Tuesday, November 12, 2024
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NHAI ने तोड़ डाला सार्वजनिक प्रसाधन, लोगों को हो रही परेशानी

पवन कुमार गुप्ताः ऊंचाहार, रायबरेली। तहसील ऊंचाहार के अधिवक्ताओं ने तहसील ऊँचाहार के गेट की बाउण्ड्री से सटकर बने सार्वजनिक सुलभ शौचालय को एन एच ए आई द्वारा गिरा दिया गया है जिससे वादकारी, अधिवक्तागण और आम जनमानस को प्रसाधन में परेशानी उत्पन्न हो गयी है। अधिवक्ताओं ने एसडीएम ऊंचाहार सिद्धार्थ चौधरी को ज्ञापन सौंपकर यह कहा कि अपने स्तर से एन एच ए आई को निर्देशित करके उक्त सार्वजनिक शौचालय तोड़ दिए जाने के एवज में तहसील परिसर के अन्दर एक सुलभ शौचालय / सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करा दिया जाए।
जिससे आम जनमानस, अधिवक्तागण, वादकारीगण को प्रसाधन की परेशानी न हो।
उपजिलाधिकारी ऊंचाहार सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में अधिवक्तागण, आने वाले आमजनमानस व वादकारी को प्रसाधन की हो रही असुविधा को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है।

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ऋषि परम्परा के उद्योगपति रतन टाटा

रतन टाटा आजाद भारत में उद्योग जगत के ऐसे नायक कहें या महानायक थे जिन्हें हर कोई स्नेह करता था। वे 86 साल के थे, उनका जाना दुखी करता है लेकिन उनका जीवन कभी भी शोक का क्षोभ का कारण नहीं रहा । क्योंकि उनके हिस्से में यश-कीर्ति के अलावा कुछ और था ही नहीं। वे अपयश से कोसों दूर रहे। जो उनसे मिला वो भी और जो उनसे नहीं मिला वो भी रतन टाटा का मुरीद था।
मैं रतन टाटा से कभी नहीं मिला,लेकिन मुझे ऐसा प्रतीत होता था कि वे हमारे घर के ही बुजुर्ग सदस्य हैं। वे न हमारी जाति के थे और न बिरादरी के ,फिर भी अपने से थे। वे पारसी थे ,ये बहुत कम लोग जानते होंगे,क्योंकि उन्होंने कभी अपने पारसी होने का डंका नहीं पीटा । हिन्दुस्तान के बच्चे -बच्चे की जुबान पर रतन टाटा का नाम था । आखिर क्यों न होता? एक जमाने में टाटा उद्योग समूह ने भारतीयों के लिए छोटे से लेकर बड़े उपभोक्ता सामिन का गुणवत्ता के साथ निर्माण किया और जन-जन तक उसे पहुंचाया। रतन टाटा दरअसल आज के भारत में एक अपवाद थे, जो उद्योगपति होते हुए भी सादगी पसंद थे। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत है । उनके जीवन के तमाम ऐसे किस्से हैं जो आपको चौंकाएंगे भी और प्रभावित भी करेंगे।
आज के युग में जहाँ कोई भी उद्योगपति विवादों से परे नहीं है । विवाद भी ऐसे जो कि जो आपको हैरान भी करें और दुखी भी। लेकिन रतन टाटा इन सबसे बचे रहे। कैसे बचे रहे ये शोध का विषय हो सकता है। रतन टाटा को हालाँकि भारतरत्न अलंकरण नहीं मिला लेकिन वे थे तो भारतीय उद्योग जगत के रतन ही। उनकी चमक दमक आखरी वक्त तक कायम रही । उनका नाम सड़क से संसद तक सम्मान के साथ ही लिया गया । कभी किसी भी सरकार के साथ उनकी न नजदीकी रही और न दूरी। किसी सरकार को उनकी वजह से और उन्हें किसी सरकार की वजह से न विवादित होना पड़ा और न अपमानित। उन्हें लेकर संसद में कभी कोई उत्तेजक बस नहीं हुई ।
रतन टाटा को ईश्वर ने बेहद खूबसूरत बनाया था। वे यदि उद्योगपति न होते और फ़िल्मी दुनिया में काम कर रहे होते तो शायद वहां भी उनका स्थान शीर्ष पर ही होता । रतन जी खास होकर भी हमेशा आम आदमी कि बारे में सोचते थे। पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के छोटे बेटे की कल्पना से जैसे सबसे सस्ती पारिवारिक कार मारुति-800 का जन्म हुआ था उसी तरह रतन टाटा ने भी एक लाख की कीमत वाली नैनो कार का निर्माण कराया और आम आदमी के कार वाले सपनों में रंग भरे थे। नैनो को मारुति-800 जैसा प्रतिसाद नहीं मिला लेकिन उनकी सोच को प्रणाम किया गया और उसे एक कीर्तिमान की तरह हमेशा याद किया जाएगा।
रतन टाटा अविवाहित थे, क्यों थे इसकी एक अलग कहानी है।

