⇒पीड़ित युवक ने पुलिसकर्मियों द्वारा 43 हजार रूपए छीन लेने की शिकायत डीसीपी साउथ से की।
कानपुरः अवनीश सिंह। बिगत दिनों थाना क्षेत्र गुजैनी में लूट व चोरी के माल को फर्जी बरामद करने के मामले में थानाध्यक्ष सहित खुलासा करने वाली पुलिस टीम पर लूट के मामले में एक निर्दोष को जेल भेजने का गम्भीर आरोप स्वयं वादी मुकदमा व मौके के चश्मदीद गवाह द्वारा लगाया जा चुका है। इसी क्रम में गुजैनी थाना के सिपाहियों पर एक युवक द्वारा रुपये छीन लेने व फर्जी तौर पर जुआ खेलते दिखाने का गम्भीर आरोप लगाया गया है।
जानकारी के अनुसार, गुजैनी थाना क्षेत्र में रामगोपाल चौराहे में दो युवकों को जुआ खेलने के आरोप में पकड़ा गया था। जिसमे दोनों युवकों पर धारा 13 जी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई थी जिसमें युवकों के पास 9500 रुपये की रकम बरामदी पुलिस द्वारा बताई गई थी।
किन्तु आज इनमें से एक आरोपी सुमित कुमार द्वारा डीसीपी साउथ के यहां प्रार्थना पत्र दिया गया है जिसमें सुमित ने गुजैनी थाना के पुलिसकर्मियों पर रुपये छीनने का आरोप लगाया है। सुमित के अनुसार, विगत 6 जुलाई को दिन में करीब 3 बजे बोरिंग का काम करने वाले मिस्त्री के यहां रामगोपाल चौराहे कच्ची बस्ती में गए थे।
तभी अचानक वहां पीछे से गुजैनी थाना के उप निरीक्षक गौरव शौलिया व कांस्टेबल सुधीप, अजय, रामबाबू आ धमके और सुमित व मिस्त्री महेश मिश्रा को पकड़ लिया। इतना ही नहीं पुलिस कर्मियों ने जोर जोर धमकाकर कहा कि जुआ खेल रहे हो और यह कहते हुए कांस्टेबल सुधीप ने सुमित की जेब में रखे 43000 रुपए छीन लिए। इसके बाद दोनों को थाने में लाकर बंद कर दिया। सुमित न आरोप लगाया कि पुलिसवालों ने रुपये हजम करने के उद्देश्य से जुआ खेलता दिखाकर चालान कर दिया गया।
आज सुमित ने डीसीपी साउथ के यहां गुजैनी थाना के पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र देकर डीसीपी साउथ से न्याय की गुहार लगाई है।
इस संदर्भ में जब गुजैनी थाना प्रभारी रवि शंकर त्रिपाठी से जानकारी की गई तो उन्होंने कहा कि सुमित द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।
बताते चलें कि गुजैनी थाना क्षेत्र के गुजैनी नहर के पास घटित दो घटनाओं को एक बनाकर, एक घटना के पीड़ित को वादी व एक घटना के पीड़ित को चश्मदीद गवाह बनाकर, तीन में आरोपियों को गिरफ्तारी दिखाते हुए गुडवर्क के चक्कर में मनगढ़न्त कहानी बनाकर फर्जी खुलासा करने का गम्भीर आरोप लग चुका है जो सुर्खियों में बना हुआ है। इस मामले में एक आरोपी को निर्दोष को जेल भेज देने का आरोप थानाध्यक्ष रवि शंकर त्रिपाठी, तत्कालीन उप निरीक्षक राकेश दीक्षित, उप निरीक्षक अरुण कुमार, उप निरीक्षक रिन्कू कुमार, हे0 का0 देवेन्द्र सिंह, का0 ऋषि यादव व का0 अजय कुमार पर लग चुका है।