Friday, September 6, 2024
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कांवड़ यात्रा मार्ग के दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पर सियासत गरमाई

राजीव रंजन नागः नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार नेे एक विवादित आदेश जारी किया है। अब कांवड़ रूट पर आने वाली सभी दुकानों केे बाहर नेमप्लेट लगाने की अनिवार्यता ने देश में एक सियासी विवाद छेड़ दिया है।
कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली सभी दुकानों में पहचान पत्र अनिवार्य करने के कदम से भाजपा और विपक्ष के बीच राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई है। लोक सभा के बजट सत्र से ठीक पहले शुरु हुए इस विवाद पर हालांकि भाजपा के बड़े नेता फिलहाल कोई टिप्पणी करने से परहेज कर रहे हैं। भाजपा के एक बड़े नेता ने कहा, ‘यूपी सरकार का ताजा आदेश गैर जरुरी है…। सरकार को ऐसे किसी विवाद से बचना चाहिए था।’
इस बीच बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद का बयान एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत को पसंद नहीं आया है। दरअसल, सोनू सूद ने नेमप्लेट विवाद पर रिएक्ट करते अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया कि ‘हर दुकान पर केवल एक नेमप्लेट होनी चाहिए और वो है मानवता’।

अब उनके इस ट्वीट पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने भी बड़ा बयान दिया है।
सोनू सूद के इस ट्वीट पर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियायें सामने आ रहीं हैं..। जहां कुछ लोगों ने उनके मानवता के स्टैंड को सराहा है, वहीं बहुत से ऐसे भी हैं जो उनके पोस्ट की जमकर आलोचना कर रहे हैं। इस मुहिम में भाजपा सांसद कंगना रनौत भी शामिल हो गईं हैं।
सोनू सूद ने योगी सरकार के फैसले का विरोध किया तो कंगना ने सोनू सूद को दो टूक सुनाते हुए लिख दियाए ‘‘सहमत हूं। हलाल को ‘मानवता’ से रिप्लेस किया जाना चाहिए’’।


इसके अलावा, एक एक्स यूजर ने भी सोनू के पोस्ट का विरोध करते हुए एक वीडियो शेयर किया था। वीडियो में दिख रहा था कि कैसे एक ढाबे में आदमी थूक लगाकर रोटियां सेंक रहा था। इसके साथ उसने कैप्शन में लिखा, ‘थूक लगाई रोटी सोनू सूद को पार्सल की जाए ताकि भाईचारा बना रहे।’
अब इस पोस्ट पर सोनू सूद ने भी रिएक्ट किया है। उन्होंने लिखा, ‘‘हमारे श्री राम जी ने शबरी के झूठे बेर खाए थे तो मैं क्यों नहीं खा सकता? हिंसा को अहिंसा से पराजित किया जा सकता है मेरे भाई! बस मानवता बरकरार रहनी चाहिए। जय श्री राम।’’
उनके इस बयान पर कई सोशल मीडिया जमात ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे सरकार के निर्देश की आलोचना के रूप में टैग किया। इससे पहले, पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने भी घटना पर चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और प्रशासन की कड़ी आलोचना की।
जावेद अख्तर ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘मुजफ्फरनगर यूपी पुलिस ने निर्देश दिया है कि निकट भविष्य में एक विशेष धार्मिक जुलूस के मार्ग पर सभी दुकानों, रेस्तरां और यहाँ तक कि वाहनों पर मालिक का नाम प्रमुखता से और स्पष्ट रूप से दिखाया जाना चाहिए। क्यों? जर्मनी में वे केवल विशेष दुकानों और घरों पर ही निशान बनाते थे।’
शुक्रवार को, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया कि कांवड़ मार्गों पर खाद्य और पेय पदार्थों की दुकानों पर तीर्थयात्रियों की आस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिए संचालक/मालिक का नाम और पहचान प्रदर्शित की जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, हलाल-प्रमाणित उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी चेतावनी जारी करने के बाद योगी सरकार विवादों में घिर गई है।