Saturday, November 16, 2024
Breaking News

थोथा चना, बाजे घना…..

nutan-aजी बिल्कुल सही कहते हैं आप, सरकार बेकार, समाज बेकार, लोकतन्त्र में समस्या, शासन प्रणाली सही नहीं, बस सारी जिंदगी दोष देते रहते हैं हम। कभी सोचा ये बने किससे, कौन है इनका आधार, कौन है जिम्मेदार। नहीं कभी नहीं, चलिए ये बताइए कि आपने क्या किया, सिवाय गाल बजाने के, कभी किसी सामाजिक कार्य में भागीदारी की, कभी निस्वार्थ भावना से किसी गैर की समस्या का समाधान किया, शायद कभी नहीं, करें भी क्यूँ। क्या लेना देना आपको, सीधे सच्चे इंसान हैं आप, अपने रास्ते जाना, अपने रास्ते आना अपना घर, अपनी गृहस्थी, मगन हैं आप अपनी दाल रोटी में। वो बात अलग है कभी कहीं सामाजिक मुद्दों पर बात हुई तो समय पास करने का अच्छा साधन, आपकी बेबाक राय, सिर्फ कोरी राय, करना धरना कुछ नहीं । वो ही कहावत चरितार्थ ‘‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’’।
बङे ही प्रेम से अपनी उंगली उठाना, और कमी निकालना, कोई भी समाज सेवी हो या नेता, उनके ओहदे तक पहुंचने की मेहनत किसी को नहीं दिखाई देती, बस विपक्ष की तरह तैयार हैं 24ग7उंगली उठाने को। मानते हैं गंदगी है, कुछ कमियां हैं, पर आप भी तो सिर्फ नाक सिकोड़कर मुहँ पर रूमाल रखकर, आगे बढ़ जाते हैं, क्या कभी हिम्मत की है गंदगी के थोङे हिस्से को भी साफ करने की, शायद कभी नहीं।

Read More »

स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली लूट

pankaj-k-singhभारत में प्रतिवर्ष संक्रामक ‘दिमागी बुखार’ (जेई और एईएस) कुछ विशेष महीनों में पूरे देश को अपनी चपेट में ले लेता है। विशेषकर प्रतिवर्ष लाखों भारतीय बच्चे संक्रामक ‘दिमागी बुखार’ का शिकार होकर काल के गाल में समा जाते हैं। ‘दिमागी बुखार’ से हो रही बच्चों की मौत के बेहद संवेदनशील मामलों को रोकने के लिए केंद्र सरकार को तत्काल एक बेहद कारगर रणनीति बनाने की आवश्यकता है। देशभर में ‘दिमागी बुखार’ (जेई और एईएस) की स्थिति बेहद गंभीर स्तर पर पहुंच गई है। भारत सरकार तथा राज्यों की ओर से ‘दिमागी बुखार’ की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे विशेष कार्यक्रम बहुत अधिक सफल नहीं हो सके हैं। इस गंभीर समस्या से निजात पाने के लिए शीघ्र ही राज्य सरकारों को भी जरूरी ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
‘दिमागी बुखार’ (जेई और एईएस) की रोकथाम के लिए, आवश्यक फागिंग, टीकाकरण और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए सरकार प्रतिवर्ष भारी-भरकम धनराशि खर्च कर रही है, परंतु लापरवाही तथा अनेक स्तरों पर व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण जमीनी स्तर पर कोई फायदा अभी तक दिखाई नहीं पड़ रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटित होने वाले धन की खुली लूट देश में होती रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल और भी अधिक बदतर है। यहां तक कि कई राज्यों में तो जिला मुख्यालयों तक पर भी पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध नहीं हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।
विगत कुछ वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत ने कतिपय उपलब्धियां भी प्राप्त की हैं। भारत में शिशु मृत्युदर में शनैः-शनैः सुधार हो रहा है। भारत ने संक्रामक रोगों से लड़ने में अपनी क्षमता एवं तत्परता का परिचय दिया है।

Read More »

