Tuesday, November 26, 2024
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अनुदेशकों व शिक्षामित्रों को जोर का झटका धीमे से

शिक्षामित्र व अनुदेशक को विभाग ने नहीं माना संविदा कार्मिक
ईपीएफ न देकर सामूहिक टर्म इंश्योरेंस में लटकाया
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। प्रदेश भर के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ नहीं मिलेगा। संविदा कर्मियों को मिलने वाले इस लाभ के हकदार इन दोनों वर्गों के कर्मचारी नहीं होंगे क्योंकि इनकी संविदा 11 महीने की होती है। प्रदेश में लगभग 1.60 लाख शिक्षामित्र व 30 हजार अनुदेशक कार्यरत हैं। पहले क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त लखनऊ ने सरकार को पत्र भेज कर कहा था कि शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम के तहत दिये जा रहे संवैधानिक अधिकार दिये जायें। एक अप्रैल 2015 से भविष्य निधि के बकाए अंशदान का भुगतान किये जाने के निर्देश दिये गये थे। इसके बाद शिक्षामित्र संगठनों ने राज्य कर्मचारी बीमा निगम से भी मांग की तो वहां से भी पत्र बेसिक शिक्षा विभाग को भेजा गया है कि 21 हजार तक के संविदाकर्मी इस योजना के तहत आते हैं। निगम ने भी विभाग को नोटिस देकर इस पर जवाब मांगा था किन्तु विभाग ने शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को संविदा कर्मी नहीं माना है। उनका कहना है कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति ग्राम पंचायत के माध्यम से होती है और ये 11 महीने की संविदा पर रखे जाते हैं। अनुदेशकों की नियुक्ति भी अंशकालिक है ये भी 11 माह तक कार्य करते हैं। इन सभी का प्रत्येक वर्ष जुलाई को नवीनीकरण किया जाता है। लिहाजा ये संविदाकर्मियों की श्रेणी में नहीं आते हैं।
सामूहिक बीमा का मिलेगा लाभ-
विभाग परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों व कर्मचारियों का सामूहिक टर्म इंश्योरेंस करने जा रहा है। सामूहिक टर्म इंश्योरेंस भारतीय जीवन बीमा निगम से करवाया जायेगा। इस संबंध में विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने आदेश जारी कर दिया है। इस फैसले से विभाग में काम कर रहे 7 लाख से ज्यादा शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को फायदा होगा। अभी तक इन्हें किसी भी तरह के टर्म इंश्योरेंस का लाभ नहीं मिल रहा था। यह योजना स्वैच्छिक होगी यानी जो कर्मचारी, शिक्षक, अनुदेशक, शिक्षामित्र आदि इसमें शामिल होना चाहेगा उसे ही इसका लाभ दिया जायेगा। इसमें शिक्षकों या अन्य लोगों को अपना प्रीमियम खुद भरना होगा।
राज्य सरकार शिक्षकों समेत शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को सामूहिक स्वास्थ्य बीमा देने की तैयारी भी कर रही है। अभी तक सिर्फ शिक्षकों को सामूहिक बीमा का लाभ दिया जा रहा था लेकिन वर्ष 2015 में बेसिक शिक्षा परिषद व एलआईसी के बीच करार खत्म हो गया है। वहीं यह केवल एक लाख रुपये का था। इसके लिए महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। नियम व शर्ते तय होने के बाद इसके लिए संस्था का चयन ई-टेण्डर के माध्यम से किया जायेगा।