Tuesday, November 26, 2024
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संस्कृत पद्धति मातृ भाषा नहीं जीवन पद्धति है-प्रो. यदुनाथ दुबे

मृतुन्जय पाण्डेय महिला महाविद्यालय में सम्पन्न हुआ लोकार्पण समारोह
चकिया, चंदौलीः जन सामना ब्यूरो। शिक्षा का सबसे बड़ा कार्य संस्कृत की रक्षा करना है। राष्ट्र और समाज के पहचान का मूल तत्व संस्कृति ही है ।उक्त विचार संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर यदुनाथ दुबे ने शुक्रवार को बरहुआ ग्राम स्थित मृत्युंजय पांडेय महिला महाविद्यालय के लोकार्पण समारोह के दौरान अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहीं। उन्होंने कहा कि संस्कृत पद्धति मातृभाषा नहीं जीवन पद्धति है। शिक्षा का अर्थ ज्ञान से है लेकिन आज उपाधि की धूम है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिनका ज्ञान से कोई सरोकार नहीं है ।वह भी उच्च उपाधि डिग्री प्राप्त कर शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। मुख्य अतिथि महात्मा काशी विद्यापीठ वाराणसी के कुलपति डाॅ0 पृथ्वीश नाग ने कहा कि शिक्षा के प्रति बालिकाओं की रुचि बढ़ती जा रही है। यह विद्यालयों में जाकर शिक्षा ग्रहण करती हैं । लेकिन छात्र विद्यालय जाने से कतराते हैं। यही कारण है कि उत्तीर्ण होने का प्रतिशत भी बालिकाओं का ही रहता है। बालिका शिक्षा के लिए यह महाविद्यालय भौगोलिक दृष्टिकोण से एकदम फिट बैठता है ।यहां पर बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा में जो भी आवश्यकता होगी मैं हमेशा सहयोग के लिए तैयार रहूंगा। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के टूरिज्म के निदेशक कल्पलता पांडेय ने कहा कि यह महाविद्यालय सभी मानको को पूर्ण करता है। यहां जो भी कोर्स बढ़ाने का प्रस्ताव आएगा ।उसे शीघ्र ही पूरा किया जाएगा। इस नक्सल क्षेत्र में ग्रामीण बालिकाओं के लिए महाविद्यालय की स्थापना करना एक सराहनीय कार्य है। वही समाजसेवी डाॅ0 रामाधार जोसफ ने बालिका शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि बालिकाओं को शिक्षित करना दो परिवार को शिक्षित करने के बराबर होता है। कार्यक्रम के पूर्व में महाविद्यालय परिसर में स्थापित वागीश देवी की प्रतिमा का अनावरण संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति यदुनाथ दुबे व मृत्युंजय पांडेय महिला महाविद्यालय का लोकार्पण महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति पृथ्वीश नाग ने किया कार्यक्रम का प्रारंभ महाविद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना व स्वागत गान से किया इस दौरान डाॅक्टर सी वी द्विवेदी, ओम प्रकाश चौबे, राधेश्याम द्विवेदी, चंद्रशेखर पांडे, परशुराम सिंह, डाॅक्टर हौसिला द्विवेदी, राम अशीष जायसवाल, रणजीत प्रसाद जायसवाल, संजय सिंह, सुदर्शन जी महाराज सहित काफी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। संचालन अशोक कुमार द्विवेदी धन्यवाद ज्ञापन लोकेश कुमार पांडे ने किया।