कर गई पैदा तुझे, उस कोख का एहसान है।
सैनिको के रक्त से, आबाद हिन्दुस्तान है।
हर मोह को उसने है त्यागा, तभी तो सरहद पर आज वीर जवान है।
ममता के मोह को दबाकर, चूम लिया मस्तक तेराय
कहती है माँ तो हूँ मैं पर बाद में, बेटा पहले वतन तुम्हारा।
झुक गया है देश उसके, दूध के सम्मान मेय
पुत्र मोह त्याग कर जिसने, हमें वीर दिया।
चाहती हूँ आसुओ से, पाव उसकी पखार दूं
ए शहीद की माँ, आ मैं तेरी आरती उतार लू ।
कर गईं पैदा तूझे, उस कोख का एहसान है
सैनिकों के रक्त से, आबाद हिन्दुस्तान है।
-श्वेता सिंह
ग्राम-मेदनीपूर
गाजीपुर