Tuesday, November 19, 2024
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अनुदेशकों को तीन माह से मानदेय नहीं

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत जिले के 227 अंशकालिक अनुदेशकों को तीन महीने से मानदेय नहीं मिला है। ऐसे समय में जबकि लॉकडाउन चल रहा है इन अनुदेशकों के लिए घर का खर्च उठाना मुश्किल हो रहा है। महज 7000 रुपये प्रतिमाह में 6वीं से 8वीं तक के बच्चों को शारीरिक शिक्षा, कम्प्यूटर व कला आदि विषय पढ़ाने वाले ये अनुदेशक दो रोज की रोटी को मोहताज हैं। जानकारी के मुताबिक समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय की ओर से इनके मानदेय का मई माह तक का बजट जारी किया जा चुका है लेकिन बीएसए कार्यालय स्तर से अनुदेशकों के मानदेय का भुकतान नहीं किया जा रहा है।

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सीजीएल की परीक्षाओं का परिणाम घोषित किये जाने सम्बन्धी कर्मचारी चयन आयोग की विज्ञप्ति जारी

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने लंबित कार्यों को निस्तारित करने का खाका तैयार कर लिया है। महीनों पिछड़ चुके रिजल्ट क्रमबद्ध तरीके से जारी किये जाएंगे। इसकी शुरुआत आयोग ने कर दी है। एसएससी के मौजूदा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए जून में जूनियर हिंदी, जूनियर अनुवादक, वरिष्ठ हिंदी अनुवाद और हिंदी प्राध्यापक परीक्षा-2019 (पेपर-2) व सीजीएल यानी कंबाइंड ग्रेजुएशन लेवल परीक्षा-2019 (टियर-1) का रिजल्ट घोषित करने का निर्णय लिया गया है। कोरोना वायरस के कारण घोषित लॉकडाउन से एसएससी की व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इससे मार्च के अंत व अप्रैल-मई में होने वाली महत्वपूर्ण परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी थीं। दफ्तर बंद होने के कारण रिजल्ट तैयार करने का काम रुक गया था। इधर शासन के निर्देश पर दफ्तर में पहले की तरह काम शुरू हो गया है। सीजीएल व अनुवादक के अलावा जूनियर इंजीनियर 2018 टियर-2, एमटीएस (मल्टी टास्किंग स्टाफ) नान टेक्निकल 2019 द्वितीय प्रश्न पत्र, सीजीएल (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) परीक्षा 2018 टियर-3 का रिजल्ट भी रुका है। एसएससी मध्य क्षेत्र के निदेशक राहुल सचान का कहना है कि तैयार होने वाले रिजल्टों को अविलंब जारी कर दिया जायेगा।

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हल्के भूकम्पों की अनदेखी कहीं भारी न पड़ जाए

दिल्ली में लगातार बीते दो महीनों में 14 बार भूकम्पीय झटके लगे हालांकि इन झटकों से किसी भी प्रकार के जान-माल का खतरा नहीं हुआ है क्योंकि यह भूकम्पीय झटके रिक्टर पैमाने पर बहुत हल्के तौर पर अंकित किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलाजी ने बताया सोमवार को दोपहर एक बजे के लगभग दिल्ली एनसीआर में फिर से भूकम्पीय झटके महसूस किए गए हालांकि इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.1 आंकी गई जो कि बहुत हल्की तीव्रता थी। इस भूकम्प का केंद्र दिल्ली-गुरुग्राम बार्डर था इसकी गहराई 18 किलोमीटर बताई गई है। गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में अप्रैल माह से अब तक लगभग दर्जनों मध्यम व निम्न तीव्रता वाले भूकम्प के झटके महसूस किए गए हैं हालांकि इससे किसी के भी हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है।