आतंकी हमले से आक्रोश

उरी में सैनिकों के शिविर पर किए गए आंतकी हमले के दौरान शहीद हुए जवानों के परिवारों में जहां शोक की लहर है तो देशभर आम जन के बीच आक्रोश देखा जा रहा है। सामाजिक संगठनों के साथ चाहे आम हो या खास सभी पाक की इस कायराना हरकत का विरोध करते हुए पाक का पुतला फूंक कर अपने अपने स्तर से पाक के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहे हैं तो देश के सभी राजनैनिक दलों ने भी इस हमले के प्रति पाक को करारा जवाब देने की राय व्यक्त की है। वहीं सोशल मीडिया पर अगर नजर डाली जाए तो चाहे आम हो या खास सभी ने एक ही स्वर में हां की है कि अब पाक को करारा जवाब ही दिया जाये न कि शोक संवेदना व्यक्त कर इतिश्री कर ली जाए। केन्द्र सरकार से देश के युवाओं ने यही कहा कि अब बहुत हो चुका है, आए दिन हमारे देश के जांबाज आये दिन शहीद हो रहे हैं और हम संवेदना देते रहते हैं। अब संवेदनाओं की बात नहीं बल्कि ठोस कार्रवाई करने का वक्त है। हालांकि केन्द्र सरकार ने पाक को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग करने की बात कही है लेकिन देश के लोग अब इसे सही नहीं मानते उनका मानना है कि यह तो दशकों से कहा जा रहा है और नतीजा शून्य ही है। करारा जवाब देने की बात तो सभी सरकारें करती चली आई लेकिन वास्तविकता यही है कि पाक को करारा जवाब नहीं दिया गया। अगर भारत सरकार वास्तव में पाक को करारा जवाब देती तो शायद यह दिन देश को नहीं देखने पड़ते।

Read More »

सपना मांगलिक की कलम से……हिजड़े की व्यथा

sapna-manglikकहते विकलांग उसे जिनका, अंग भंग हो जाता
मिलता यह दर्जा मुझको तो, क्यों मैं स्वांग रचाता
झूठ वेश खोखली ताली, दो कोठी बस खाली
जीता आया नितदिन जो मैं, जीवन है वो गाली।

घिन करता इस तन से हरपल, मन से भी लड़ता हूँ
कोई नहीं जो कहे तेरा, मैं दर्द समझता हूँ
तन-मन और सम्मान रौंदे, दुनिया बड़ा सताये
होता मेरे साथ भला क्यों, कोई जरा बताये।

अपनों ने ही त्याग दिया जब, मान गैर क्यों देते
जैसा भी है अपना है तू, गले लगाकर कहते
लिंग त्रुटि क्या दोष माँ मेरा, काहे फिर तू रूठी
फैंक दिया दलदल में लाकर, ममता तेरी झूठी।

Read More »

खौफ का पर्याय

gireesh-ashkखौफ का पर्याय खाकी हो गई।
मुल्क की भीवत्स झाँकी हो गई।।
मखमली रिश्ते भी सारे गुम हुए,
अब यहाँ बदरंग राखी हो गई ।।
अब बला अबला बनी इस मुल्क में
बेहया दुश्मन जहाँ की हो गई ।।
अनवरत चिंघाड़ते इस शोर में,
अब मधुर लोरी भी माँ की खो गई।
धन कमाने की कबायद यूँ बढ़ी,
जिन्दगी अब जोड़-बाकी हो गई।।

Read More »

सौंदर्य समस्याः समाधान शालिनी योगेन्द्र गुप्ता के साथ

2016-09-23-6-sspjsसवालः मेरा रंग सांवला है मेरी उम्र 24 साल है मुझे कम्पलीट मेकओवर टिप्स दें, पार्टी मेकअप के लिये-शोभना, अग्रवाल कानपुर
जवाबः सही रंग – ब्राइट कलर्स चुनें ताकि आपका स्किन ग्लो करे। इलेक्ट्रिक कलर्स आपके लिए बेस्ट हैं। जब डार्क कलर्स की ड्रेस पहनेंगी तो एक्सेसरीज न्यूट्रल कलर की रखें।
स्टाइल टिप्स – पेल कलर्स जैसे बेबी पिंक या स्काई ब्ल्यू कलर की ड्रेसेज पहनने से बचें। अर्दी शेड्स या न्यूट्रल कलर्स आप पर सूट करेंगे। लेकिन उस पर ब्राइट इलेक्ट्रिक शेड्स की एक्सेसरीज कैरी करें। आपके स्किन टोन पर ब्राइट पिंक, इलेक्ट्रिक ब्ल्यू और ब्राइट राॅयल, पर्पल बेहद अच्छे लगेंगे।
मेकअप-अगर तुरंत तैयार होना है तो डार्क रेड लिपस्टिक आपकी बेस्ट फ्रेंड है। दिन में मैट शेड्स का इस्तेमाल करें और नाइट आउट के लिए शिमर इफेक्ट दें। सिल्वर का प्रयोग करने से बचें, पर गोल्ड शेड्स आपके रूप को निखारने में मदद करेंगे।

Read More »

ये मेरा मन…..

pooja-ahoojaकभी गोटा किनारी लगाता जाता ये मेरा मन
कभी चुनरी लहराता जाता ये मेरा मन
कभी अरमान संजोता जाता ये मेरा मन
कभी टूट कर बिखरता जाता ये मेरा मन
कभी आग बनके दहकता जाता ये मेरा मन
कभी राख बनके सुलगता जाता ये मेरा मन
कभी आँखों में ख्याल बनके सो जाता ये मेरा मन
कभी पलकों में सपने बिखेर जाता ये मेरा मन

Read More »