महाराजगंज, रायबरेली। परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प कराने के लिए ग्राम प्रधानों की गोष्ठी का आयोजन किया गया। महाराजगंज ब्लॉक के ग्राम प्रधानों से खण्ड विकास अधिकारी शिवबहादुर ने कहा कि अगर आप लोग चाह लें, तो अभी तक जहां पर भी कायाकल्प का कार्य नहीं हुआ हैं, वहां पर बहुत ही आसानी के साथ कार्य शुरू हो सकता है। विद्यालय के कायाकल्प कराने की पूरी बागडोर ग्राम प्रधान के पास में ही है। जवाहर नवोदय विद्यालय के सभागार में आयोजित संगोष्ठी में ग्राम प्रधानों से बीईओ राम मिलन यादव ने कहा कि आप लोगों के सहयोग से विद्यालय का बेहतर तरीके से कायाकल्प का कार्य कराया जा सकता है। इस मौके पर कम्पोजिट विद्यालय महाराजगंज,कस्तूरबा गांधी विद्यालय पाराकला, प्रा0 वि0 ऐहलाना, प्रा0 वि0 जमुरावां, प्रा0 वि0 हाजीपुर के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। खंड विकास अधिकारी शिव बहादुर ने 19 अवस्थापना सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख राजकुमार ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों के कायाकल्प में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
Read More »हिंदी भाषा अपने देश की प्रभावशाली विरासतः डॉ. संजीव आर्य
बागपत, जन सामना संवाददाता। चौधरी चरण सिंह ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट, बडौत में विश्व हिंदी दिवस मनाया गया। इस मौके पर पब्लिक स्कूल में लेखन व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
प्रतियोगिता का शुभारंभ कालेज निदेशक एवं आदर्श जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. संजीव आर्य ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया। अध्यक्षता श्रीमती कीर्ति त्यागी प्रधानाचार्य ने की।
डॉक्टर संजीव आर्य ने कहा कि राष्ट्रीय एकता की कड़ी हिंदी में जोड़ी जा सकती है। हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है जिस देश में अपनी भाषा अपने साहित्य पर गर्व ना हो वह देश आगे नहीं बढ़ा सकता।
हिंदी हमारी बोलचाल की भाषा है।
मूसलाधार बारिश से ऊंचाहार देहात के कई गांव सहित कोतवाली परिसर जलमग्न
ऊंचाहार, रायबरेली। मूसलाधार बारिश के कारण जहां ऊंचाहार देहात के कई गांव जलमग्न हुए वहीं कोतवाली परिसर भी इस बारिश में जलमग्न हुआ और फरियादियों का आवागमन इसी जलभराव से होता रहा । कोतवाली परिसर में जलभराव का कारण स्पष्ट नहीं हो सका हालांकि परिसर से जल की निकासी ना होने का मूल कारण नालियों में कचड़ा जमा होना हो सकता है। कोतवाली परिसर के बगल ही नगर पंचायत का कार्यालय भी है वहां मौजूद कर्मी नगर की व्यवस्था को सुधार करने में लगे हुए थे, परंतु कोतवाली परिसर के अंदर काफी समय तक जलभराव की समस्या बनी रही।
वहीं दूसरी तरफ ऊंचाहार देहात के कई गांव की सड़कें भी जलमग्न रहीं, ग्रामीणों के घरों के सामने काफी जलभराव रहा लोग तैराक की तरह आवागमन करते रहे। यहां तक की वाहनों का आवागमन भी दुष्कर रहा। ग्रामीणों के यह हालात ऊंचाहार देहात में भ्रष्टाचार की पोल खोल रही है।
भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण रखने में हिंदी का अहम योगदान-पोस्टमास्टर जनरल
वाराणसी। सृजन एवं अभिव्यक्ति की दृष्टि से हिंदी दुनिया की अग्रणी भाषाओं में से एक है। हिन्दी सिर्फ एक भाषा ही नहीं बल्कि हम सबकी पहचान है, यह हर हिंदुस्तानी का हृदय है। भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण रखने में हिंदी का बहुत बड़ा योगदान है। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल एवं चर्चित साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव ने केन्द्रीय विद्यालय 39 गो.प्र.के. वाराणसी कैंट में आयोजित हिंदी दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। प्राचार्य श्री बैरिस्टर पांडेय ने हिन्दी दिवस पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान का संदेश पढ़ कर विद्यार्थियों को हिंदी के प्रति प्रेरित किया। विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना एवं लोक विधा पर आधारित कजरी का भी प्रस्तुतिकरण किया गया तो छात्रा पल्लवी ने हिन्दी के महत्त्व एवं उपयोगिता पर अपना विचार प्रस्तुत किया।
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए हिंदी को मातृ भाषा के रूप में जननी की तरह सम्मान देने और राष्ट्र निर्माण व आपसी भाईचारे के बढ़ाने में हिंदी की महत्ता पर जोर दिया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दी की अहम् भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि हिन्दी सिर्फ साहित्य ही नहीं बल्कि विज्ञान से लेकर संचार-क्रांति, सूचना प्रौद्योगिकी और नवाचार की भाषा भी है।
एनटीपीसी में परियोजना प्रमुख के संदेश के साथ हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ
पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। भारत जैसे विशाल और बहुभाषी राष्ट्र के नागरिकों को एक मंच पर लाने में हिंदी भाषा का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। इस समय रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्रों, पत्र-पत्रिकाओं, विज्ञापनों तथा प्रचार-प्रसार के अन्य सभी माध्यमों से हिंदी स्वतरू ही प्रतिष्ठित और लोकप्रिय हो चुकी है तथा देश के अधिकांश भागों में इसे परस्पर संपर्क और बोलचाल की भाषा के रूप में अपनाया जा रहा है। उक्त विचार एनटीपीसी ऊंचाहार के मुख्य महाप्रबंधक अभय कुमार समैयार ने परियोजना में आयोजित हिंदी दिवस समारोह के दौरान व्यक्त किए।
परियोजना प्रमुख समैयार ने कहा कि ऊंचाहार परियोजना हिंदी भाषी क्षेत्र में स्थित है इसलिए यहां सभी को हिंदी में शत-प्रतिशत कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए। साथ ही साथ अपनी कार्यप्रणाली से राजभाषा हिंदी के प्रति अनुराग प्रदर्शित करना चाहिए। इस भाव को और पुख्ता करने के लिए समैयार ने सभी कर्मचारियों के लिए हिंदी भाषा में काम करने का संदेश प्रसारित किया। उनका ये संदेश प्रचार-प्रसार के सभी माध्यमों से पूरे परियोजना परिसर में प्रदर्शित किया जाएगा।
एक दिवसीय सतत जल प्रबंधन सम्मेलन का किया आयोजन
लखनऊ। उप्र के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने एक दिवसीय सतत जल प्रबंधन सम्मेलन का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। अपने संबोधन में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि सतत जल प्रबंधन समय की मांग है। पानी की मांग और आपूर्ति पक्ष पर ध्यान देने की जरूरत है। प्रदेश सरकार पानी की खपत के प्रबंधन के लिये डुअल पाइपिंग की शुरुआत की है, एक पाइप से स्वच्छ जल की आपूर्ति तथा दूसरे पाइप से शोधित (ट्रीटमेंट) जल की आपूर्ति की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है और कृषि के लिए 84 प्रतिशत जल का उपयोग किया जाता है। जल संरक्षित करने से पहले कृषि पर ध्यान देने की जरुरत है। इसके लिए देश में प्रधानमंत्री जी ने ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ अभियान शुरु किया था। पानी की हर बूंद से फसल की पैदावार कर सकें तभी जल संरक्षित हो सकता है।
नेहरू युवा केन्द्र ने की हिंदी पखवाड़े की शुरुआत
बागपत, जन सामना संवाददाता। नेहरू युवा केन्द्र की ओर से युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में हिंदी दिवस पखवाड़ा कार्यक्रम का शुभारंभ श्री यमुना इंटर कॉलेज से किया गया। जहां शब्द खोजो प्रतियोगिता के माध्यम से युवाओं को हिन्दी भाषा के प्रति जागरूक किया गया। जिसमें नीतीश भारद्वाज, सुषमा त्यागी, ईनाम उल हसन, साहिल, गगन, पूजा, धोनी, अमन कुमार आदि का सहयोग रहा। जनपद के असारा गांव के मुस्लिम इंटर कॉलेज में भी नेहरू युवा केन्द्र के स्वयंसेवको में दानिश व शादाब ने भाषण प्रतियोगिता के माध्यम से हिन्दी भाषा के इतिहास एवं महत्व पर प्रकाश डाला। बरनावा में कंपोजिट स्कूल में स्वयंसेवक अजय कुमार ने चित्रकला प्रतियोगिता व मानव श्रंखला बना हिन्दी दिवस मनाया।
Read More »मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
लखनऊ। मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में नमामि गंगे एवं ग्रामीण योजना जलापूर्ति, कृषि, नियोजन, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आदि विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में 38 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इसके अलावा साढ़े 3 करोड़ बूस्टर डोज आम जनमानस ने लगवा ली है।
उन्होंने सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि 15 सितंबर से पहले पद्म अवार्ड के लिए पोर्टल पर सामाजिक कार्य करने वाले ऐसे लोगों के नाम को अपलोड कर दिये जाएं, जिन्होंने जिलों में निःस्वार्थ भाव से कार्य किया हो। उन्होंने कहा कि यूपी में 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक ‘सेवा पखवाड़ा’ कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में 17 सितंबर को रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा, 18 सितंबर को निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण का कार्यक्रम होगा। 19 सितंबर को भारत सरकार द्वारा जनकल्याण हित में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता मिशन सहित अन्य क्षेत्रों में जो कार्य हुए उसकी प्रदर्शनी सभी जनपदों में लगाई जाएगी। 20 सितंबर को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। 21 सितंबर को अमृत सरोवर का कार्यक्रम किया जाएगा। 22 सितंबर को जल ही जीवन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सभी जनपदों में 23 सितंबर को एमएसएमई के माध्यम से लोकल फॉर वोकल कार्यक्रम किया जाएगा।
14 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है हिन्दी दिवस?
