रायबरेलीः पवन कुमार गुप्ता। मामला जनपद के ऊंचाहार क्षेत्र में राजमार्ग पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जो कि आए दिन सुर्खियों में रहता है। यहां पर देखा गया है कि कई बार प्रसव के लिए पीड़िता को सीएचसी में लाने से पहले ही मार्ग में अत्यधिक पीड़ा होने पर एंबुलेंस के अंदर ही ईएमटी व एंबुलेंस चालक तथा आशा बहू की मदद से सुरक्षित प्रसव करवा दिया गया हालांकि अच्छी बात है कि सीएचसी से जुड़े इन कर्मियों की सजगता से कई बार एंबुलेंस में सुरक्षित प्रसव कराया गया है। अब बड़ा सवाल यह है कि इन मामलों में सतर्कता बरतना इसलिए जरूरी है कि आखिर पीड़िता को प्रसव के लिए उसके घर से लाने में इतनी देरी क्यों की जाती है। क्या गांव में मौजूद आशा बहुएं प्रसूताओं को सही सलाह नहीं दे रही हैं या फिर उनका इलाज समय पर नहीं हो रहा है जिससे कि उन्हें जानकारी हो सके। यदि इसी देरी के कारण कभी पीड़िता की हालत गंभीर हुई तो क्या एंबुलेंस में मौजूद यह चालक, ईएमटी व आशाबहू पीड़िता की सुरक्षित प्रसव करवा सकेंगे या फिर इसके जिम्मेदार सीएचसी के अधिकारी होंगे। खैर राहत की बात यह रही है कि अब तक ऊंचाहार सीएचसी में पहुंचने से पहले एंबुलेंस के अंदर कई सुरक्षित प्रसव हुए हैं और वह कामयाब भी रहे।परंतु आज एक बार फिर सीएचसी के अंतर्गत कार्यरत एम्बुलेंस चालक व ईएमटी की सजगता से एम्बुलेंस में सकुशल प्रसव कराया गया, जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और उन्हें सीएचसी में भर्ती कराया गया है।क्षेत्र के भागीपुर गाँव निवासी शिवेंद्र कुमार की पत्नी शीला देवी 25 को शनिवार की देर रात दूसरे बच्चे के प्रसव हेतु पीड़ा शुरू हो गई। जिसके बाद स्वजनों की सूचना पर एम्बुलेंस लेकर चालक राजेश कुमार व ईएमटी दीपक कुमार मौके पर पहुंचे। जिसके बाद प्रसव पीड़िता को लेकर वो सीएचसी आ रहे थे तभी पूरे छीटू सिंह गांव के निकट महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई। आखिरकार चालक, ईएमटी व आशा बहु बिटाना देवी ने सजगता दिखाते हुए एम्बुलेंस में ही सकुशल प्रसव कराया। महिला ने इस दौरान बेटी को जन्म दिया। उसके बाद स्वस्थ अवस्था में जच्चा व बच्चा को सीएचसी में भर्ती कराया गया है।