बीते दिनों एक पत्रकार पर ग्राम प्रधान ने करवाया था जानलेवा हमला
रसूलाबाद/कानपुर देहात, जन सामना संवाददाता। दबंग ग्राम प्रधान द्वारा पत्रकार के साथ मारपीट कराए जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हो पाया था कि एक अन्य पत्रकार के साथ भी मारपीट व हत्या की साजिशे शुरू हो जाने से पत्रकारों में रोष व्याप्त है।
उल्लेखनीय है कि रसूलाबाद क्षेत्र के इंदल पुर लालू के पत्रकार सतेन्द्र द्विवेदी के साथ गत 8 सितम्बर को दबंग ग्राम प्रधान सहित उनके समर्थकों द्वारा मारपीट कर जानलेवा हमला किया गया था। पुलिस द्वारा अभी तक आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही न किये जाने से उनके हौसले बढ़े हुए है ।
किराने की दुकान में बिक रही अवैध शराब
कानपुर नगर, जन सामना। महाराजपुर थाना क्षेत्र का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ है। जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे किराने की दुकान में अवैध तरीके से अंग्रेजी व देशी शराब की बिक्री हो रही है। वायरल वीडियो में शराब बेंचने वाला शख्स स्थानीय थाने के दरोगा को 6 हजार रूपए महीना बंधे होने की बात कर रहा है। सवाल यह है कि इस तरह से अवैध शराब की बिक्री से प्रदेश में हजारों लोग हर साल अपनी जान गंवा देते हैं। इसको रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारी आज तक कोई ठोस रणनीति नहीं तैयार कर पाए। जिस कारण अवैध शराब की बिक्री हर जगह हो रही है। जिसको संज्ञान में लेते हुए एसपी आउटर ने वीडियो के आधार पर जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के आदेश दिए है एवम् आबकारी विभाग को कार्यवाही करने को निर्देशित किया है।
Read More »नैतिक मूल्यों की रक्षा
सोशल साइट्स पर अनेक जघन्य अपराधों के ऐसे-ऐसे मामले बढ़-चढ़ कर प्रकाश में आ रहे हैं, उससे यही लगने लगा है कि आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोग पूरी तरह से बेखौफ होने लगे हैं। उन्हें किसी का जान या परिवार से कोई मतलब नहीं रहा है। उन्हें किसी की जान ले लेने से कतई संकोच नहीं रहा है। अनेक मामले प्रकाश में आ चुके है कि किसी को सबक सिखाने में उसकी जान चली गई। सबक सिखाने का यह तरीका तो कतई उचित नहीं हो सकता कि कानून के हवाले ना कर उसे जान से ही मार डाला जाए। क्या हमारे समाज से मानवीय तकाजा खत्म होता जा रहा है? कानून का राज संदेह के घेरे में आ चुका है? अगर ऐसा नहीं तो फिर क्यों लोग कानून को अपने हांथों में ले रहे हैं? पुलिस के पास जाने के वजाय लोग स्वयं फैसला करने लगे हैं। समाज में हिंसक नजारों से सवाल उठना लाजिमी है कि क्या समाज को हिंसक होने की त्रासदी से बचाया जाना एक जरूरूरत बन गया है। ? तमाम संचार माध्यमों पर अपराध और हिंसा को आम घटना की तरह परोसा जाने लगा है। मुहिम तक छेड़ दी जाती है। न्यायालय की बात नहीं बल्कि लोग अपने मन मस्तिष्क से फैसला ले रहे हैं और सजायें देने की बात कर रहे हैं। अब तो ऐसे नजारे भी सामने आ चुके है कि सजायाफ्ता अपराधियों को लोग सम्मानित कर रहे हैं, शायद ऐसे नजारों से सबसे हमारे सामाजिक मूल्यों को आघात लगा है और यह आघात अकथनीय है।
समाचारों की सुर्खियों पर अगर विचार करें तो पिछले कुछ सालों से जिस तरह उन्मादी व अराजक तत्व समाज को सुधारने के नाम पर हिंसा को हथियार के रूप में प्रयोग कर रहे हैं या करते देखे जा रहे हैं। वह एक गम्भीर विषय है।इ इस पर विचार किया जाना चाहिये। ऐसा माहौल तैयार कर दिया गया है जिससे कि अपने ही बीच रहने वाले बहुत सारे लोगों को कई लोग शक की नजर से देखने लगे हैं।
विकृतियों का खतरा
