Sunday, May 5, 2024
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अभिभावकों का आरोप : विद्यालय में विगत कई महीनों से बिना शिक्षक के हो रहा था कक्षा का संचालन

रायबरेलीः पवन कुमार गुप्ता। महंगे फीस वाले स्कूलों में भी शिक्षा का गिरता स्तर चिंतन का विषय है, व्यवस्था और सुविधाओं के नाम पर चर्चित विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बताई जा रही है। जिले के ऊंचाहार क्षेत्र में एनटीपीसी परियोजना के आवासीय परिसर में संचालित डीएवी पब्लिक स्कूल में अभिभावकों को यहां की सुविधा और व्यवस्थाओं को दिखाकर सिर्फ धन उगाही होती ही दिख रही। कुछ अभिभावकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि डीएवी पब्लिक स्कूल में वार्षिक परीक्षा से दो तीन महीने पूर्व ही कई विषयों के अध्यापक विद्यालय छोड़कर जा चुके थे। जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हुई है और विद्यालय प्रबंधन ने किसी अन्य अध्यापक की नियुक्ति भी नहीं की थी और वार्षिक परीक्षा करा दी।
परिणाम यह है कि अभिभावकों से महंगी फीस वसूलने के बावजूद यह विद्यालय अब शिक्षक विहीन होता जा रहा है, शायद विद्यालय प्रबंधन को खाली पदों के लिए शिक्षक नहीं मिल रहे और बच्चे विषयों में कमजोर होते दिख रहे हैं, जबकि विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या लगभग हजार में होगी। विद्यालय में विद्यालय की महंगी फीस देने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए अलग से ट्यूशन लेना पड़ रहा है और अतिरिक्त फीस उन्हें देनी पड़ रही है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि बिना शिक्षकों के बच्चे पढ़ाई कैसे करेंगे, विद्यालय नए सत्र को लेकर तेजी से एडमिशन लिया जा रहा है। अभिभावकों के आरोप में शिक्षकों की कमी को लेकर जब विद्यालय के अध्यापक मनीष श्रीवास्तव जी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विद्यालय में शिक्षक की कमी तो है लेकिन सिर्फ संस्कृत विषयाचार्य की बाकी कक्षाएं संचालित हो रही हैं।