Saturday, May 4, 2024
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महामारी अंत की पहली होली में रखें स्वास्थ्य का खास ख्याल

कोरोना महामारी का अंत हो गया है और यह पूरे पूरे 3 वर्ष तक चला। 2019 के बाद 2023 में खूब हर्षाेल्लास के साथ और बिना किसी रोक-टोक के होली मनाएंगे ऐसे में स्वास्थ्य का ख्याल रखना बहुत जरूरी है क्योंकि अक्सर हम जोश में होश खो बैठते हैं।
होली में मौसम में तेजी से बदलने लगता है सर्दी की विदाई और एकदम से तेजी से गर्मी आने लगती है ऐसे में अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना बहुत जरूरी है क्योंकि हमारा शरीर मौसम के बदलाव से अपने आप में संतुलन बनाने में लगा रहता है।
आइए जानते हैं कैसे खेले हैप्पी हेल्दी होली-
सबसे पहले तो अपने शरीर को अच्छे से हाइड्रेट रखें पानी का शरीर में बहुत अहम भूमिका है।
शरीर में पानी 60 प्रतिशत से भी ऊपर है, मस्तिष्क में 85 प्रतिशत, खून में 79 प्रतिशत, और फेफड़ों में 80 प्रतिशत है।यह हमारे शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकालता है और थकान को भी दूर भगाता है यदि आप ज्यादा पानी पी नहीं पाते क्योंकि आपका पेट फूलने लगता है या जी मिचलाने लगता है या पानी पसंद नहीं ऐसे में आप पानी के अन्य स्रोत जैसे ग्रीन टी ,फ्रेश फ्रूट जूस, नारियल पानी, जूसी फल जैसे संतरा, अंगूर ,खरबूजा ,तरबूज आदि का सेवन कर खुद को हाइड्रेट रख सकते हैं। शरीर में 60 प्रतिशत से भी अधिक पानी है । पानी पीना जरूरी है इसलिए पानी पीते रहे।
होली एक बहुत ही रंगीन और खुशियों से भरा त्यौहार है। हालांकि धमाल मचाने के साथ-साथ सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है जैसे होली के रंगों की बात करते हैं जिसमें जिसमें भरपूर केमिकल्स होते हैं जो आपकी स्क्रीन की उपरी लेयर मैं पहुंचकर नुकसान पहुंचाते हैं जैसे जलन खुजली लालिमा पिंपल्स रेशम रैश आदि इसके अलावा होली के मौके पर जो मिठाईयां खरीदते हैं वह बेहद मिलावटी हैं उसमें अलग-अलग तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं जो कि पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव डालते हैं जैसे अपच एसिडिटी गैस उल्टी और पेचिश।
होली के रंग खेलते समय बालों और बॉडी पर नारियल के तेल से मालिश कर ले या अच्छे से लगा ले ।
आंखों पर गॉगल्स चश्मा जरूर लगाएं।
होली के रंगों से होठ रूखे हो जाते हैं इसलिए होंठ पर देसी घी या पैट्रोलियम जेली लगाएं ।
फुल कपड़े पहने ताकि पचा पर त्वचा पर कम से कम रंग लगे ।
हर्बल एवं ऑर्गेनिक कलर्स का इस्तेमाल करें । सिल्वर चमकीले रंग का इस्तेमाल ना करें इसमें अल्मुनियम ब्रोमाइड होता है जो कि स्किन कैंसर तक के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
बाजार के हरे रंग से होली खेलते समय ध्यान रखें इसमें कॉपर सल्फेट पाया जाता है जो की आंखों में लालिमा सूजन जलन एलर्जी और अंधापन तक की समस्याएं पैदा कर सकता है ।
गेंदा, फूल, पानी, हल्दी, चंदन, टमाटर आदि से होली खेलें।
कुछ भी खाने से पहले हाथ अवश्य क्योंकि रंगों में कर बहुत छोटे छोटे होते हैं कई बार यह खाने की चीजों में भी मिल जाते हैं और दिखते नहीं इसलिए सुनिश्चित करें कि खाने की हर चीज पूरी तरह से ढकी हो।
बाजार की मिठाइयों एवं नमकीन का सेवन करने से बचें क्योंकि इसमें बेहद मिलावट और रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल होता है।
घर पर बने व्यंजनों का मजा लीजिए।
होली पर भांग पीने का आम प्रचलन है जोकि सेहत पर बुरा असर डालता है होली के दिन भांग की जगह आप आम पना, जलजीरा, लस्सी, नारियल पानी, शेख, मॉकटेल आदि ले सकते हैं।
अगर आप होली पार्टी के मेजबान है तो मेन्यू सेहत को नजर रखते हुए चुनिए जैसे ताजे फलों का रस, ग्रीन सब्जियां, ग्रिल्ड सब्जियां, प्लैटर्स सलाद आदि।
बहुत ठंडी चीजों का सेवन ना करें क्योंकि होली वैसे भी ऐसे मौसम में खेली जाती है जब ठंड का मौसम खत्म हो रहा होता है और गर्मी आ रही होती है जिसकी वजह से बुखार खांसी सर्दी आदि हो सकता
सांस की बीमारियों से पीड़ित रोगी अपनी सेहत का खास खयाल रखें क्योंकि रंग धूल ठंडी चीजों से दिक्कत बढ़ सकती है।
अगर किसी कारणवश रंग धोखे से आंखों में चला जाए तो आंख पर हल्के ठंडे पानी से छोटे-छोटे धीरे-धीरे छोटे मारिए और जब तक साफ करिए जब तक रन पूरी तरह से निकल नहीं जाता सिर्फ सूती कपड़े से आंख को साफ करके उसमें डिस्टिल्ड वॉटर दो-तीन बूंद डालें
कान में अगर किसी कारणवश रंग चला जाए ऐसे में अपने सिर को जोर-जोर से नीचे की ओर झटके फिर सुखी ईयर बट का प्रयोग कर रंग साफ करें । कान में रंग जाने से इन्फेक्शन भी हो सकता है।
मुंह में रंग चला जाए तो तुरंत मुंह में गुनगुना पानी नमक हल्दी के साथ गरारे करें गरारी करते वक्त ध्यान रहे कि पानी मुंह के अंदर नहीं जाना चाहिए
रंगों की वजह से अगर त्वचा में कोई एलर्जी हो जाए या सूखापन हो तो पहले दही हल्दी मिलाकर साफ करें। साबुन का इस्तेमाल ना करें।
फिर त्वचा को सूखे तौलिए से सुखा कर उस पर नारियल का तेल या देसी घी लगा ले। अगर आपको कोई भी दिक्कत हो गई है होली के रंग खेलते समय या उसके बाद तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।

डॉ0 अमरीन फातिमा