Sunday, September 22, 2024
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आरोपियों को गिरफ्तार कर भेजा जेल

बसूली को लेकर चूड़ी व्यापारी को गोली मारने का मामला
फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। थाना दक्षिण पुलिस ने विगत दो दिन पूर्व चैथ बसूली को लेकर एक चूड़ी व्यापारी को गोलीमार कर घायल कर दिया था। वही पब्लिक ने एक हमलावर को मौके पर ही दबोच लिया था। उक्त मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजा।
थाना दक्षिण क्षेत्र के टीला मौहल्ला में चूड़ी व्यापारी लालता प्रसाद को देर सायं कुछ लोगो ने गोली मार कर घायल कर दिया था। घटना के बाद भाग रहे हमलावरों में पब्लिक ने दौड़ा कर लाइनपार के छारबाग निवासी रामअवतार पुत्र स्व0 सत्य प्रकाश को दबोच लिया। हमलावर को पब्लिक ने मारपीट कर गम्भीर रूप घायल कर दिया। सूचना पर पहुची पुलिस ने अचेत पडे हमलावर को उपचार के लिए घायल के साथ जिला अस्पताल भिजवाया।

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कम्युनिकेशन कैसे करें…?

क्रेडिट रोल-सरश्री तेजपारखी ‘तेजज्ञान फाउंडेशन’
व्यक्तिगत जीवन हो या सामाजिक, ऑफिस हो या घर, स्वयं के साथ हो या दूसरों के साथ, सभी जगहों पर दिखनेवाली एक कॉमन समस्या है, ‘मिस कम्युनिकेशन’ यानी गलत तरीके से संवाद करना।
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि कम्युनिकेशन का क्या मतलब है? बातचीत के दौरान एक इंसान सामनेवाले को जो संदेश देना चाहता है, वह उसे मिल जाए और उससे अपेक्षित परिणाम प्राप्त हो तो वह सही कम्युनिकेशन है। जीवन के सभी क्षेत्रों में आज सही संप्रेषण (संवाद) न करने की समस्या दिखाई देती है। साधारणतः बातचीत के दौरान लोग बताना कुछ और चाहते हैं और सुननेवाला कुछ अलग ही समझता है। इसलिए कम्युनिकेशन का पहला एवं महत्वपूर्ण पहलू है- ‘पूरा और सही सुनना, न समझ में आए तो फिर से पूछना।’
पहला पायदान- कम्युनिकेशन का पहला पायदान है, ‘सुनना’। विचारों की भीड़ में खोया हुआ इंसान सही तरह से सुन नहीं पाता। साथ ही किसी से कम्युनिकेशन करते वक्त इंसान उसकी छवि अपने मन में बनाता है और उसके अनुसार सुनता है। इसलिए वह पूरा नहीं बल्कि अपने विचारों के अनुसार जितना उसे आवश्यक लगता है, उतना ही सुनता है। सही कम्युनिकेशन न होने का यह पहला कारण है।
अपना कम्युनिकेशन सुधारने के लिए सामनेवाले की बातें वर्तमान में रहते हुए पूरी सुनें और उसमें अपने विचारों की मिलावट न करें। सही और उत्तम कम्युनिकेशन के लिए केवल बोलने की नहीं बल्कि दिल से सुनने की कला विकसित करें। वरना आधा सुनकर लोग अकसर कह देते हैं, ‘मैं समझ गया’ मगर वे नहीं समझे होते हैं। ऐसे वक्त हमें सामनेवाले से पूछ लेना चाहिए कि उसने क्या समझा। इसे कहा गया है सही और पूर्ण कम्युनिकेशन।

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शीत लहर जोरों पर, नहीं जल रहे सरकारी अलाव

