणी यह बात अपने गुरू को बताती है। गुरू उनका संदेश लेकर द्वारिका के लिए प्रस्थान कर जाते है। गुरू श्रीकृष्ण को सारी बात से अवगत कराते और कहते है कि रूक्कमणी आपको अपना पति मान चुकी है। अगर आपके साथ उनका विवाह नहीं हुआ, तो वह अपने प्राण दें देगी। श्रीकृष्ण तुरंत ही रूक्कमणी को लेने के लिए रवाना हो जाते है। रूक्कमणी गौरी पूजन को गौरी माता के मंदिर जाती है। वहीं से श्रीकृष्ण रूक्क्मणी को रथ में बिठाकर ले आते है और द्वारिका में उनका विवाह होता है। कथा पंडाल में रूक्कमणी-श्रीकृष्ण विवाह की मनमोहक झांकी सजाई गई। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के धर्मेन्द्र, गौरव, प्रदीप गुप्ता, राजेश दुबे, रमाकांत उपाध्याय, अतुल यादव, हरिओम वर्मा, पार्षद प्रमोद राजोरिया, अमर वर्मा, कृष्ण मोहन, रामकुमार गुप्ता, ललित राजोरिया, सचिन अग्रवाल, आनंद अग्रवाल, विक्रम सिंह, बॉबी वर्मा, विकास शर्मा आदि उपस्थित रहे।