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देवी में निहित श्रृद्धा

शक्ति आराधना पर्व शारदीय नवरात्रि समापन की ओर है। हमने नौ दिवस माता के प्रत्येक रूप की महिमा एवं स्वरूप का गुणगान किया है। नौ दिन माँ ही हमारे लिए सर्वस्व रही है। प्रत्येक कन्या आदिशक्ति दुर्गाजी का प्रतिरूप है, जिसमें सृजन की शक्ति है जो सदैव परिवार के लालन-पालन, भरण-पोषण के लिए समर्पित रही है। जगतमाता जगदंबा ने प्रत्येक प्राणी को अपनी ममता की छाव प्रदान की है। सभी को संतति मानकर स्नेह और प्रेम से सींचा है। कन्या पूजन के समय हम कन्याओं को देवी का प्रत्यक्ष स्वरूप मानकर पूजते है, पर उस शक्ति स्वरूपिणी देवी की उत्कंठा, प्रताड़ना, भय, संत्रास, घुटन एवं पीड़ा हमें वर्ष भर दर्शनीय नहीं होती। भ्रूण हत्या के समय हम उस मातृ शक्ति को स्मरण रखना भूल जाते है। बलात्कार के समय हम उस देवी के आशीर्वाद, उसकी प्रार्थना, ध्यान, अर्चना एवं उसकी सृजन शक्ति सभी को नगण्य मानते है।
नारी की विशालता का वर्णन तो असंभव है। प्रत्येक स्वरूप में नारी ने उत्कृष्टता, समर्पण, श्रृद्धा, निष्ठा, त्याग एवं प्रेम को प्रदर्शित किया है। जब सीता बनी तो अपनी पवित्रता के लिए अग्निपरीक्षा दे दी। सावित्री बनी तो अपने पति के प्राणों के लिए निडर होकर यमराज के समक्ष प्रस्तुत हुई। राधा बनी तो प्रेम की उत्कृष्टता को दर्शाया। सती बनी तो पति सम्मान में देह त्याग दी। मीरा बनी तो सहर्ष विष का प्याला ग्रहण किया। लक्ष्मी बनी तो नारायण के चरण दबाकर सेवा का महत्व समझाया। उर्मिला बनी तब वियोग की पीड़ा को सहन किया। शबरी बनकर प्रभु के प्रति अगाध श्रृद्धा एवं भक्ति भाव को दर्शाया। भगवान शिव माता गंगा को शीश पर धारण करते है। वे नारी के प्रति सम्मान को बताते है। सीता स्वयंवर में नारी की स्वेच्छा को कितना महत्वपूर्ण बताया गया है।
आज पुनः महिषासुर रूपी राक्षस का आतंक, क्रूरता एवं भय दृष्टिगोचर हो रहा है। माता की पूजा शक्ति आराधना पर्व में तो हमने पूर्ण पवित्रता रखी है, परंतु हमारे विचार कलुषित हो गए है। वात्सल्य रूपी माँ भगवती को आज दैत्य शुंभ-निशुंभ एवं रक्तबीज का वध करना होगा। आज का मानव पुनः दानव में परिवर्तित होता नजर आ रहा है, जो स्त्री की गरिमा, निष्ठा एवं सम्मान का हनन कर रहा है, जिसके कारण दुर्गा रूपी कन्या का हृदय दहल गया है, जिससे शक्ति की आराधना करने वाले समाज में नारी स्वयं को असुरक्षित अनुभव करती है।
माँ के स्वरूप में आदि-अनंत, सृजन-विनाश, क्रूर-करुणा एवं काल सब कुछ व्याप्त है, तो माँ के इस स्वरूप के दर्शन हमें सदैव प्रत्येक नारी में करने चाहिए और कन्या के प्रति अपने विचारों को दिव्यता प्रदान करनी चाहिए।

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स्वस्थ समाज के लिए मानसिक विकारों से छुटकारा जरूरी है : डॉ अमरीन

