Sunday, November 17, 2024
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पत्रकार पर दिनदहाड़े हमला व लूट में मामले में करहल पुलिस ने किया धाराओं में खेल

आरोपी को मामूली धाराओं में कोर्ट में किया पेश, जमानत पर रिहा
मैनपुरी के एक बड़े भाजपा नेता व करहल का पूर्व चेयरमेन के दबाब में है करहल पुलिस : सुघर सिंह राष्ट्रीय प्रभारी
शासन से एसआईटी टीम गठित कर सम्पूर्ण प्रकरण की जांच की मांग
मैनपुरी। कस्बा करहल के एक पत्रकार के साथ नामजदो द्वारा की गई मारपीट के मामले में भले ही पत्रकारों ने लगातार दिन रात धरना प्रदर्शन किया हो लेकिन पुलिस ने अपनी ही चलाई और हमले व लूट के आरोपी रिंकू यादव को भाजपा नेताओं के दबाब में मामूली धाराओं में कोर्ट में पेश किया जहां से उसे तुरंत जमानत पर रिहा कर दिया गया यही नहीं पुलिस जमानत के बाद खुद आरोपी को अपने निजी वाहन में लेकर के थाने आई।
इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले आरोपियों की अति शीघ्र गिरफ्तारी को लेकर प्रदेश सचिव और जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में तीन दर्जन से अधिक पत्रकारों ने एसएसपी ऑफिस के सामने तिकोनिया पार्क में धरना प्रदर्शन किया जिसमे अगले दिन खुद पुलिस कप्तान अशोक कुमार राय ने पीड़ित पत्रकार को मिठाई खिलाकर धरना समाप्त करा दिया।
जिला मुख्यालय के कस्बा करहल निवासी पत्रकार ऋषिकांत दुबे के साथ दिनदहाड़े नामजदो ने हमला करके मारपीट और लूट की संगीन वारदात को अंजाम दिया था। पीड़ित पत्रकार ने एक मेडिकल स्टोर में घुस कर अपनी जान बचाई। थाना करहल पुलिस ने पीड़ित पत्रकार की तहरीर पर लूट और मारपीट की धाराओं में मुकदमा तो दर्ज कर लिया मगर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की। आरोपी अबनीश उर्फ रिंकू पुत्र सुभाष चंद्र निवासी अहलादपुर, सुग्रीव यादव पुत्र रामदास निवासी दोस्तपुर, अनूप यादव पुत्र दशरथ सिंह निवासी मोहल्ला भटेला तथा चार अज्ञात के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। कई दिन बीत जाने के बावजूद भी जब आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो मैनपुरी का चौथा स्तंभ दर्जनों की संख्या में पुलिस अधीक्षक से मिला। 24 घंटे का आश्वासन मिलने के बावजूद भी आरोपियों की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। गुरुवार की दोपहर इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के बैनर तले प्रदेश सचिव साकिब अनवर चिश्ती और जिलाध्यक्ष अजय दीक्षित के नेतृत्व में 3 दर्जन से अधिक पत्रकार पीड़ित पत्रकार के साथ कलेक्ट्रेट स्थित तिकोनिया पार्क पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए। धरने के दूसरे दिन पुलिस प्रशासन हरकत में आया और पीड़ित पत्रकार की मांगों को मानते हुए मिठाई खिलाकर धरना समाप्त कराया।