Tuesday, June 25, 2024
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600 करोड़खर्च करने के बाद भी हांप रहे विद्युत उपकरण

2022 में छह सौ करोड़ से अधिक की योजना हुई थी स्वीकृत
1875 नए तथा 1671 ट्रांसफार्मरों की हुई क्षमता वृद्धि
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। 600 करोड़ खर्च करने के बाद भी जनपद की विद्युत व्यवस्था स्मार्ट नहीं हो सकी। गर्मी में विद्युत उपकरण हांफ रहे हैं और जिम्मेदार बगलें झांक रहे हैं। जनपद की विद्युत व्यवस्था को स्मार्ट बनाने के लिए वर्ष 2022 में 600 करोड़ रुपये की योजना का बजट स्वीकृत हुआ था। इसके बाद भी भीषण गर्मी में बिजली कटौती सरकार के लिए भी मुद्दा बन गया है। विद्युत उपकरण भी लगातार जवाब दे रहे हैं। इस भारी भरकम धनराशि से आगामी दस वर्षों की जरूरत को ध्यान में रख कर इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया गया। दावा यह था कि अब जिले में बिजली की समस्या नहीं रहेगी। इसके लिए जिले भर में 1875 नए ट्रांसफार्मर लगाए जाने और 1671 पुराने ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि की गई।इसके साथ ही स्मार्ट मीटर लगाने का भी काम किया गया। दावा किया गया था कि काम पूरा होने के बाद शहर से लेकर गांव तक एक भी ट्रांसफार्मर ऐसा नहीं रहेगा, जिस पर लोड अधिक रहेगा। सभी ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई है। जरूरत पड़ने पर नए ट्रांसफार्मर लगाए गये। वर्तमान आबादी और विद्युत कनेक्शन की संख्या को ध्यान में रखते हुए ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि की गई है। इतना ही नहीं बिजली चोरी रोकने के लिए दो बार जिले भर की विद्युत लाइनों को बदल डाला गया। पहले नंगे तारों को उतार कर कवर तार डाले गये जिससे कटिया नहीं डाली जा सके। इसके बाद इन्हें भी हटा कर स्टील कवर वाली लाइन डाली जा रही हैं जिससे किसी भी स्थिति में लाइन से सीधे बिजली चोरी नहीं हो सके। हालांकि इसका खर्च इस 600 करोड़ से अलग है।
कंप्यूटराइज विद्युत मीटर तत्काल कट रहा कनेक्शन
कंप्यूटराइज विद्युत मीटर लगाने के पीछे की मंशा साफ है कि बकाया होने पर विद्युत कनेक्शन खुद व खुद कट जाएगा। किसी भी कर्मचारी को उपभोक्ता के घर यह कहने नहीं जाना पड़ेगा कि आप पर बकाया है।