कई सालों से थाने में तैनात पुलिस कर्मियों का ध्वस्त हो रहा मुखबिर नेटवर्क
ऊंचाहार/रायबरेली। जिलाधिकारी द्वारा जिला बदर किए गए शातिर अपराधी को पुलिस ने उसके गांव से उस समय गिरफ्तार किया जब उसने एक परिवार के कई सदस्यों को लहूलुहान कर दिया था। जब पीड़ितों ने डायल 112 पर सहायता के लिए सूचना दिया तब मौके पर पहुंची डायल 112 ने दो लोगों अखिलेश पुत्र संत लाल और वीरेंद्र पुत्र कामता को लाकर थाने में बिठाया। सूचना देने वाला पीड़ित परिवार एम्बुलेंस द्वारा ऊंचाहार सीएचसी पहुंचा जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद हमले में गंभीर रूप से घायलों को जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया।बताते चलें कि बीती शाम कोतवाली क्षेत्र के गांव पट्टी रहस कैथवल निवासी वीरेंद्र पुत्र कामता ने अखिलेश पुत्र संत लाल को और उनकी पत्नी को मार पीट रहा था तभी बीच बचाव करने गए देश राज पुत्र लालता ने लड़ाई बंद करवाकर अपने घर पर आ गए। जिला बदर शातिर अपराधी के साथ वीरेंद्र, रविन्द्र, योगेन्द्र पुत्रगण कामता और कामता पुत्र सत्तीदीन ने धावा बोलकर देश राज को मारा पीटा।इस दरम्यान जो भी बीच बचाव में आया वह भी वीरेंद्र के गुर्गों के हमले का शिकार हो गया। इससे पूर्व भी वीरेंद्र का अपराधिक व असामाजिक कृत्यों का इतिहास रहा है। पूर्व हुए पंचायत चुनाव के दरम्यान जिला बदर घोषित कर जेल भेजा गया था। स्थानीय पुलिस ने उसके विरुद्ध फरवरी माह में रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी थी। जेल से पुनः जमानत पर वापस आकर गांव में बराबर अपने घर रहकर आए दिन किसी न किसी से लड़ाई करता रहता था। जिसमें हल्का पुलिस वीरेंद्र की हमदर्दी साबित होती रही है। बीते दिन हुए विवाद में जब जिला बदर अपराधी का नाम आया तो प्रशासन के हांथ पाव फूलने लगे। डायल 112 द्वारा लाए गए अपराधी वीरेंद्र को कोतवाली पुलिस ने अपना गुड वर्क बताते हुए अपनी पीठ थपथपा ली। जबकि न्यायालय द्वारा उसे जमानत दिए जाने के बावजूद उसका जिला बदर प्रचलित था। फिर हाल मामले में मुकदमा दर्ज हो गया है लेकिन अब स्थानीय पुलिस अपराधी के साथ-साथ उसके गुर्गों पर शिकंजा कसती है या नहीं यह चर्चा का विषय बना हुआ है।