Saturday, May 18, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » बरसाना की रंगीली गली में बरसने लगी होली व्यार

बरसाना की रंगीली गली में बरसने लगी होली व्यार

मथुरा: श्याम बिहारी भार्गव। रूप बावरो नन्द महर सौ वौहर बनौ होरी को छैल रोकत टोकत घूंघट खोलत भर पिचकारी तकत पुरोजन यही भरे जौवन के फैल’’ आदि पदों के साथ शुक्रवार को लठामार होली की प्रथम चौपाई निकाली गयी। वहीं चौपाई के दौरान अबीर गुलाल में सराबोर गोस्वामी समाज के लोग मदमस्त होकर नाचते गाते लाडली जी मन्दिर से रंगीली गली स्थित रंगेश्वर महादेव तक आये। लाडली के धराधाम बरसाना में बसंत पंचमी से होली महोत्सव की धूम मची हुई है। जिसके चलते शुक्रवार की देर शाम को गोस्वामी समाज के मुखिया रामभरोसी गोस्वामी के नेतृत्व में ढप, मृदंग, चंग, उपंग, झांझ, झालरियों की धुनों पर नाचते गाते हुए संध्या आरती के बाद प्रथम चौपाई निकाली गयी। लठामार होली की प्रथम चौपाई में गाए जाने वाले पदों को गोस्वामी समाज के लोग आन्नदमय होकर गाते हुए चल रहे थे। वहीं चौपाई के दौरान अबीर गुलाल भी उड़ाया जा रहा था। मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन सभी सखियां शंकर जी का व्रत रखती है तो इस दिन राधारानी अपनी सखियों के साथ संकेतवट में खेलने नही जाती है। जब श्रीकृष्ण राधारानी के दर्शन करने के लिए छद्म रूप धारणकर विलासगढ़ पहाड़ी पर आते है। सखियां जाकर के राधारानी से कहती है कि ‘‘बाघम्वर ओड़े सावंरौ यामें जोगी कौ हुनर कौन’’ राधारानी अपने साथ सखियों को लेकर सांकारी खोर में पहुंचकर छद्म रूप धारी भगवान श्रीकृष्ण को पहचान जाती है और कहती है “मनमोहन थोड़ा सावंरौ ठाड़ौ सांकरी खोर” और इसी के साथ भगवान श्रीकृष्ण राधा जी के साथ होरी खेलते है। यह प्रथम चौपाई कस्बे के लाडली जी मन्दिर व दादी बाबा मंदिर होते हुए रंगीली गली में स्थित रंगेश्वर महादेव तक निकाली गई।
इस अवसर पर गोस्वामीजनों द्वारा होली के विभिन्न पदों का गुणगान भी किया गया। ‘‘रूप बावरो नन्द महर सौ वौहर बनौ होरी को छैल रोकत टोकत घूंघट खोलत भर पिचकारी तकत पुरोजन यही भरे जौवन के फैल’’ बरसानौ हमारी रजधानी गहवरवन और खोर सांकरी,,। ‘‘ कलीदह खेलन आयौ काए की पट गेंद बनाई और काए कौ डंडा लायौ। ‘‘रेशम की पट गेंद बनाई, चदंन कौ डंडा लायौ। इन पदों को सुनकर श्रद्वालु आंनद से भाव विभोर होकर नाचने लगे। वहीं लठामार होली की द्वितीय चौपाई लड्डू होली के दिन निकाली जाएगी। इस मौके पर गोस्वामी समाज के मुखिया रामभरोसी गोस्वामी, भोला गोस्वामी, दीपक गोस्वामी, सौरभ गोस्वामी, पीयूष गोस्वामी, किशोरी गोस्वामी, बाबू गोस्वामी, आनंद गोस्वामी आदि मौजूद थे।