कानपुरः स्वप्निल तिवारी/अखिलेश सिंह। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कानपुर प्रेस क्लब में एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सल रिलीफ ऐड (AURA) ट्रस्ट की संस्थापक डॉ0 अमरीन फातिमा ने प्रेसवार्ता करते हुए बताया, ‘‘ AURA ट्रस्ट के बैनर तले ट्रस्ट के सदस्यों के सहयोग से जमीनी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। अनेक बच्चों को नशे की लत से छुटकारा दिलाया गया है और निरन्तर छुटकारा दिलाया जा रहा है। इसके साथ ही कई लोगों को मानसिक विकारों से उबारने का काम किया है।’’
डॉ0 फातिमा ने यह भी बताया कि संस्था का उद्देश्य है कि लोगों के बेहतर जीवन के लिए कार्य करना है। इस मौके पर उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर किसी को मानसिक स्वास्थ्य की समस्या है तो वह कभी भी मुझसे या ट्रस्ट के सदस्यों से सम्पर्क कर सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि लोगो को अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। भावनात्मक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक संतुलन बनाये रखना चाहिए, क्योंकि आत्महत्या का एक कारण यह भी है। आये दिन देखने को मिल रहा है कि मानसिक अस्वस्थता के चलते लोग आत्महत्यायें कर रहे हैं।

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सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामी मराठी भाषा तथा तत्त्वज्ञान अध्ययन केंद्र का कुलपति ने किया निरीक्षण

वर्धा: जन सामना डेस्क। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के रिद्धपुर (अमरावती) स्थित सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामी मराठी भाषा तथा तत्त्वज्ञान अध्ययन केंद्र पर संचालित करने हेतु प्रस्‍तावित पाइलेट परियोजना के संचालन हेतु आवश्यक व्यवस्था आदि का निरीक्षण करने के लिए विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने कुलसचिव प्रो. आनंद पाटील के साथ 8 अक्‍टूबर 2024 को केंद्र का औचक दौरा किया। इस अवसर पर महानुभाव पंथ के अध्‍येता मोहन बाबा कारंजेकर, सद्य स्थापित मराठी भाषा विद्यापीठ के प्रथम कुलपति प्रो. अविनाश आवलगांवकर एवं महंत राजधर वाईंदेशकर बाबा उपस्थित रहे।
निरीक्षण के क्रम में सबसे पहले चक्रधर स्‍वामी की प्रतिमा पर पुष्‍प अर्पित किया गया और केंद्र का निरीक्षण किया गया। इसके उपरांत कुलपति प्रो. सिंह ने मोहन बाबा कारंजेकर एवं डॉ. अविनाश आवलगांवकर का स्‍वागत पुष्‍पगुच्‍छ एवं अंगवस्‍त्र प्रदान कर स्वागत किया। इस अवसर पर मोहन बाबा कारंजेकर ने कहा कि सभी भारतीय भाषाओं का अध्‍ययन, अध्‍यापन हो इस विचार से विश्‍वविद्यालय के रिद्धपुर केंद्र की स्‍थापना की गई। रिद्धपुर में संतों द्वारा लिखे गए 4500 दुर्लभ ग्रंथों की पांडुलिपियाँ मौजूद हैं। इस ग्रंथ संपदा का सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद कर देश-दुनिया में पहुँचाना आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि मराठी भाषा की दृष्टि से रिद्धपुर ऐतिहासिक महत्त्व का स्थान है और यहाँ विश्‍वविद्यालय का केंद्र स्‍थापित होना हम सभी के स्‍वाभिमान का विषय है।

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आईवी प्रीमियर लीग के फाइनल मुकाबले में टाइटंस की टीम रही विजेता

फिरोजाबाद। आईवी इंटरनेशनल स्कूल में चल रहे आईवी प्रीमियर लीग में बुधवार को फाइनल मुकाबला आईवी किंग्स एवं आईवी टाइटंस के मध्य खेला गया। जिसमें आईवी टाइटंस की टीम ने आईवी किंग्स को हराकर आईवी प्रीमियर लींग की ट्राफी पर पर कब्जा जमा लिया।
आईवी किंग्स के कप्तान अमन यादव ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। टाइटंस के बल्लेबाजों ने निर्धारित 15 ओवरों में सभी विकेट होकर 108 रनों का लक्ष्य रखा। जिसमें आकाश कुमार ने 34 रनों का योगदान दिया। किंग्स की तरफ से गेंदबाजों में आयुष पाल 3, अमन यादव 3, आयुष कुमार 2 विकेट प्राप्त करने में सफल रहे। लक्ष्य का पीछा करने उतरे किंग्स के सभी बल्लेबाज 62 रनों पर ढेर हो गए।

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गांव किनारे घूम रहे भेड़िया के हमले से घायल हुई महिला

