Friday, March 29, 2024
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रामेश्वर या कल्पना को चुनाव लड़ाने की मांग

हाथरस, जन सामना ब्यूरो। नगर पालिका का पद शासन से अनारक्षित हो जाने के बाद पालिकाध्यक्ष का चुनाव लडने के लिये दावेदारों की जहां भारी भीड उमड पडी है और सबसे ज्यादा दावेदार भाजपा से दिख रहे हैं वहीं आमजनों की आवाज पूर्व ऊर्जा मंत्री अनुज एवं पूर्व ब्लाक प्रमुख रामेश्वर उपाध्याय व जिला पंचायत सदस्य कल्पना उपाध्याय को लडाये जाने की उठ रही है और यह मांग आज कल भारी मतों से उठने की संभावना है।
नगर पालिका अध्यक्ष पद पर पूर्व ब्लाक प्रमुख रामेश्वर उपाध्याय या जिला पंचायत सदस्य श्रीमती कल्पना उपाध्याय को चुनाव मैदान में उतारे जाने की मांग को लेकर आज एक बैठक रामनगर कालौनी में प्रमुख शिक्षाविद् एवं महात्मा गांधी इण्टर कालेज के प्रबंधक श्री वी.एस. ग्रोवर की अध्यक्षता में सुरेश ग्रोवर के आवास पर आयोजित हुई।
बैठक में एक सूत्रीय यह प्रस्ताव पास किया गया कि जब से श्री रामवीर उपाध्याय का परिवार हाथरस नगर की सेवा में है तभी से हाथरस की तरक्की होना चालू हुआ है। शहर की तमाम सडकें व गलियां जिनका निर्माण नगर पालिका को कराना था उन सभी सडकों का निर्माण रामवीर उपाध्याय ने बसपा शासन में सरकार से विशेष फण्ड लाकर करवाया था। 24 घण्टे बिजली उन्होंने दिलवायी थी। पिछले 6 सालों से जबकि सांसद, विधायक की सीट आरक्षित हो गई तब भी उनके अनुज रामेश्वर उपाध्याय ने शहर में रहकर बिना भेदभाव के शहर की सेवा की है और सभी के दुख सुख में शामिल होते हैं।

बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि शीघ्र शहर के प्रमुख लोग समय लेकर पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय से मिलेंगे और मांग करेंगे कि नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव रामेश्वर उपाध्याय को लडवाया जाये जिससे शहर का रूका विकास शुरू हो सके।
बैठक में सुरेश ग्रोवर, देवेश ग्रोवर, सुरेश पाल, जितेन्द्र शर्मा, प्रदीप शर्मा, अशोक गुलाठी, गौरव छावडा, दीपक ग्रोवर, गोपाल शर्मा, विकास शर्मा, जाहिद, अनिल पाठक, लव ग्रोवर, सज्जन कुमार, दमन आरोरा, जय अरोरा, गुलशन छावडा, केवल कृष्ण गांधी, कपिल मोहन गौड, अशोक गुप्ता, रिंकू गोयल, पवन शर्मा आदि थे।
पालिकाध्यक्ष पद का चुनाव लडने के लिये सत्ताधारी दल भाजपा के अलावा अन्य दलों से भी तमाम दावेदार दावेदारी कर रहे हैं और टिकट के लिए एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं लेकिन यह भी निश्चित है कि अगर पूर्व ऊर्जा मंत्री परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव लडा तो निकाय चुनाव मैदान अच्छे-अच्छे धुरंधर सोचने पर मजबूर हो जायेंगे और चुनाव की तस्वीर बदली नजर आयेगी।