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चिंतन का महत्व

मनुष्य प्रकृति का एकमात्र ऐसा प्राणी है जिसमें सोच विचार, तर्क वितर्क, चिंतन, विश्लेषण आदि मानसिक क्रियाएं होती रहती हैं। जब भी कोई घटना घटित होती है अथवा समस्या उत्पन्न होती है तो उसका समाधान विचार विमर्श और चिंतन के द्वारा खोजने का प्रयास किया जाता है। यह प्रयास व्यक्तिगत या सामूहिक किसी भी रूप में हो सकता है।निजी समस्याओं के लिए व्यक्तिगत और पारिवारिक अथवा सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए सामूहिक चिंतन की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया के दौरान हमें अनेक अनुभव प्राप्त होते हैं जो हमारी समझ बढ़ाने का प्रयास करते हैं। हम अपने अनुभवों को भिन्न-भिन्न तरीकों से देखते हैं, उसका विश्लेषण करते हैं और फिर उससे सीखते हैं। चिंतन का तात्पर्य केवल अपने अनुभवों की पुनरावृत्ति नहीं है बल्कि यह अनुभव और समझ के बीच की कड़ी है।प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक जॉन डीवी के अनुसार, “हम अक्सर तब चिंतन करते हैं जब दुविधा या संघर्ष की स्थिति होती है।” जब हम अपने जीवन में किसी चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करते हैं तो हम भावनात्मक स्तर पर प्रभावित होते हैं और उससे निकलने के लिए उपायों की खोज हेतु चिंतन करते हैं यह चिंतन पूर्व अनुभव या परिस्थिति को आधार बनाकर किया जाता है जिससे कि उस परिस्थिति विशेष से निपटने के लिए हल प्राप्त होता है। यदि चिंतन या सोच विचार किए बिना ही हम किसी दुविधा या संघर्ष की स्थिति से निकलने का प्रयास करें तो संभव है कि हम संकट में पड़ जाएं। चिंतन के दौरान सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों पर विचार किया जाना चाहिए जिससे हम मार्ग की बाधाओं का सामना करने के लिए मानसिक तौर पर तैयार रहें।

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धोखाधड़ी कर मोबाइल व पैसे छीनने वाले गैंग का हुआ पर्दाफाश

कानपुर नगर, अर्पण कश्यप। देर रात चेकिंग के दौरान किदवई नगर पुलिस ने धोखाधड़ी बातों में उलझा कर छीना झपटी करने वाले गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया।
प्रेसवार्ता के दौरान एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता ने बताया की पकडे गये लोगों ने अपना नाम रिजवान अली निवासी बाबूपुरवा, मोनू उर्फ कृष्ण कांत सैनी निवासी किदवई नगर, मो0 फजल खान उर्फ रज्जन निवासी किदवई नगर व शाहना खान पत्नी रिजवान बताया।
साथ ही अपने काम करने का तरीका भी बताया की किस तरह से ये सभी मिलकर कर टप्पेबाजी व ठगी को अंजाम देकर मौके से चंपत हो जाते थे। इन सभी के उपर विभिन्न थानों में मुकदमे भी दर्ज हैं। जिनकी काफी दिनो से पुलिस तलाश में थी मुखबिर की सटीक सूचना पर देररात इन चारों आरोपियों को किदवई नगर पुलिस ने टीम बल के साथ पकड़ा जिनके पास से एक लैपटाप, 5 मोबाइल, 1 मोटरसाईकिल व 1 आटो रिक्शा बरामद हुआ हैं। जिन्हे मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा रहा हैं।

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प्रेम में बाधा बन रहे पिता की प्रेमी ने गला रेत कर की हत्या

खोजी कुत्ते की मदद से 3 घंटे में पकड़ा गया आरोपी
कानपुर नगर, अर्पण कश्यप। बाबूपुरवा के मुंशीपुरवा इलाके में आज सुबह अचानक हत्या की सूचना पर हड़कंप मच गया। छत पर सो रहे 45 वर्षीय अधेड़ उम्र के व्यक्ति की हत्या सूचना पर पहुंची बाबूपुरवा पुलिस, डॉग स्क्वायड टीम व फोंरसिंक टीम ने की जाॅच, शव को कब्जे में लेकर मेडिकल परीक्षण को भेजा।
मामला कानपुर के बाबूपुरवा थाना क्षेत्र के मुंशीपुरवा इलाके का है जहाॅ खरादी कारीगर मो0 असरफ देर रात खाना खाने के बाद छत पर सोने गया था। सुबह देर तक सोते रहने पर जब मो0 असरफ(45) नीचे नहीं आया तो उसका बेटा इमरान उसे जगाने गया तो अपने पिता का खून से लथपथ शव देख इमरान के मुंह से चीख निकल आई शोर सुन कर आसपास के लोग इकटठा हो गये। वही हत्या की सूचना पर पहुंची बाबूपुरवा पुलिस सहित फोरेंसिक टीम व डॉग स्क्वायड टीम ने घटना स्थल का मुआयना कर शव को कब्जे में लिया।

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हमारे समाज की सोच बनाम स्त्री का अस्तित्व

