Monday, April 29, 2024
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आधुनिक रंगो से त्वचा को होती है हानि- चर्मरोग विशेषज्ञ

फिरोजाबादः जन सामना। होली उत्सव के मौके पर लोगो को अधुनिक रंगो से बचना होगा, रंगो से होने वाली चर्मरोग की बीमारी के साथ श्वांस की भी बीमारी होती है। प्राकृतिक रंगो से होली खेलना ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सकों ने साक्षातकार के दौरान जनता को संदेश दिया।
होली उत्सव के आने पर जिला अस्पताल के चर्मरोग विशेषज्ञ चिकित्सक डा0 रामआसरे सुधाकर ने बताया कि आधुनिक युग में जो रंग होली खेलने के लिए बाजार में आ रहा है। वह लोगों के शरीर के लिए काफी नुकसान दायक है। जिससे चेहरे पर दानों के साथ चर्म रोग के लिए दावत का काम कर रहे है। जिससे स्क्रीन पर काफी नुकसान पहुचाने का काम करते है। इस लिये लोगो को गीले रंग की जगह गुलाल, हबीर, या टेसू के फूलों से होली का उत्सव खेलकर मनाना चाहिये। रूह रंग श्वांस के लिए काफी हानी करक होता है हरा रंग में काॅच की मात्रा होने से चेहरे पर दानों के साथ चेहरा फट जाता है। इस से बचना होगा, वही कहा कि नालियों में गन्दगी होती है। जो लोग कीचड से होली खेलते है। वह अपने और अपने आस-पास के वातावरण को खराब करने का प्रयास करते है। बीमारी से बचने के लिए गन्दगी से दूर रहे आधुनिक युग के रंगो से त्वचा को बचाने का काम करें।