Tuesday, April 29, 2025
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 पुलिस के संरक्षण में फल फूल रहा नशे का अवैध कारोबार

मौदहा/हमीरपुर,जन सामना। कस्बे में नशे का कारोबार दिन प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा हैए किशोरों सहित युवा वर्ग इसकी चपेट में आकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने में तुले हुए हैंए कस्बे में कई स्थानों पर नशे का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है|नकली शराब, गांजा, चरसए नशीली प्रतिबंधित दवाइयां भी धड़ल्ले से बिक रही हैंए जिस पर न तो आबकारी विभाग ध्यान दे रहा है और न ही ड्रग इंस्पेक्टर इस तरफ ध्यान दे रहे हैं सूत्रों कि माने तो पुलिस को भी पहुंचने वाली महिनावार गुलाबी नोटों चमक से कारोबार को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। जिससे जिम्मेदार प्रशासन भी आंखे मूंदे मौन धारण किये हुए है। लोगों का मानना है कि इन नशे के कारोबार करने वालों से अच्छी खासी रकम इन विभागीय अधिकारियों को पहुंचाई जाती हैं| जिससे अधिकारी इन मौत के सौदागरों पर अपनी रहमोकरम बनाये हुए हैं।
बताते चले कि आसपास के क्षेत्र सहित मौदहा कस्बे में नशे का कारोबार पुलिस के संरक्षण में दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है|कॉलेजों में पढ़ने वाले किशोर, युवा, पुरुष सभी इस नशे की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैए नगर मौदहा में जगह जगह बिक रहा गांजा, चरस, नकली शराब लोगों को आदी बना रही है| इतना ही नहीं धीरे धीरे नशेड़ी नशे की पूर्ति के लिए नाइट्रावेटए मेंडेक्स जैसी प्रतिबंधित दवाइयों का भी सेवन कर रहे हैं। प्रतिबंधित सिरप भी लोग नशे के लिए इस्तेमाल करने से नहीं चूक रहे है। ये सब तो कुछ भी नहीं है नशे के लती युवक सुलेशन, आईओडेक्स आदि का प्रयोग भी नशे को पूरा करने के लिए करते हैं। युवाओं को इन नशे का लती बनाने की शुरुआत गांजा जैसे मादक पदार्थों से होती है। जिस पर प्रशासन का कोई लगाम नहीं है। लोगों का मानना है कि मेडिकल स्टोरों में चोरी छिपे नशीली दवाइयां भी इन नशेबाजों को आसानी से उपलब्ध हो जाती है। वहीं यदि कोई आम जनमानस को इन दवाइयों की आवश्यकता होती है तो मेडिकल स्टोर संचालक उन्हें डॉक्टर का पर्चा लाने को कह वापस लौटा देता है। आसानी से कच्ची शराब, नकली शराब, गांजा जैसे मादक पदार्थो के उपलब्ध होने पर भी न ही आबकारी विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है और न ही ड्रग इंस्पेक्टर ध्यान दे रहे हैं। लोगों का मानना है कि जब भी इनको आना होता है तो ये पहले से ही अपने चहेते नशे के कारोबारियों को खबर कर देते हैं और नशे का सामान हटाने को कह देते हैंए जिससे इन कारोबारियों के यहां जाने पर इन्हें नशे की कुछ भी सामग्री उपलब्ध न हो। यहां तक कि कस्बा वासियों का यह भी कहना कि गुलाबी नोटों की चमक के कारण ये अधिकारी इन लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। वहीं पुलिस प्रशासन भी इन सब मामलों में मौन धारण किये हुए है और इन नशे के कारोबारियों पर कोई कार्यवाही नहीं करती है क्यों पुलिस का हिस्सा ससम्मान पहुंचा दिया जाता है। जो प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।