Tuesday, May 7, 2024
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संकटशाला

अभिनंदन और वंदन तेरा,
तुझे समर्पित तन मन मेरा।
मैं खुश रंग हूं नवल सवेरा,
जिससे गहरा ये नाता मेरा।
कण-कण में प्रभु ध्यान तेरा,
सत्कर्म करना है काम मेरा।
जग में सब कुछ मिथ्या तेरा,
यह क्षण भंगुर सा डेरा मेरा।
तू लक्ष्य यहां ना भेद रहा ,
त्रुटियां औरों की देख रहा।
विश्वास नहीं मुझको तेरा,
सब कुछ पाने को मन मेरा।
सकल जगत है संकटशाला,
संकल्पित है जन्म यह मेरा।

✍️डॉ. साधना शर्मा
इ.प्र.अ.(राज्य अध्यापक पुरस्कृत)
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कन्या सलोन रायबरेली