⇒1931 में आचार्य शांति सागर महाराज और 1965 में आचार्य विद्यानंद महाराज पर हेलीकाप्टर से हुई थी पुष्प वर्षा
⇒ बड़ागांव का त्रिलोक तीर्थ धाम बना हुआ है श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र
बागपत, विश्व बंधु शास्त्री। उत्तर प्रदेश में बागपत की धर्म नगरी बड़ौत समेत पूरे जनपद में बुधवार यानी आज से शुरू हो रहे दशलक्षण पर्व को लेकर जैन श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है। जनपद में जैन श्रद्धालु बड़े ही उत्साह के साथ दशलक्षण पर्व को मनाते है। नगरों को तोरण द्वारो से सजाया जाता है।
दरअसल, बागपत की धर्मनगरी बड़ौत का धार्मिक गतिविधियों से वर्षों से गहरा नाता रहा है। यहां पर देश के प्रसिद्ध सुधर्माचार्य के सानिध्य में चातुर्मास व पंचकल्याणक हो चुके हैं। इतना ही नहीं यहाँ जैन धर्म के 13वे तीर्थंकर मल्लिका भगवान का 17 बार समोशरण हो चुका है।
चातुर्मास और पंचकल्याणक में देश के वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह व उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल सूरजभान तक भी शामिल हो चुके है। बड़ागांव के त्रिलोक तीर्थ धाम के पंचकल्याणक महोत्सव में राजनीतिक क्षेत्र की तमाम हस्तियां भाग ले चुकी है।
दिगंबर जैन प्रमागम मंदिर कमेटी बड़ौत के अध्यक्ष विनोद कुमार जैन एडवोकेट ने बताया कि जनपद में कमोबेश एक सौ जैन मंदिर है। ये मंदिर जनपद के बरनावा, बड़ागांव, बिनौली, टीकरी, सरूरपुर, बावली, कोताना, बागपत, दोघट, अमीनगर सराय, खेकड़ा, दाहा, अग्रवाल मंडी टटीरी, किशनपुर बराल, मलकपुर, बड़ौली आदि गांवों व कस्बो में स्थित है। अकेले धर्मनगरी के रूप में पहचान बनाने वाले बड़ौत में ही जैन धर्म से जुड़े 11 मंदिर हैं। जिसमें बड़ा जैन मंदिर, दिगंबर जैन मंदिर, गुराना रोड, दिगंबर जैन मंदिर पारस बिहार, साधुवृति आश्रम दिगंबर जैन मंदिर दिल्ली रोड, दिगंबर जैन अतिथि भवन मंदिर, अजितनाथ दिगंबर जैन मंदिर, शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर कैनाल रोड, महावीर स्वामी दिगंबर जैन प्रमागम मंदिर व श्वेतांबर मंदिर आदि शामिल हैं। यहां पर जैन श्रद्धालु नियमित पूजा अर्चना करते हैं।
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