ऐसा महौल बनता सा जा रहा है कि भारतीय समाज हिंसक एवं असभ्य होता जा रहा है। सुर्खियों पर अगर विचार करें तो ऐसा महसूस हो रहा है कि एक ऐसा हिंसक समाज बन रहा है, जिसमें कुछ लोगों को दिन भर में जब तक किसी ना किसी तरह का अपराध कारित कर देते है तब तक उन्हें बेचैनी-सी रहती है। हालांकि ऐसे कृत्य कोई नये नहीं हैं। इतिहास में ऐसे कुछ विकृत दिमागी लोग हुए हैं, जिन्हें यातना देकर या परेशान करके किसी को मारने में आनंद आता था। उन्हें एक अलग तरह की अनुभूति हो थी, लेकिन आधुनिक सभ्य समाजों में ऐसी प्रवृत्ति का कायम रहना गहन चिन्ता का विषय है। यह समझना मुश्किल होता जा रहा है कि शिक्षा का स्तर आधुनिक होने के बावजूद वर्तमान के लोगों में असहिष्णुता, असहनशीलता और हिंसा की प्रवृत्ति इतनी कैसे बढ़ रही है कि जिन मामलों में उन्हें कानून की मदद लेनी चाहिए, उनका निपटारा भी वे खुद करने लगते हैं और कानून हांथ में ले रहे हैं।
ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति का चरित्र देश का चरित्र है। जब चरित्र ही बुराइयों की सीढ़ियां चढ़ने लग जाये तो भला कौन निष्ठा के साथ देश का चरित्र गढ़ सकता है और लोक तंत्र के आदर्शों की ऊंचाइयां सुरक्षित कैसे रह सकती हैं? सवाल यह भी उठता है कि जिस देश की जीवनशैली हिंसाप्रधान होती है, उनकी दृष्टि में हिंसा ही हर समस्या का समाधान है ? अनेक उदाहरण सामने आ चुके हैं और लोगों ने मामूली बात पर या कहा-सुनी होने पर खुद इंसाफ करने की नीयत से कानून को अपने हांथ में ले लिया और किसी की हत्या करके अफसोस की बजाय कई लोग गर्व का अनुभव करते दिखे हैं। ऐसा देखने को मिला है कि मानो किसी की जान ले लेना अब खेल जैसा होता गया है।
केडीए का भ्रष्टाचार जनता कर रही अपने घर गिराने की गुहार
कानपुर दक्षिण, अवनीष सिंह। शहर के किदवई नगर स्थित केडीए रेजीडेंसी में एक अजब प्रकरण निकल कर आ रहा है। यहां रहने वाले लोगों ने कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से परेशान होकर केडीए रेजीडेंसी की बाहरी दीवारों पर बैनर लगा कर योगी सरकार से अपने घरों को गिराने की मांग की है। बैनरों में साफ-साफ यहां के लोग केडीए के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं एवं योगी जी से अपने अपार्टमेंट को गिराने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि 3 वर्ष पूर्व लिए गए फ्लैटों से पानी रिस रहा है, कॉलम और बीम में दरारें आ गई है, जिससे यहां पर रहने वाले परिवारों को जान का खतरा दिन रात सता रहा है।
Read More »डीएम ने अटल घाट का किया निरीक्षण
कानपुर नगर, जन सामना डेस्क। जिला अधिकारी विशाख जी0 द्वारा उप जिला अधिकारी सदर, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल, तहसीलदार सदर, अधिशासी अभियन्ता, सिंचाई एवं कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ अटल घाट का निरीक्षण किया गया।अटल घाट के विस्तारीकरण के सम्बंध में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, भारत सरकार को जिलाधिकारी द्वारा प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, भारत सरकार द्वारा की गयी अपेक्षा के अनुसार विस्तारी करण हेतु प्रस्तावित क्षेत्र के जमीन चिन्हांकन एवं राजस्व अभिलखों से मिलान किये जाने हेतु उपस्थित तहसील दार, सदर एवं कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देशित किया गया
Read More »जलभराव से पीड़ित लोगों की सुनीं समस्यायें
कानपुर, जन सामना डेस्क। जिला अधिकारी विशाख जी0, नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जी0 एन0 द्वारा संयुक्त रूप से लक्ष्मीपुरवा क्षेत्र का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने क्षेत्र का भ्रमण करते हुए स्थानीय लोगों से वार्ता की। लोगों द्वारा बताया गया कि क्षेत्र में जलभराव के कारण काफी कठिनाई हो रही है। इस पर जिलाधिकारी ने नगर निगम के अधिकारियों को लगातार निगरानी करते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्र में पानी के टैंकर की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। उन्होंने लक्ष्मी पुरवा में राशन वितरण कराने के लिए जिला पूर्ति अधि कारी को कैंप लगाकर राशन वितरण करने के भी निर्देश दिए कि तत्काल क्षेत्र में राशन वितरण सुनिश्चित कराए जाएं।
