पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। पुलिस के अनुसार उक्त प्रकरण के संबंध में अवगत कराया गया है कि दिनांक 31.10.2024 को थाना डलमऊ क्षेत्र के चौकी घुरवारा में एक सूचना प्राप्त हुई कि दो पक्षों में मारपीट हो रही है। सूचना पर स्थानीय पुलिस पहुंची व दोनो पक्षों को चौकी पर लाया गया। इसमें सें प्रथम पक्ष चाहत सिंह के पिता इंदल सिंह जो कि रिटायर्ड फौजी है, वह वाहनो पर हथियारो से लैस होकर करीब 7-8 लोग चौकी आये और दूसरे पक्ष शनि को मारने पीटने लगे। पुलिस द्वारा हस्तक्षेप करने पर प्रथम पक्ष ने चौकी का घेराव कर पुलिस पर हमलावर हो गये। पुलिस द्वारा पर्याप्त बल के साथ दोनो पक्षों को गिरफ्तार कर थाना डलमऊ पर सुसगंत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। अपर पुलिस अधीक्षक संजीव सिन्हा का यह भी कहना है कि अभियोग पंजीकृत किये जाने से इंदल सिंह फौजी द्वारा पुलिस पर आरोप लगाये जा रहें जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर अमित सिंह द्वारा की जा रही है। मौके पर कानून व्यवस्था संबंधी कोई समस्या नही है।
वहीं पीड़ित रिटायर्ड फौजी का आरोप है कि डलमऊ स्थित घुरवारा चौकी पुलिस ने उसे ऐसी थर्ड डिग्री दी गई है जो सेना भी नहीं देती। उसने वीडियो बयान में बताया कि 31 अक्टूबर दीपावली के दिन पटाखा खरीदते समय रिटायर्ड फौजी इंदल सिंह के पुत्र चाहत सिंह का कुछ अराजक तत्वों से विवाद हो गया था, जिसकी सूचना पर रिटायर्ड फौजी इंदर सिंह गुरुद्वारा पुलिस चौकी पहुंचकर घटना की जानकारी मांगी, जिस पर घुरवारा चौकी इंचार्ज हिमांशु मलिक सहित अन्य पुलिस कर्मियों द्वारा रिटायर फौजी इंदल सिंह को चौकी के कमरे में पूछताछ के बहाने ले गए और वहां टॉर्चर किया।
जिसके बाद इस मामले ने अब तूल पकड़ा है और सवर्ण आर्मी, करणी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रिटायर्ड फौजियों के साथ पुलिस अधीक्षक रायबरेली कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा है। वहीं रिटायर्ड फौजी के परिजनों में पत्नी आरती सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि अपनी कमियों को छुपाते हुए चौकी इंचार्ज ने रिटायर्ड फौजी पर पुलिस पर हमला करने का झूठा आरोप लगाया है। बिना किसी वारंट के घर जाकर परिजनों के साथ भी ठीक बर्ताव नहीं किया।
पुलिस अधीक्षक रायबरेली कार्यालय पहुंचकर सीओ को ज्ञापन सौंपते हुए रिटायर्ड फौजियों में हरिकेश सिंह ने भी कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो सभी लोग मुख्यमंत्री से मिलकर पूर्व सैनिक के साथ हुए उत्पीड़न के मामले से उन्हें अवगत कराएंगे। वहीं इस मामले पर अखिलेश यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा- सेना में मेडल पाए एक फ़ौजी के साथ उप्र में जैसा हिंसक व्यवहार किया गया है वो घोर आपत्तिजनक और निंदनीय है। मुख्यमंत्री जी कम से कम फ़ौजियों के सम्मान में तो न्याय करें। देखना है पूरा थाना सस्पेंड होता है या फिर उस पर बुलडोज़र चलाया जाता है।