Thursday, May 2, 2024
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भव्यता के साथ मनायी डॉ0 आम्बेडकर जयन्ती

गीत के माध्यम से डॉ0 आम्बेडकर का गुणगान करतीं शशिप्रभा व बीना

♦ डॉ0 आम्बेडकर जयन्ती पर भीमभोज का किया आयोजन
♦ वक्ताओं ने डॉ0 आम्बेडकर के जीवनदर्शन पर डाला प्रकाश
कानपुरः जन सामना संवाददाता। संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ0 भीमराव आम्बेडकर की 133वीं जयंती आज अर्थात 14 अप्रैल को जरौली फेस 2 स्थित पंचशील भवन प्रेरणा विहार में मनाई गई। कार्यक्रम की शुरूआत डॉ0 आम्बेडकर व महात्मा बुद्ध के चित्र पर पुष्पार्पित कर व राष्ट्रगान के साथ की गई। इस मौके पर अनेक वक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किये और डॉ0 आम्बेडकर के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला व उनके द्वारा समाजहित में किये गये योगदान का गुणगान किया। वहीं सुनीता संखवार, शशिप्रभा व बीना ने एक गीत के माध्यम से डॉ0 आम्बेडकर का गुणगान किया।
डॉ0 आम्बेडकर जयन्ती के अवसर समारोह में प्रमुख रूप से अशोक कुमार संखवार, शिव नारायन संखवार, राजेन्द्र कुमार, सी. एल. संखवार, श्रीबाबू संखवार, संजय सचान, प्रदीप गौतम, धीरेन्द्र कुमार दोहरे, शशि प्रभा, बीना, सुनीता, पुष्पा, कंचन, अरविन्द सचान सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान ही भीम भोज किया गया, जिसमें आये हुये लोगों ने भोजन गृहण किया।

डॉ0 आम्बेडकर जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम में मौजूद लोग

गौरतलब हो कि डॉ0 आम्बेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता इसलिए कहा जाता है, क्योंकि भारतीय संविधान के निर्माण में उनका अमूल्य व अतुलनीय योगदान रहा था। इसके साथ ही उन्होंने दलित व शोषित समाज के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए।
उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। डॉ0 आम्बेडकर ने सामाजिक भेदभाव का सामना किया ऐसा कहा जाता है किन्तु उन्होंने जटिल परिस्थितियों के सामने हार नहीं मानी। उनके संघर्षपूर्ण जीवन और सफलता की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा है।