नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। मंत्रिमंडल सचिव ने 10 मई 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये एक बैठक की, जिसमें कुछ राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा डॉक्टरों और अर्द्ध चिकित्सा कर्मियों की गतिविधियों पर कुछ राज्यों /संघ शासित प्रदेशों द्वारा लागू प्रतिबंधों का मुद्दा उठा।
इस बैठक के परिणामस्वरूप, गृह मंत्रालयने सभी राज्यों /संघ शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने और बहुमूल्य मनुष्य जीवन को बचाने के लिए सभी डॉक्टरों गतिविधियां बेरोकटोक जारी रहना आवश्यक है। इसमें कहा गया कि डॉक्टरों और अर्द्ध चिकित्सा कर्मियों की गतिविधियों पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध कोविड और गैर-कोविडचिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में गंभीर बाधाएं पैदा कर सकता है।
उपरोक्त को देखते हुए, सूचना में इस बात पर जोर दिया गया कि सभी राज्य /संघ शासित प्रदेशों की सरकारें यह सुनिश्चित करें कि डॉक्टरों, नर्सों, पैरा मेडिकल, स्वच्छता कर्मियों और एम्बुलेंसों की सुचारू आवाजाही हो। इससे बिना किसी अड़चन के रोगियों को सभी कोविडऔर गैर-कोविडचिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में मदद मिल सकेगी। यह भी कहा गया कि उपरोक्त सभी पेशेवरों के एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने को राज्यों /संघ शासित प्रदेशों द्वारा सुगम बनाया जा सकता है।
इस बात पर भी जोर दिया गया है कि सभी निजी क्लीनिक, नर्सिंग होम और प्रयोगशालाओं को अपने सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ, खोलने की अनुमति दी जाए। इससे कोविड और गैर-कोविड मरीजों सहित हर प्रकार के रोगियों की बिना किसी बाधा के आवश्यकताएं पूरी करने में आसानी होगी, और अस्पतालों का बोझ हल्का होगा।