Read More »जेपी हॉस्पिटल में मिलेंगी लिवर ओपीडी सेवाएं
कानपुर, स्वप्निल तिवारी। जेपी हॉस्पिटल कानपुर के प्रथा हॉस्पिटल में संचा-लित करेगा लिवर ओपीडी सेवाएं लोगों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के वादे को पूरा करते हुए जेपी हॉस्पिटल नोएडा, कानपुर में लिवर रोगों के लिए व्यापक ओपीडी सेवाओं की शुरूआत करने जा रहा है स्पेशलटी लिवर ट्रांसप्लान्ट डॉक्टर – डॉ0 के आर वासुदेवन ओपीडी का दिन- माह का हर तीसरा शुक्रवार स्थान- प्रथा हॉस्पिटल, 107, 279, ब्रह्म नगर, हर्ष नगर कानपूर समय दोपहर 1 बजे से 3 बजे। सभी को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए जेपी हॉस्पिटल के मिशन के तहत ये ओपीडी सेवाएं शुरू की गई हैं। जेपी हॉस्पिटल के विशेषज्ञ आस- पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उपचार के सर्वश्रेष्ठ विकल्प उपलब्ध कराएंगे। डॉ0 के आर वासुदेवन डायरेक्टर डिपार्टमेन्ट ऑफ लिवर ट्रांसप्लान्ट जेपी हॉस्पिटल ने कहा कि जब लिवर ठीक तरह से काम करता है तो खून साफ होता है यह भोजन को पचाने और इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है यह भोजन में मौजूद पोषक तत्वों को ऐसे उत्पादों में बदलता है जो शरीर की सही कार्यप्रणाली के लिए ज़रूरी हैं ऐसे में यह शरीर के मेटाबोलिज्म और इम्यून सिस्टम को ठीक बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है आज के दौर में जीवनशैली में आए बदलावों पश्चिमी आहार के बढ़ने चलन, गतिहीन जीवनशैली और एल्कॉहल के सेवन की वजह से भारत में लिवर रोगों के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। लिवर रोगों पर नियन्त्रण की बात करें तों जीवनशैली में कुछ बदलाव लाना बहुत ज़रूरी होता है जैसे वज़न कम करना, कॉलेस्ट्राल कम करना।
Read More »शिक्षकों ने समस्याओं को लेकर किया प्रदर्शन
कानपुर, जन सामना संवाददाता। अशासकीय सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री को सम्बोधित 34 सूत्रीय मांग पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक, कानपुर नगर के माध्यम से प्रेषित करने हेतु सौंपा गया।
उक्त सूचना उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष हरिश्चन्द्र दीक्षित ने ज्ञापन देने के बाद एक विज्ञप्ति में दी है।
प्रमुख समस्याओं में वित्तविहीन शिक्षकों को न्यूनतम रू0 15000/- कोषागार से भुगतान करने, शिक्षक-शिक्षिकाओ एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों को राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेस चिकित्सा सुविधा दिये जाने, एन0 पी0 एस0 को समाप्त कर पुरानी पेंशन लागू किये जाने, तथा शिक्षकों एवं व्यवसायिक शिक्षकों को विनियमित किये जाने, जीर्ण- शीर्ण विद्यालयों की मरम्मत कराये जाने, सभी प्रकार के अवशेषों को सीधे जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से भुगतान किये जाने, मूल्यांकन एवं बोर्ड परीक्षा ड्यूटी का पारिश्रमिक भुगतान रूप से सम्मिलित है।
परोपकार का सबसे बड़ा लाभ है आत्मसंतुष्टि-रीता पाण्डेय
चन्दौली। शहाबगंज सेमरा परोपकार का सबसे बड़ा लाभ है आत्म संतुष्टि, आत्मा को शांति मिलना कि मैंने दूसरों के हित के लिए यह काम किया है। परोपकार निस्वार्थ भाव से किया जाता है किंतु इसके बदले में परोपकारी प्राणी को वो संपत्ति प्राप्त हो जाती है जो लाखों रुपए देकर भी नहीं खरीदी जा सकती वह संपत्ति है मन का सुख। ये बातें कही राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ चकिया की अध्यक्ष सुश्री रीता पाण्डेय ने। मौका था मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आर.के नेत्रालय वाराणसी द्वारा प्रत्येक शुक्रवार को आयोजित होने वाले निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर के आयोजन का। शिविर का संचालन सुबाष विश्वकर्मा व सुमन्त कुमार मौर्य ने किया।
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