Monday, April 28, 2025
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टेंडर प्रक्रिया के बिना हुआ निर्माण, जिलाधिकारी की कार्रवाई से उजागर हुई गड़बड़ी

कानपुर नगर। “हींग लगी न फिटकरी, रंग चोखा” यह कहावत तब चरितार्थ हुई, जब जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर बिना किसी टेंडर या सरकारी प्रक्रिया को अपनाए अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कर दिया गया। बाद में जिलाधिकारी ने इस पर जांच बैठा दी और जांच के उपरांत आरोप सही पाए गए। हो चुके निर्माण कार्य को श्रमदान/जन सहयोग घोषित कर दिया गया और दोषियों पर कार्रवाई की संस्तुति की गई। साथ ही सरकार के 20 लाख रुपए भी बचा लिए गए।
उल्लेखनीय है कि विकास खंड पतारा की ग्राम पंचायत बलहापारा कला, विकास खंड घाटमपुर की ग्राम पंचायत सरगांव एवं विकास खंड भीतरगांव की ग्राम पंचायत बेहटा बुजुर्ग में बिना टेंडर आदि के निर्माण कराए जाने के संबंध में जिलाधिकारी के समक्ष की गई शिकायत के क्रम में जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा प्रकरण की जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि उक्त ग्राम पंचायतों में अंत्येष्टि स्थलों का निर्माण गठित प्राक्कलन की बिना तकनीकी स्वीकृति, बिना टेंडर आदि के नियम विरुद्ध ढंग से कराया गया था। बताया गया कि पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित अंत्येष्टि स्थल विकास योजना अंतर्गत (वर्ष 2024-25) जनपद कानपुर नगर में 12 अंत्येष्टि स्थल आवंटित किए गए थे।
किन अधिकारियों ने की जांच ?
उक्त ग्राम पंचायतों में नियम विरुद्ध कराए गए निर्माण कार्य की गुणवत्ता एवं मूल्यांकन की जांच मुख्य विकास अधिकारी द्वारा गठित तकनीकी समिति — अधिशासी अभियंता, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, कानपुर नगर एवं सहायक अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, कानपुर नगर से कराई गई।
बिना टेंडर इत्यादि प्रक्रिया का पालन किए हुआ इतना काम
तकनीकी समिति द्वारा प्रस्तुत मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार: ग्राम पंचायत बलहापारा कला, विकास खंड पतारा में 55 प्रतिशत कार्य (मूल्यांकन राशि 9.14 लाख रुपये), ग्राम पंचायत सरगांव, विकास खंड घाटमपुर में 70 प्रतिशत कार्य (मूल्यांकन राशि 9.87 लाख रुपये), ग्राम पंचायत बेहटा बुजुर्ग, विकास खंड भीतरगांव में अंत्येष्टि स्थल का चबूतरा नींव स्तर पर था, केवल पिलर हेतु कॉलम खड़े पाए गए, व कार्यालय/वुड स्टोर निर्माण हेतु कॉलम के गड्ढे खुदे पाए गए (मूल्यांकन राशि 0.43 लाख रुपये)
जांच के बाद दिये गए ये निर्देश
विगत 24 अप्रैल को जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में यह तय किया गया कि उक्त ग्राम पंचायतों में अंत्येष्टि स्थल के निर्माण में बिना तकनीकी स्वीकृति के, प्रचलित वित्तीय नियमों के विपरीत, नियम विरुद्ध एवं स्वेच्छाचारिता से कराए गए कार्यों की मूल्यांकन राशि को जन सहयोग/श्रमदान घोषित किया जाए। निर्देशित किया गया कि इस परियोजना में उक्त घोषित राशि का भविष्य में कोई भुगतान न किया जाए।
ग्राम पंचायतों को शेष कार्य कराने की अनुमति इस शर्त के साथ दी गई कि कार्य को गठित प्राक्कलन के अनुसार, सभी मानकों और समस्त वित्तीय नियमों का अनुपालन करते हुए, निविदा प्रकाशित कर चयनित फर्म को कार्यादेश दिया जाएगा और नियमानुसार कार्य पूर्ण कराया जाएगा।
ये भी हुई कार्रवाई
इस प्रक्रिया में दोषी पाए गए ग्राम प्रधानों को पंचायती राज अधिनियम की धारा 95 (1)(छ) के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। संबंधित सचिवों / ग्राम विकास अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई हेतु संस्तुति जिला विकास अधिकारी, कानपुर नगर को दी गई है। साथ ही संबंधित कंसल्टिंग इंजीनियरों को नोटिस जारी किया गया है कि क्यों न उनका अनुबंध समाप्त कर दिया जाए।