ऊंचाहार, रायबरेली। तहसील क्षेत्र ऊंचाहार के ग्राम पूरे नौबत लाल निवासी बुधई पुत्र गिरधारी ने उपजिलाधिकारी ऊंचाहार सिद्धार्थ चौधरी को एक प्रार्थना पत्र देते हुए ग्रामीणों की समस्या से अवगत कराया। उसने यह भी बताया कि उसकी पत्नी सुमेरा आज दिन में दोपहर खेत में जानवरों को चारा खिलाने हेतु चारा लाने गई थी, तभी अचानक बगल के खेत से निकलकर एक भेडिये ने उसकी पत्नी पर हमला कर दिया, जिससे वह महिला घायल हो गई। महिला के शोर करने पर आसपास खेत पर काम कर रहे अन्य लोग दौड़े तब भीड़ देखकर भेड़िया वहां से भागा। ग्रामीणों का कहना है कि कई दिनों से यह भेड़िया रात दिन में गांव के किनारे इर्द गिर्द घूमता रहता है कभी गांव के अंदर दरवाजे पर बंधी बकरियों को खा जाता है तो कभी कोई आदमी इसके हमले का शिकार हो जाता है। आज जब एक बार फिर से पीड़ित की पत्नी पर भेड़िया ने हमला कर घायल कर दिया तब पीड़ित ने उपजिलाधिकारी ऊंचाहार को पत्र लिखकर खुले में घूम रहे भेड़िया को पकड़ने की गुहार लगाई है।

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सपाईयों ने मनाई कांशीराम की पुण्यतिथि

फिरोजाबाद। सपा कार्यालय पर समाज सुधारक दलित शेाषित समाज के अधिकारों के लिए हमेशा लड़ने वाले कांशीराम की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया।
सपा जिलाध्यक्ष शिवराज सिंह यादव ने कहा कि कांशीराम भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। उन्होंने भारतीय वर्ण व्यवस्था में बहुजनों के राजनीतिक एकीकरण तथा उत्थान के लिए कार्य किया। सपा कार्यकर्ताओं ने उनके बताए गए मार्ग चलकर दलित, शोषित, पीडित, अल्पसंख्यक गरीब के उत्थान के लिए संकल्प लिया।

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हरियाणा ने जातिवाद को नकारा, क्षेत्रीय पार्टियां पूरी तरह साफ़

हरियाणा के जनादेश ने देश को एक बड़ा संकेत दिया है, उसकी तरफ़ भी लोगों को ध्यान देना चाहिए। हरियाणा में क्षेत्रीय पार्टियां पूरी तरह साफ़ हो गई हैं। हरियाणा ने फिलहाल क्षेत्रवाद और जातिवाद को नकार दिया है। जनता ने चुप रहकर सबका हित चाहने वालों को दिया वोट। पब्लिक सब जानती है किस में और कहाँ है कितना खोट। कांग्रेस ने दो दिन खूब खुशियाँ मनाई, किसने रोका था, मना भी लेनी चाहिए। लेकिन अतिआत्मविश्वास बहुत घातक होता है, जो कांग्रेस के सर चढ़कर बोला दो दिन। इनको क्या पता था कि बिस्मार्क को पटकनी देगी बीजेपी। शाह की चाल बड़ी शांत है, मगर विजेता जैसी है। कौटिल्य भी हरियाणा के परिणाम देखकर सोच रहे होंगे कि मैं क्या पढ़ना भूल गया। एग्जिट पोल ने जैसी हवा छोड़ी, वह बिलकुल उल्टा हुआ है। इसका मतलब मीडिया और उसकी एजेंसियाँ जनता के हित में काम क्यों नहीं कर रही या इनको केवल अपनी टीआरपी और विज्ञापनों से मतलब है। ये एक तरह से धंधा है, इनको ये सब अफवाह फैलाने का पैसा मिलता होगा। एग्जिट पोल वालों कभी तो सही पोल दिखाओ,कांग्रेस वालों को डर था कि लोकसभा वाले एग्जिट पोल की तरह ये भी झूठ ना हो और झूठा साबित हो गया। खुले आम सट्टा चला, क्या ये कानून सही है? अगर नहीं, तो एजेंसियाँ इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करतीं?
-प्रियंका सौरभ

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अंतर्राष्ट्रीय डाक दिवस पर निकाली प्रभात फेरी

रायबरेली। भारतीय डाक विभाग द्वारा 7 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसके क्रम में दिनांक 7 अक्टूबर को मेल एवं पार्सल दिवस एवं 8 अक्टूबर को फिलैटली दिवस के रूप में मनाया गया। 9 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय डाक दिवस के उपलक्ष्य पर प्रधान डाकघर घंटाघर द्वारा पोस्ट मास्टर सुशील कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में प्रभात फेरी निकाली गई एवं नागरिकों को डाक विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में एवं डाक सप्ताह के बारे में जागरूक किया गया। विभिन्न विद्यालयों के स्कूली छात्रों द्वारा डाकघर आकर डाक विभाग की विभिन्न शाखाओ में जाकर विभाग के बारे में जानकारी ली एवं विभाग की कार्यशैली के बारे में जाना। विभाग द्वारा फिट पोस्ट फिट इंडियाश् का संदेश आम जनमानस तक प्रभात फेरी निकाल कर पहुंचाया गया।

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