Sunday, September 29, 2024
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हमारे कोविड-19 वारियर पुलिसकर्मी

हमारे रक्षा कर्मी पुलिस वक्त बेवक्त अपनी बहादुरी का परचम लहराते हैं। 24 घंटे व सातों दिन कठोर मौसम में अपनी ड्यूटी पर डटे रहते हैं। उनकी सहज उपस्थिति का एहसास तब होता है। जब कोई विपदा आम जनता पर दस्तक देती है। आजकल गले पड़ी है कोविड-19 जैसी सर्वव्यापी महामारी जिसका एकमात्र इलाज है मनुष्य का घर की चारदीवारी में कैद रहना। पुलिस वालों को इस समय सबसे ज्यादा डर है खतरे की चपेट में आने का, क्योंकि दिन प्रतिदिन नित नए कई अनजान व्यक्तियों के संपर्क में वे आते हैं, रेड जोन के कई पुलिसकर्मी इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। पुलिसकर्मी केवल रक्षक ही नहीं, बल्कि कोविड वारियर्स बन चुके हैं। एक तरफ तो लाॅक डाउन का उल्लंघन करने वालों के लिए लठ बरसाते भीम व दूसरी और देवदूत बनकर जनता की सेवा करते हैं। जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी तक व डिब्रूगढ़ से पोरबंदर तक, ऐसी कई अनूठी दास्तान देश के राज्यों से बयां हो रही हैं। हमारे जम्मू कश्मीर के पुलिसकर्मी ना केवल आतंकियों को ढेर करने में व्यस्त हैं बल्कि लाॅक डाउन के कारण, एसएचओ जानीपुर राजेश कुमार एबरोल ने एक बच्चे को केक फूल वा गिफ्ट देकर जन्मदिन मनाया। इसी तरह कई और परियों के जन्मदिन हुए जैसे कानपुर में यूपी पुलिस ने एक बच्ची का जन्मदिन धूमधाम से मनाया। लाॅक डाउन के चलते मथुरा निवासी संगीता अपनी बेटी अनिका का पहला जन्मदिन न मनाने का अफसोस 18 अप्रैल को ट्वीट किया था इस पर 29 अप्रैल को यूपी पुलिस ने अपनी कई गाड़ियां व बाइक्स खूब रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाकर व सायरन बजाते हुए लाव लश्कर के साथ मथुरा की गली में पहुंच बच्ची को बधाई दी। पुलिस का काफिला देख, मोहल्ले के लोगों में हड़कंप सा मच गया। इसी तरह नागपुर में महाराष्ट्र पुलिस ने एक ही परिवार के तीन लोगों का जन्मदिन मनाया जब उस परिवार की बच्ची ने केक लाने की पुलिस से परमिशन मांगी परंतु महाराष्ट्र में कोविड का भयानक रूप के चलते हर तरफ डर का माहौल है, इसलिए पुलिस पूरी तरह सक्रिय व सतर्क है। पंजाब के अमृतसर में इसी तरह एक और नन्ही परी का जन्मदिन वहां की एसपी जसवंत कौर बरार ने मनाया अपने हाथ से बच्ची को केक खिलाकर दुआएं दी। पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा के पंचकूला निवासी एक बुजुर्ग व्यक्ति का जन्मदिन मनाकर उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया।
हमारे रक्षकों की तस्वीर न केवल जन्म उत्सव तक ही सीमित है बल्कि और कई रूप देखने को मिले जैसे-मुरादाबाद पुलिस की थाना अध्यक्ष श्रीमती ज्योति सिंह ने खुद व अपनी निगरानी में अपने स्टाफ के साथ मिलकर पूरी व सब्जी बनाकर रेलवे स्टेशन पर फंसे हुए मजदूरों में वितरित की। सूरत में जरूरतमंद लोगों को जरूरी दवाई व खाना पुलिस ने उपलब्ध कराया और कोच्चि में भी पुलिस वालों ने बुजुर्गों को ताजे फल व दवाईयां वितरित की। देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस वालों ने अपना खुद का खाना बेघर, बेसहारा, बेरोजगार लोगों में बांटा। कश्मीर में कई फंसी गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित अस्पतालों में पहुंचाया गया व गरीब परिवारों को करीबन 322 क्विंटल चावल व 136 क्विंटल आटा दाल वितरित की। दिल्ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारे बंगला साहिब रोज करीबन 70000 से 100000 लोगों में खाना बनाकर अपना योगदान दे रहे है, जिसका धन्यवाद पुलिस वालों ने गुरुद्वारे का परिक्रमा अपने ही वाहन व सायरन बजाकर किया।
इस आपदा की घड़ी में जम्मू और कश्मीर के लोगों कई लोगों ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल पिक्चर जम्मू कश्मीर की पुलिस का लोगो लगाकर धन्यवाद किया।
हमारे पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य का पालन करने में जुटे हैं चाहे इसके लिए उन्हें कई तरीके अपनाने पड़े-वे कभी निर्मम हो जाते हैं! तो कभी उग्र! परंतु हमें अपना भी सहयोग देना होगा ताकि निरंतर ना केवल इस महामारी बल्कि समाज की कई ऐसी और बीमारियां जो समाज को प्रदूषित व मनुष्य को दिमागी तौर पर बीमार कर रही हैं, उसको पराजित करना जरूरी है।
-सुमन नांरग