ज़माना बेशक आज बहुत आगे बढ़ चूका हो, मगर स्त्रियों के बारे में पुरुषों के द्वारा कुछ जुमले आज भी बेहद प्रचलित हैं, जिनमें से एक है स्त्रियों की बुद्धि उसके घुटने में होना… “क्या तुम्हारी बुद्धि घुटने में है”
ऐसी बातें आज भी हम आये दिन, बल्कि रोज ही सुनते हैं…. और स्त्रियाँ भी इसे सुनती हुई ऐसी “जुमला-प्रूफ” हो गयीं हैं कि उन्हें जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता इस जुमले से।
हम कहते हैं कि हिंदुस्तान पहले से बहुत बदल गया है। आज महिलाओं की स्थिति सुदृढ़ है मगर है कहां सुदृढ़ स्थिति है यदि सुदृढ़ स्थिति है तो आए दिन किसी भी लड़की के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं क्यों घटित होती है…?
क्यों कहीं पर मार कर फेंक दी जाती है ? चाहे फिर वह जवान हो या 6 महीने की बच्ची ही क्यों ना हो क्यूँ नहीं सुरक्षित है वह आज भी जबकि वर्तमान समय तो पूरा का पूरा नियम कानून संविधान से भरा पूरा है फिर ऐसी स्थितियां समाज में वरिष्ठ जनों और विद्वानों के रहते हुए कैसे उत्पन्न होती है …?
फिर कहते हैं कि पुरातन से आधुनिकता की ओर रुख कर रहे हैं मगर आज यथा स्थिति को देखते हुए बड़े ही सोचनीय दयनीय शब्दों में कहना पड़ता है कि आखिर किस समाज में जी रहे हैं हम, भले ही पाश्चात्य सभ्यता में हम लिप पुत चुके हैं और निरंतर इस ओर अग्रसर है, मगर हम अपने संस्कारों की रवायत भूलते जा रहे हैं। अपनी मां बहन बेटियों के प्रति सम्मान का भाव कहीं पर खोते जा रहे हैं आखिर किस के मद में चूर हो गए।

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पैरों से चलने में असमर्थ घायल सांड का उपनिरीक्षक सुखवीर सिंह ने उपचार कराया

रसूलाबाद/कानपुर देहात, संतोष गुप्ता। कोरोना महामारी को रोकने को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के कारण जहां आम आदमी परेशान देखा जा रहा है वही निरीह मूक जानवर भी परेशान नजर आ रहे है। ट्रक ड्राइवरों की लापरवाही से मूक जानवर घायल होकर तड़पते रहते है कोई मानवता वादी हुआ तो भले ही इन जानवरों के उपचार के लिए प्रयास कर दे अन्यथा लोग चुपचाप देखते हुए चले जाते है। ऐसे ही पुलिस जैसे विभाग में रहते हुए तमाम जिम्मेदारियों के बाद भी कोई पुलिस का सब इंस्पेक्टर किसी घायल पशु का डॉक्टर बुलाकर उपचार कराये तो निश्चित ही बात काबिले तारीफ ही कही जाएगी।

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कोरोना मरीजों हेतु केन्द्रीय विद्यालय में सभी व्यवस्थायें 10 जून तक हो जाये पूर्ण: डीएम

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकरी राकेश कुमार सिंह ने कोविड-19 कोरोना वायरस के चलते शासन के निर्देश पर एल1 अटैच एडिशनल अस्पताल को बनाने हेतु केन्द्रीय विद्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी व्यवस्थाएं 10 जून तक हर हाल में पूर्ण कर लें तथा किसी प्रकार की कोई समस्या न रहे तथा आने वाले समय में कोरोना वायरस के मरीजों को रखा जा सके।
जिलाधिकारी ने बताया कि गजनेर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में संचालित एल 1 अस्पताल में कोरोना मरीज को रखने की क्षमता लगभग 40 है जिसके तहत अधिक संख्या में कोरोना पाजिटिव केस आने पर करीब 200 लोगों को रखने के लिए व्यवस्था केन्द्रीय विद्यालय में की जा रही है।

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विश्व महासागर दिवस- जीने के लिए महासागरों को बचाना होगा

जीवन में महासागरों के महत्व को समझते हुए पर हम पृथ्वी वासियों का ध्यान महासागरों के अस्तित्व को अक्षुण्ण रखने की ओर अवश्य ही जाना चाहिए। वर्तमान में मानवीय गतिविधियों का असर समुद्रों पर भी दिखने लगा है। समुद्र में ऑक्सीजन का स्तर लगातार घटता जा रहा है और तटीय क्षेत्रों में समुद्री जल में भारी मात्रा में प्रदूषणकारी तत्वों के मिलने से जीवन संकट में हैं। तेलवाहक जहाजों से तेल के रिसाव के कारण समुद्री जल के मटमैला होने पर उसमें सूर्य का प्रकाश गहराई तक नहीं पहुँच पाता, जिससे वहाँ जीवन को पनपने में परेशानी होती है और उन स्थानों पर जैव-विविधता भी प्रभावित हो रही है। महासागरों के तटीय क्षेत्रों में भी दिनों-दिन प्रदूषण का बढ़ता स्तर चिंताजनक है।

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