धौलपुर में परियोजना से 80 हजार से ज़्यादा बच्चों और 15,000 से अधिक गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मिलेगा पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा का एकीकृत लाभ
जयपुर। बचपन के समग्र विकास और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, वेदांता ग्रुप की सामाजिक पहल नंद घर ने ‘प्रोजेक्ट बालवर्धन’ का शुभारंभ किया है। यह पहल बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए साक्ष्य-आधारित, तकनीकी और समुदाय-प्रेरित समाधानों के माध्यम से काम करेगी। इस योजना को एक समग्र दृष्टिकोण से लागू किया जाएगा। नंद घर, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की प्रमुख सामाजिक पहल है, जो देश की आंगनवाड़ी प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में एक आदर्श परियोजना के रूप में कार्य कर रही है। यह परियोजना उन्नत अवसंरचना सुविधाओं के साथ-साथ स्मार्ट शिक्षा उपकरण, इंटरएक्टिव ई-लर्निंग मॉड्यूल, BaLA डिज़ाइन और स्मार्ट टीवी जैसे आधुनिक संसाधनों के माध्यम से 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए शिक्षा को रोचक और प्रभावी बनाती है।
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने नंद घर के सीईओ शशि अरोड़ा की उपस्थिति में प्रोजेक्ट बालवर्धन का औपचारिक शुभारंभ किया और उसका प्रतीक चिन्ह भी अनावरण किया। इस परियोजना से धौलपुर जिले में 0-6 वर्ष के 80 हजार से अधिक बच्चों तथा 15,000 से अधिक गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लाभ मिलेगा। धौलपुर को ‘आकांक्षी’ और ‘उत्कर्ष’ जिले के रूप में मान्यता प्राप्त है, जहां 800 से अधिक आंगनवाड़ियों को नंद घर में बदला जा चुका है। पूरे राजस्थान में अब तक 4,800 से अधिक नंद घर विकसित किए जा चुके हैं और 25,000 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रोजेक्ट बालवर्धन के बारे में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, राजस्थान सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हर बच्चा स्वस्थ, शिक्षित और पोषित होकर अपना भविष्य संवार सके। नंद घर का प्रोजेक्ट बालवर्धन हमारी आंगनवाड़ी व्यवस्था को और भी मजबूत बनाने की एक बड़ी पहल है। इसमें नई तकनीक, ज़रूरत के अनुसार सहायता, सटीक डेटा और जनसहभागिता के माध्यम से काम किया जा रहा है। यह बच्चों के जीवन की शुरुआत में ही सकारात्मक बदलाव लाने के हमारे संकल्प को दर्शाता है। हमारी सरकार सिर्फ सोचने में नहीं, बल्कि ठोस कार्यों के माध्यम से हर बच्चे को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है।”
प्रिया अग्रवाल हेब्बर, हिंदुस्तान ज़िंक लिमिटेड की चेयरपर्सन और वेदांता लिमिटेड की नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, ने कहा, “प्रोजेक्ट बालवर्धन बच्चों के जीवन के शुरुआती वर्षों को संवारने की दिशा में एक अहम कदम है। धौलपुर में 800 से अधिक नंद घरों का निर्माण किया जा रहा है, जो 80 हजार से अधिक बच्चों और माताओं को लाभ पहुंचाएगा। यह पहल आंगनवाड़ी प्रणाली को पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा के साथ सशक्त बनाएगी। नवाचार और साझेदारी पर आधारित यह मॉडल न सिर्फ कुपोषण से लड़ने में मदद करेगा, बल्कि प्रारंभिक बाल शिक्षा को भी बढ़ावा देगा। राजस्थान सरकार के साथ मिलकर हम सेवा के केंद्र नहीं, बल्कि समुदायों के लिए आशा का केंद्र बना रहे हैं।”
प्रोजेक्ट बालवर्धन मुख्य रूप से माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और समुदाय में जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है। इसके तहत लक्षित एसबीसीसी (SBCC) जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जो पोषण सुधार, स्वास्थ्य निगरानी, प्रारंभिक शिक्षा और समग्र बाल विकास पर विशेष ध्यान देगा। पूरी प्रक्रिया को डिजिटल निगरानी और मूल्यांकन के माध्यम से निरंतर परखा और बेहतर किया जाएगा।
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