लखनऊ। यंग स्ट्रीम इंटर कॉलेज, बाराबंकी में नक्षत्र फाउण्डेशन द्वारा ‘वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में विज्ञान संचार की भूमिका’ विषयक शैक्षिक दक्षता वृद्धि व्याख्यानमाला की
नवीं प्रस्तुति का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में वक्ता के रूप में डा प्रदीप श्रीवास्तव
पूर्व उप निदेशक, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ एवं पंकज प्रसून, अंतर्राष्ट्रीय कवि एवं वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ उपस्थित रहे।
डॉ प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि आने वाला भविष्य नैनोटेक्नोलॉजी का है। भविष्य में ऐसे नैनो फाइबर से कपड़े बनाए जाएंगे जिन्हें धोने की कभी जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि असफलता जी सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। साथ ही उन्होंने बताया कि किस तरह से उन्होंने एक नई साइंस ‘साइंटूनिक्स’ को जन्म दिया, और कैसे उनको ‘आउट स्टैंडिंग यंग पर्सन ऑफ द वर्ल्ड’ का खिताब मिला
अंतर्राष्ट्रीय कवि एवं सीडीआरआई लखनऊ में वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी पंकज प्रसून ने कहा कि एक सौ चालीस करोड़ आबादी वाले देश को नोबल प्राइज नहीं मिलता है तो इसका मतलब यह है कि यहां पर वैज्ञानिक चेतना का अभाव है। जिस डीएनए के बारे में छात्र को नर्सरी में ही जान लेना चाहिए उसे हाई स्कूल में बताया जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि साइंस को सीरियस नहीं बल्कि सेलिब्रेशन बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘बाराबंकी की हवा प्रदूषित हो रही है, संभल जाइए, बॉडी बनाना छोड़ अब एंटीबॉडी बनाइए’। उन्होंने सुनाया
‘समंदर की है बेचैनी उसे साहिल नहीं मिलता
यहां तो आदमी का आदमी से दिल नहीं मिलता।
जहां पर खून हिंदुस्तान का रग रग में बहता है
वहां की पत्तियों में आज क्लोरोफिल नहीं मिलता।।’
इस मौके पर यंग स्ट्रीम अन्तर कॉलेज के प्रधानाचार्य विनय श्रीवास्तव नक्षत्र फाउण्डेशन की संरक्षक रेखा झा की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन डॉ0 ऋचा आर्या द्वारा किया गया।
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