खीरों, रायबरेली। इस समय सर्दी पूरे जोरों पर है। शीत लहर और घने कोहरे से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है। नव वर्ष की पहली शीत लहर लगातार छठे दिन भी प्रभावी रही। शनिवार को सूरज की किरणें धरती पर जरुर पड़ी लेकिन तापमान में कोई बढ़ोत्तरी नहीं आई। जिससे लोगों की कपकपी छूट गई। मौसम की पहली शीत लहर ने बुजुर्गों और बीमारों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। इसके बावजूद अभी तक प्रशासन द्वारा अलाव जलाए जाने की कोई व्यवस्था न कराए जाने से लोगों में काफी आक्रोश है। खीरों कस्बे के सैकड़ों ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से भीषण ठंड पर काबू पाने के लिए अलाव जलवाने की गुजारिश की है जिससे गरीब बेसहारा एवं निराश्रितों का भला हो सके। जनवरी माह का प्रथम सप्ताह बीतने को है फिर भी अभी तक प्रशासनिक अधिकारियों की नींद नहीं टूटी।
कड़ाके की ठंड से न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तक पहुंच गया है जिसके चलते जबरदस्त कपन का एहसास हो रहा है। ठंड से मवेशियों की भी स्थिति गंभीर हो गई है। खुले में विचरण करने वाले मवेशी ठंड से बचने के लिए रिहायशी इलाकों की तरफ भागने लगे हैं। ठंड के कारण सड़कों पर भीड़ गायब हो गई है। गावों में गरीब तपके के लोग ठंड के कारण बुरी तरह बेहाल हैं। प्रशासन द्वारा अलाव जलवाने का दावा महज दिखावा साबित हो रहा है। सार्वजनिक स्थलों पर भी अलाव जलते नहीं दिखाई देते। लोग अपने स्तर से अलाव की व्यवस्था करते देखे जा रहे हैं। तापमान में जबरदस्त गिरावट आ जाने के कारण लोगों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित है। तहसीलदार डॉ जगन्नाथ सिंह में बताया कि विकास क्षेत्र में अलाव जलाने के लिए 12 स्थान चिन्हित हैं, इसके अतिरिक्त अगर कहीं आवश्यकता होती है तो व्यवस्था की जाएगी। शासन के निर्देष पर कम्बल वितरित करने का कार्य जारी है।

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तालाब को अवैध कब्जों से कराया मुक्त

खीरों/रायबरेली। थानाक्षेत्र के कस्बा खीरों में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत उप जिलाधिकारी लालगंज मदन कुमार व उनकी टीम व खीरों पुलिस की टीम ने शनिवार को एक बड़े तालाब की जमीन के रकबे पर अवैध कब्जा हटवाया। जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर गेहूँ बो रखा था। उन्होंने ट्रैक्टर चलवाकर खेडी गेहूँ की फसल जोतवा दी, जिससे क्षेत्र के सभी भूमाफियाओं में हडकंप मच गया।
समाधान दिवस में खीरों थाने पहुँचे एसडीएम लालगंज मदन कुमार और तहसीलदार डॉ जगन्नाथ सिंह, नायब तहसीलदार रितेश सिंह, कानूनगो खीरों सुशील कुमार सिंह ने फरियादियों की समस्याएं सुनी। इस दौरान कुल 6 मामले आये, जिन्हें तुरंत मौके पर राजस्व विभाग और पुलिस की टीम भेज कर मौके पर निस्तारित कराया। इसके बाद खीरों के कमनइया तालाब पर पहुंचकर ग्रामीणों द्वारा कुल 21 बीघे तालाबी जमीन पर अवैध रूप से बोये गए गेहूँ की फसल जोतावाकर अतिक्रमण हटवाया।

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युद्ध स्मारकों को जातीय चश्में से न देखा जाए

नया साल हर तीन सौ पैंसठ दिनों के बाद आ जाता है लेकिन 2018 के पहले दिन को हम इस लिहाज से अलग कह सकते हैं कि इस दिन ने देश के दो युद्ध स्मारकों को भी जातीय बहस का हिस्सा बना डाला। 200 वर्ष पहले 500 महारों की ब्रिटिश सैन्य टुकड़ी ने हजारों पेशवा सैनिकों को धूल चटाकर मराठा शासन को इस देश से खत्म किया था। उन वीर लड़ाकों की याद में अंग्रेजों ने वैसा ही युद्ध स्मारक भीमा कोरेगांव में ‘जय स्तंभ’ (विक्ट्री पिलर) के नाम से बनाया जैसा देश की राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट के नाम से बनवाया गया है। यह अंग्रेजों की परम्परा रही है। ऐसे विजय के प्रतीक देश के अन्य स्थानों पर आज भी मिल जाएंगे। दिल्ली के नजदीक नॉएडा के गाँव छलेरा में भी ऐसा ही एक युद्ध स्मारक है जिसे स्थानीय लोग ‘विजय गढ़’ कहते हैं। युद्ध में शहीद सैनिकों के गाँव के आस-आस ब्रिटिश हुकूमत ऐसे स्मारकों का निर्माण करवा दिया करती थी।
1 जनवरी 1818 को छोटी सी महार सैन्य टुकड़ी द्वारा अनुशासित, प्रशिक्षित और सुसज्जित मानी जाने वाली विशाल पेशवा सेना पर प्राप्त किए गए विजय के भारत के दलित समाज के लिए अनेक मायने हैं। 19वीं सदी के पेशवा राज में दलितों की सामाजिक स्थिति को समझे बिना, कोरेगांव विजय का दलितों के लिए महत्त्व को नहीं समझा जा सकता है भारतीय इतिहास का यह वही कलंकित दौर था जब जाति विशेष के लोगों के गले में हांडी और कमर में झाड़ू बंधा होता था। जब जाति को छिपाना अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता था। पेशवा शासकों द्वारा इंसानों के एक समुदाय को अछूत घोषित कर उनपर लम्बे समय से शोषण और भेदभाव किया जा रहा था।

