⇒राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बनाये गए है समूह
⇒महिलाओं को दी जाएगी ट्रेनिंग, खरीदी जाएंगी मशीन
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। अब ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी। इसके लिए महिलाओं के समूहों को गाय के गोबर से सजावट और पूजा के सामान, सामग्री आदि उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। जनपद में सरकारी और जिनी गौशालाओं की संख्या सैकड़ों में है। एक गौशाला में दो से तीन समूह जोडे जा रहे हैं, इन समूहों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये समूह गाय के गोबर से उत्पाद तैयार करेंगी। वर्तमान में मथुरा जनपद में 60 महिलाओं के पहले बैच की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। उत्पादन को बड़े पैमाने पर किया जा सकेगा जिससे लागत मूल्य और श्रम के सिद्धांत को साध कर बाजार की प्रतिस्पर्धा में समूहों द्वारा बनाए जाने वाले उत्पाद टिक सकें, इसके लिए मशीन खरीदी जाएंगी। इसी तरह दूसरे ब्लॉक की महिलाओं को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रथम फेज में अगरबत्ती, धूप बत्ती, सजावटी सामान, दीवार पर होने वाला पेंट आदि बनाने का काम किया जाएगा। एनआरएलएम के जिला मिशन प्रबंधक अनुराग रस्तोगी ने बताया कि मथुरा ब्लॉक के तीन समूह की महिलाओं को राल गांव में ट्रेनिंग दिलाने का काम किया जा चुका है। हमारी कोशिश यही है कि जहां गौशाला है, उनके आसपास के गांव की महिलाओं को ट्रेनिंग दिलाने का काम किया जाए। इन गौशाला से जब महिलाओं को गाय का गोबर मिल जाएगा। तो उन्हें काम करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
‘‘‘राजस्थान की एक गो सेवा समिति है, जो गाय के गोबर से तरह तरह के उत्पाद बनाती है। एक बदायूं की समिति है जो दीवारों पर पेंट बनने का काम करती है। वह भी गाय के गोबर से इन दोनों समितियों से समन्वय स्थापित करके अपने यहां भी यही काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए कोशिश की जा रही है सभी ब्लॉक में बने समूहों की महिलाओं को ब्लॉक स्तर पर ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।’’
-अजीत तिवारी, जिला प्रबंधक एनआरएलएम