आधुनिकता की ओर तेजी से अग्रसर कुछ भारतीय ही आज भले ही अंग्रेजी बोलने में अपनी आन, बान और शान समझतें हों परन्तु सच यही है कि हिन्दी ऐसी भाषा है, जिसे आज दुनिया के अनेक देशों में भी सम्मानजनक दर्जा मिल रहा है और हमारी राजभाषा हिन्दी प्रत्येक भारतीय को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिला रही है। हिन्दी विश्व की प्राचीन, समृद्ध एवं सरल भाषा है, जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई देशों में बोली जाती है। हिन्दी भाषा को और ज्यादा समृद्ध बनाने के लिए ही प्रतिवर्ष 14 सितम्बर का दिन ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है और अगले 15 दिनों तक हिन्दी पखवाड़े का आयोजन किया जाता है। अब प्रश्न यह है कि हिन्दी दिवस प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है और इसे मनाए जाने की शुरूआत कब हुई?
दरअसल भारत बहुत लंबे समय तक अंग्रेजों का गुलाम रहा और उस दौरान हमारे यहां की भाषाओं पर भी अंग्रेजी दासता का बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। यही कारण रहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिन्दी को ‘जनमानस की भाषा’ बताते हुए वर्ष 1918 में आयोजित ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ में इसे भारत की राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। सही मायने में तभी से हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के प्रयास शुरू हो गए थे। जब देश आजाद हुआ तो सर्वप्रथम 12 सितम्बर 1947 को संविधान सभा में हिन्दी को राजभाषा बनाने के प्रावधान का प्रस्ताव गोपालस्वामी आयंगर ने रखा था, जो स्वयं एक अहिन्दीभाषी दूरदर्शी नेता थे। सभा की 12 से 14 सितम्बर तक चली तीनदिवसीय बहस में कुल 71 लोगों ने हिस्सा लिया था। लंबे विचार-विमर्श के बाद 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। उसके बाद भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343 (1) में हिन्दी को राजभाषा बनाए जाने के संदर्भ में अंकित कर दिया गया, ‘‘संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।’’ इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के अनुरोध पर 1953 से देशभर में 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
जीते जी रक्तदान, जाते वक्त नेत्रदानः रामसेवक
बागपत, जन सामना संवाददाता। मंगलवार को एनएस पब्लिक स्कूल काठा में नेत्रदान जागरूकता पखवाड़े के अंतर्गत नेत्रदान पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 11 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
निर्णायक मंडल ने पोस्टर व पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अनन्या धामा एवं द्वितीय स्थान तनु ने प्राप्त किया। स्लोगन राइटिंग में प्रथम स्थान हनी बैसला एवं द्वितीय स्थान वंश ने प्राप्त किया। सभी विजेता प्रतियोगियों को जियालाल प्रेमवती मेमोरियल सर्टिफिकेट ट्रॉफी व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य रामसेवक शर्मा ने कहा कि जीते जी रक्तदान जाते-जाते नेत्रदान को जीवन का लक्ष्य बनाना चाहिए। स्कूल के चेयरमैन आनंद चौधरी ने कहा नेत्रों के बिना मानव का जीवन अधूरा है इसलिए हमें सबको मिलकर नेत्रदान के लिए समाज को जागरूक करने का प्रयास करना चाहिए। मरणोपरांत नेत्रदान करा कर दो व्यक्तियों के जीवन को रोशन करना चाहिए।