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विकलांग की पुकार-मिलन फाउंडेशन का साहित्य संगम सम्पन्न

अकादमी साहित्य की अभिवृद्धि के लिए सदैव समर्पितः प्रो नन्दलाल पाठक
विकलांग की पुकार का कार्य सराहनीयः प्रेम शुक्ल
अश्विनी कुमार मिश्र, ह्रदयेश मयंक, महेश दुबे, राजेश विक्रांत, अनिल गलगली, डॉ अनन्त श्रीमाली, खन्ना मुजफ्फरपुरी, चन्द्र प्रकाश पांडेय हुए सम्मानित
मुंबईः जन सामना ब्यूरो। राष्ट्रीय हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र विकलांग की पुकार द्वारा साहित्य, समाज, कला, संस्कृति व खेलकूद की बेहतरी के प्रति समर्पित संस्था ष्मिलन फाउंडेशन आयोजित एक शाम साहित्य के नाम में कार्यक्रम के अध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष प्रो नन्दलाल पाठक ने कहा कि अकादमी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को प्रोत्साहित करती रहेगी। अकादमी साहित्य की अभिवृद्धि के लिए सदैव समर्पित है। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं भी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल ने कहा कि अकादमी ने इस वर्ष जिन लोगों को पुरस्कार दिया है उसमें पारदर्शिता है और इसके लिए महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का निर्णय प्रशंसनीय है उन्हें सम्मानित कर विकलांग की पुकार और मिलन फाउंडेशन ने अच्छा काम किया है।
सांताक्रुज के मौलाना आजाद हाल में सम्पन्न इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा 2016-17 के लिए पुरस्कृत होने वाले साहित्यकारों / हिंदी सेवियों इंद्र बहादुर सिंह, प्राचार्य व शिक्षाविद, अश्विनी कुमार मिश्र, संपादक निर्भय पथिक, ह्रदयेश मयंक, कवि व संपादक चिंतन दिशा, महेश दुबे, व्यंग्यकार एवं हास्य कवि तथा पत्रकार व्यंग्यकार राजेश विक्रांत को साहित्य मिलन सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ ही मिलन फाउंडेशन के कैलेंडर तथा विकलांग की पुकार के साहित्य मिलन विशेषांक (अतिथि संपादक आफताब आलम, संपादक पत्रकारिता कोश) का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया।

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सीडीओ ने किया जिला अस्पताल में औचक निरीक्षण

बाहरी दवा लिखने पर डा. राजीव अग्रवाल के खिलाफ कार्यवाही के दिये निर्देश
चिकित्सक ने सफाई में कहा कि बाहरी लोग चिकित्सक के पास बैठकर लिखते है बाहर की दवा
फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। जिला अस्पताल में आज सुबह मुख्य विकास अधिकारी ने औचक निरीक्षण किया। जिसमें एनसीडी विभाग में गन्दी चादरों, बाहरी दबा लिखने व एक चिकित्सक के नदारत मिलने पर काफी नाराज नजर आये। वही एक चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही करने के सीएसएस को आदेश करते हुए रैन बसेरा का भी निरीक्षण किया। लगभग एक घण्टा रूकने पर अस्पताल प्रशासन में हडकम्प मचा रहा।
शुक्रवार की दोपहर कोहरें के कारण हर कोई खुद को सर्दी के बचाने के लिए प्रयास कर रहा था। वही जिला अस्पताल में अचानक औचिक निरीक्षण के लिए मुख्य विकास अधिकारी अशोक कुमार पहुंचे पर अस्पताल प्रशासन में हडकम्प मच गया। वृद्ध ओपीडी में पहुचे के बाद मरीजों के नीचे बिछी फटी चादरों को देख नाराज हुए वही चर्मरोग चिकित्सक के अवकाश पर जाने पर उनके स्थान पर डा0 प्रमोद कुमार की डयूटी लगायी गयी थी। वह कक्ष में नही मिले उसके बाद ओपीडी में जाने से पर्व रजिस्टेशन खिडकी लगी भीड को देख पूछने पर लोगो ने शिकायत की कि पर्ची नही बनायी जा रही है। जिसको लेकर सीडीओ सहाब ने सीएमएस डा0 आर0 के0 पाण्डे पर फोन पर बात की पता चला कि आज हाफ डे है। छुट्टी के कारण 11.30 पर पर्ची बनना बन्द कर दी गयी है। उसके बाद कक्षें में चिकित्सको को बैठा देखा दवा वितरण कक्ष पर एक महिला ने शिकायत की उसको बाहर की दवा लिखी गयी है। कुछ की देर में काफी लोगो को बाहरी दवा लिखी पर्ची मिलने पर कक्ष संख्या 10 में बैठै चिकित्सक डा0 राजीव अग्रवाल की शिकायत मिलने पर सीडीओ सहाब के समाने पेश किया गया। जहां उनसे आगे बाहर की दबा न लिखने की हिदायत दी गयी। उसके बाद वार्ड नम्बर चार में भी गन्दी चादरों को देख काफी नाराज हुए।

