हाथरस। गत 10 जून को मानवाधिकार आयोग के स्तर पर कार्यवाही व कैंसर पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु पर 5 लाख का मुआवजा दिलाया जाए।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वाष्र्णेय द्वारा अध्यक्ष राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को रिमाइंडर भेजकर आयोग से कार्यवाही के लिए लिखते हुए कहा है कि मेरे द्वारा एक शिकायत आयोग में 21 मई को कैंसर पीड़ित व्यक्ति के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा गलत एफ आई आर दर्ज करने पर स्वास्थ्य विभाग हाथरस व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बृजेश राठौर के खिलाफ की गई थी।
उक्त शिकायत के सापेक्ष में आयोग द्वारा केस 10 जून को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश सरकार को कार्यवाही के लिए निर्देश दिया था जिसमें आज तक कोई भी कार्यवाही प्रमुख सचिव द्वारा व अन्य स्तर से नहीं की गई है। इस बीच जिस कैंसर पीड़ित व्यक्ति के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी वह कैंसर पीड़ित व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग द्वारा दर्ज रिपोर्ट की दहशत से कोरोना नेगेटिव होने के बाद भी अपना कैंसर का इलाज कराने के लिए अन्य कहीं पर नहीं गया और उस कैंसर पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु 30 जुलाई को कैंसर का इलाज न होने के कारण हो गई। पूरा परिवार स्वास्थ्य विभाग की तानाशाही, हठधर्मिता की दहशत में जी रहा है।इन सब बातों से यह तो स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की जाएगी जो आयोग के दिशा निर्देश के बाद भी आज तक नहीं की गई है और आयोग के दिशा-निर्देशों का प्रमुख सचिव द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है।
मांग की है कि उक्त प्रकरण में आयोग स्वयं अपने स्तर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी हाथरस डॉ. बृजेश राठौर व अन्य जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही कर पीड़ितों को न्याय दिलाने के साथ-साथ मृतक कैंसर पीड़ित व्यक्ति को 5 लाख का मुआवजा दिलाया जाये।