Monday, November 18, 2024
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रपटा के ऊपर पानी आनें से दो दर्जन गांवों का सम्पर्क टूटा

मौदहा,हमीरपुर। क्षेत्र में लगातार हो रही रुक-रुक कर बारिश से आमजन का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। एक ओर जहां बारिश के चलते कच्चे घरों के गिरने का सिलसिला तेज हो गया है। तो वहीं कोतवाली क्षेत्र के मौदहा सिसोलर मार्ग पर पढोरी गांव में बने रपटा के तीन फीट ऊपर पानी आ जाने से लगभग दो दर्जन गांवों का कस्बे से सम्पर्क टूट गया है और लोंगों को लगभग पैतींस कोलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ रही है। और एहतियात के तौर पर दोनों ओर मुख्य मार्ग को बैरीकेट कर पुलिस तैनात कर दी गई है जो लगातार लोंगों से नदी से दूर रहने की अपील कर रही है। आमतौर पर एक दशक से बुण्देलखण्ड क्षेत्र में औसत से कम वर्षा होने से जहां किसान परेशान रहा है और पलायन करने के मजबूर होता रहा है। तो वहीं क्षेत्र में पैदा होने वाली सब्जियों की बढ़ती कीमतों का असर आमजन पर भी पड़ता रहा है। लेकिन इस साल समय पर आये मानसून के कारण हो रही औसत वर्षा से नदियां उफान पर आ गई हैं। और तहसील मुख्यालय को सिसोलर से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर पढ़ोरी ग्राम में चंद्रावल नदी पर बना रपटा जलमग्न होने के कारण लगभग दो दर्जन गांवों का तहसील मुख्यालय से पूरी तरह से सम्पर्क कट गया है और लोंगों को प्रभावित गांवों के लोंगों को लगभग पैंतीस किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर तहसील मुख्यालय आना पड़ रहा है। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पढ़ोरी में चंद्रावल पुल पर बने रपटे पर पुल बनाने की मांग हर बार चुनावों में ग्रामीणों द्वारा जोरशोर से उठाई जाती है और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा उक्त मांग को शीध्र पूरा करने का आश्वासन भी मात्र चुनावों के समय दिया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि बीते चार दशक से प्रदेश में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की सरकारें बन चुकी हैं और केंद्र में बनने वाली सरकारों में भी सपा, भाजपा, बीएसपी, कांग्रेस आदि का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योगदान रहा है। लेकिन सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने पढ़ोरी रपटे पर बनने वाले पुल को मात्र चुनावी मुददा ही मान लिया है। पढो़री रपटे के ऊपर से पानी चलने के कारण लेवा, पासुन, गहरौली खुर्द, बम्हरौली, भैंसमरी सहित लगभग दो दर्जन गांवों का तहसील मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है। और इन गांवों के लोंगों को आवश्यक कार्यों हेतु सिसोलर टिकरी के रास्ते तहसील मुख्यालय आना पड़ता है, जिसके चलते उनके समय और श्रम के साथ ही अतिरिक्त धन की भी बर्बादी होती है। अधिकारी लगातार बढ़ रही चंद्रावल नदी की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं जबकि एसडीएम राजेश कुमार चौरसिया, क्षेत्राधिकारी रवि प्रकाश और कोतवाली प्रभारी ने स्वयं रपटे और आसपास के इलाकों का जायजा लिया और लोंगों से विशेष सतर्कता बरतने की बात कही। साथ ही रपटे के दोनें ओर से रास्ते को बैरीकेट कर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वहीं ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि जब सुबह छः बजे वह ड्यूटी पर आये थे तो पानी रपटे के नीचे था। लेकिन तीन घंटे में करीब चार फीट पानी बढ़ा है और नदी का बढ़ना लगातार जारी है। अगर इसी रफ्तार से पानी बढ़ता रहा तो शामतक स्थित बिगड़ सकती है। भैंसमरी निवासी साकेत कुमार ने बताया कि उन्हें भैंसमरी अपने गांव जाना था लेकिन पानी इतना अधिक है कि अब वह नहीं जा पा रहे हैं।और दूसरे रास्ते से जायेंगे। गहरौली खुर्द निवासी संतोष कुमार तिवारी ने बताया कि वह आवश्यक काम से रात में मौदहा आये थे| लेकिन अब नदी बढ़ गई है और पुलिस जाने से मना कर रही है। नहीं तो कहीं से भी निकलने की कोशिश करते। वह यहां पर तीन घंटे से खड़े हुए हैं।