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घने कोहरे की धुंध ने रोकी वाहनों की रफ्तार

फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। शुक्रवार को बीते दिन की अपेक्षा गलन और अधिक रही। इतना ही नहीं घने कोहरे के कारण सड़क पर वाहनों की रफ्तार भी धीमी धीमी रही। इस मौसम के चलते कई एक अपने घरों से दोपहर तक धूप निकलने के बाद ही निकले। इसलिए कामकाज भी लेट ही शुरू हुये।
बीते दिन से सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जहां बीते दिन कोहरे की धुंध से परेशान किया था तो शुक्रवार को घने कोहरे के साथ बढ़ी गलन और दोपहर तक ओस की हल्की हल्की बूंदे टपकते रहने से सड़कांे पर चलते लोग काफी परेशान हुये। वहीं घरों में लोग रजाईयां से बाहर नहीं निकले, जब दोपहर धूप निकलने के बाद मौसम थोड़ा साफ हुआ उसके बाद ही लोगों ने अपने घरों से निकलना बेहतर समझा। शहर के प्रमुख चैराहों व सड़कों पर छायी कोहरे की धुंध के कारण वाहनों की रफ्तार काफी धीमी रही तो कई एक जगह तो लोग तापने को कुछ न मिलने पर अखबार जलाकर ही तापते दिखे।

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कटखने बंदर पर इनाम घोषित

चंदा करा कर पकड़ने वाले को दे रहे इनाम
नगर निगम व वन विभाग ने बॉध रखी है ऑखों पर पट्टी
कानपुरः जन सामना संवाददाता। बर्रा क्षेत्र में इन दिनों बन्दरों को आतंक देखने को मिल रहा है। लेकिन एक कटखने बन्दर के आतंक से परेशान लोगों ने उसे पकड़ने वाले पर इनाम घोषित कर दिया है। कटखने बंदरों के आतंक से परेशान लोगों ने कटखने बंदर को पकड़ने के लिये पोस्टर वार शुरू कर प्रशासन के मुह पर तमाचा मार दिया है । इसके साथ लोग खुद ही लाठी डंडा लेकर सुरक्षा करने को मजबूर है। बर्रा विश्व बैंक के एच ब्लाक निवासी मोहर सिंह चट्टा संचालक है व दूध का व्यापार करते है। उन्होंने बताया कि आज सुबह वो दूध देने जा रहे थे। अंधा कुआ के पास एक काले मुह का बंदर उनकी बाईक पर आकर बैठ गया। जब तक मोहर सिंह कुछ समझ पाते बंदर ने उनके कान को अपने मुह में भर लिया व जोर से काटने लगा। शोर मचाने पर आसपास मौजूद लोगों ने बंदर को दौड़ाया। लोगों को आता देख बंदर भी रफूचक्कर हो गया।

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शीत लहर के चलते ठंड के कारण 2 की मौत

कानपुरः अर्पण कश्यप। नौबस्ता थाना क्षेत्र के आवास विकास निवासी भाभूति प्रसाद सविता (48) घर से गुरुवार को दुकान में सामान लेने निकले थे घर वापस आते ही ठंड की वजह से भाभूति सविता के पेट मे दर्द होने लगा और रात में हालात खराब हो गई। दर्द इतना बढ गया कि आज सुबह तड़के उनकी मौत हो गई। परिवार में पत्नी छीद्दन बेटा शुभम् और सत्यम है जो कि मजदूरी का काम करते हैं।
दूसरा मामला आवास विकास निवासी रामेश्वर शाहू (52) जो कि सब्जी का ठेला लगा कर अपना परिवार पालते थे। पत्नी माया देवी ने बताया कि कल शाम को रामेश्वर ठेला लगा कर लौटे थे और परिवार के साथ खाना खाकर सो गए देर रात हालात खराब होने लगी और अचानक उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी गरीबी का आलम यह रहा कि मोहल्ले के लोगों ने चन्दा करके अंतिम संस्कार किया।

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