Monday, November 18, 2024
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मुलायम परिवार की बहू और लालू यादव की समधन का निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख बनना तय

पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव, तेजप्रताप यादव, राजलक्ष्मी यादव की मौजूदगी में मृदुला यादव ने ब्लॉक प्रमुख पद के लिए किया नामांकन
इटावा। आज सैफई में ब्लॉक प्रमुख पद के लिए सांसद तेज प्रताप यादव की मां मृदुला यादव ने नामांकन पत्र दाखिल किया उनके विरोध में किसी अन्य सदस्य द्वारा नामांकन पत्र दाखिल न करने से उनका निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बनना तय माना जा रहा है नामांकन के समय बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव, समाजवादी पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष संतोष शाक्य मौजूद रहे।
मृदुला यादव ने दो सेट में अपना नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी अशोक गुप्ता, निर्वाचन अधिकारी प्रभात राय के समक्ष दाखिल किया। सैफई ब्‍लॉक प्रमुख पद ढाई दशक से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार का कब्‍जा है। जबकि इस बार भी कोई इसमें सेंध नहीं लगा सका है, क्‍योंकि यूपी की सत्‍ता पर काबिज भाजपा अपना कोई भी उम्मीदवार नहीं उतार सकी। इसके साथ मुलायम परिवार की बहू मृदुला यादव का सैफई का निविर्रोध ब्लॉक प्रमुख बनना तय है। क्यो कि उनके विरोध में किसी अन्य सदस्य ने नामांकन दाखिल नही किया।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार की बहू और बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव की समधन मृदुला यादव का सैफई का निविर्रोध ब्लॉक प्रमुख बनना तय माना जा रहा है, क्‍योंकि यूपी की सत्‍ता पर काबिज भाजपा उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार उतारने की हिम्मत नहीं दिखा सकी है. मृदुला वर्ष 2015 में सैफई की पहली दफा ब्लॉक प्रमुख बनी थीं. बता दें कि करीब ढाई दशक से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार के कब्जे वाली सैफई ब्लॉक प्रमुख पद के लिए भाजपा अपना कोई भी उम्मीदवार नहीं उतार सकी। इसके चलते उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई ब्लॉक प्रमुख पद पर मैनपुरी के पूर्व सांसद तेजप्रताप सिंह यादव की मां मृदुला यादव का लगातार दूसरी बार निविर्रोध निर्वाचित होना तय माना जा रहा है। क्यो कि उनके विरोध में किसी ने नामांकन पत्र दाखिल नही किया।
सैफई ब्लॉक प्रमुखी में ढाई दशक से मुलायम परिवार का कब्‍जा बरकरार
यूपी के इटावा की सैफई को ब्लॉक का दर्जा 1995 में मिला था। इसके बाद सबसे पहले मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई दिवंगत रतन सिंह के बेटे रणवीर सिंह ब्लॉक प्रमुख बने थे। यह सीट लगातार पच्चीस वर्षों से सैफई परिवार के पास रही है. बता दें कि मैनपुरी के पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव की मां और लालू-राबड़ी की समधन बीडीसी चुनाव में निविर्रोध निर्वाचित हुई थीं। सैफई ब्लॉक प्रमुख सीट पर हार जीत का कोई सवाल नहीं उठता, क्योंकि सबको भलीभांति पता होता है कि इस सीट पर मुलायम परिवार का कब्जा रहता है। मृदला यादव निर्वतमान ब्लॉक प्रमुख हैं और दूसरी बार फिर से चुनाव मैदान में उतरी हैं।
इस वजह से खास है सैफई की ये सीट
कई मायनों से सैफई की सीट अहम मानी जाती है, क्‍योंकि इस सीट जीत दर्ज कर धर्मेंद्र यादव ने राजनीति में प्रवेश किया था। उसके बाद मैनपुरी के पूर्व सांसद और मुलायम के नाती तेज प्रताप सिंह ने भी इसी सीट को जीतकर राजनीति में प्रवेश किया। तेज प्रताप के मैनपुरी से सांसद निर्वाचित होने के बाद यह ब्लॉक प्रमुख पद उनकी मां मृदुला यादव ने संभाला था। मृदुला यादव के पति रणवीर सिंह यादव की साल 2002 में असमायिक निधन के बाद सैफई महोत्सव का आयोजन उनके नाम पर किया जाना शुरू कर दिया गया था, लेकिन फिलहाल इस पर ब्रेक लगा हुआ है।
सियासत में लगातार बढ़ रहा सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव कुनबा
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदारों का कुनबा सियासत में लगातार बढ़ रहा है, जिसमें न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाओं को भी राजनीतिक प्रतिनिधित्व का मौका मिला है। राजनीति में कदम रखने वाली मृदुला यादव मुलायम परिवार की पांचवीं महिला सदस्य हैं। वह मुलायम के भाई दिवगंत रतन सिंह की पुत्रवधू और मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव की मां है। जबकि 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद अखिलेश ने कन्नौज लोकसभा सीट अपनी पत्नी डिंपल यादव के लिए खाली कर दी थी। इस सीट वह सांसद बनी थीं। फिर यहां से 2014 में डिंपल यादव सांसद बनीं, लेकिन 2019 के संसदीय चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था। मुलायम सिंह यादव के भाई राजपाल यादव की पत्नी प्रेमलता यादव साल 2005 में इटावा की जिला पंचायत अध्यक्ष पहली दफा चुनी गई थीं। जबकि समाजवादी पार्टी से अलग होकर नये दल का गठन कर चुके प्रसपा चीफ शिवपाल सिंह यादव की पत्नी सरला 2007 में जिला सहकारी बैंक इटावा की राज्य प्रतिनिधि बनाई जा चुकी हैं। सपा सुप्रीमो की भतीजी और सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन संध्या यादव ने जिला पंचायत अध्यक्ष के जरिए राजनीतिक एंट्री मार सबको चौंका दिया था. वह पिछली बार मैनपुरी से जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए निर्विरोध चुनी गई थीं।