Monday, May 6, 2024
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विचार- सफाई कर्मचारियों का सबसे पहले सम्मान करें

इस समय विश्व के सभी देशो में कोरोना वायरस की महामारी से हर देश अपने अपने तरीके से जंग लड रहा है जिसमें हमारा देश भी इस महामारी से एक अनोखे तरीके जैसे प्रधानमंत्री के आवाहन पर पहले थाली, घंटी, शंख बजाकर एक जुट होने का हिन्दुस्तानियों ने परिचय दिया दूसरी बार प्रधानमंत्री के आवाहन के बताए हुए समय पर पूरे हिन्दुस्तान की जनता ने अपने-अपने घरों कि लाईट बन्द करके दीपक, दीया, मोमबत्ती, मोबाईल की टार्च जलाकर हिन्दुस्तान की एकता का परिचय दिया। लेकिन हमारे देश में ऐसी महामारी से हमें हमेशा बचाते चले आ रहे वहां लोग है जो सफाई कर्मचारी कहलाते है उनके विषय में सरकारो को हमारे देश की जनता को सोचना चाहिए क्योंकि हमें जब उनकी आवश्यकता होती है तो हमारे देश के प्रधानमंत्री पैर धोकर यहां संदेश देते है कि यहां लोग भी इंसान है जैसे की इस समय कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए हर शहर, हर गांव हर कसवे में कही नोटों फूलों की माला पहनकर हर हिन्दुस्तानी सम्मान कर रहा है लेकिन सोचने की यहां बात है कि जब डरकर घबराकर मौत को सामने देखकर किसी का सम्मान किया तो क्या किया यहां वो सैनिक है जो कोरोना वायरस महामारी जैसी बिमारियों से पहले से ही हम सब लोगों की सुरक्षा करते चले आ रहे है सरकारो को हमारे देश की जनता को पहले से ही इन लोगो को सम्मान देते चले आना चाहिए था अगर यहां लोग सफाई का कार्य बन्द कर दे तो ना जाने कितनी बीमारियां फैल जायेगी और हमारा देश अन्धकार में चला जायेगा।

इसलिए सफाई कर्मचारियों का सबसे पहले सम्मान करें क्योंकि इन्हीं की सफाई रखने के कारण कोई नेता, डाक्टर, पुलिस, इंजीनियर, नर्स, पत्रकार, शिक्षक आदि बन पाया है। यही लोगों ने खुद सही बीमारियों को गले लगया है और हम सबको काबिल बनाया है जैसे की यहां लोग मलिन बस्तियों रह रहे है। गन्दगी जगह पर रहे लेकिन हमारे परिवारों की सबसे पहले रक्षा की है लेकिन हम लोगो ने इन लोगों को क्या दिया अपमान घृणा आधा पेट खाना जो कि आज भी हो रहा है जैसे पहले सफाई कर्मचारियों को पर्मानेंट सरकारी नौकरियों पर रखा जाता था अब सरकारें अपने फायदे के लिए ठेकेदारी प्रथा लागू कर रखी है जोकि ऐसे मे पूंजीपतियों को ही फायदा हो रहा है जो हमारी रक्षा कर रहे उनके परिवार को भुखमरी का सामना करना पढता है ऐसी महामारी को देखते हुए सरकारों को सफाई कर्मचारियों की ठेकेदारी प्रथा से मुक्त कर देना चाहिए सभी कर्मचारियों को पहले की भाति पर्मानेंट कर देना चाहिए और हिन्दुस्तान की जनता को इनका हक दिलाना चाहिए व केन्द्र सरकार और अपने-अपने राज्यों की सरकारो को इनकी परेशानियों के विषय में भी अवगत करना चाहिए तभी इन लोगों को हम सही सम्मान दिला सकते है। जितेन्द्र वाल्मीकि