ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को पत्र भेजकर कहा कि कुछ अधिकारी सरकार की छवि खराब करने की कर रहे हैं कोशिश।
शास्त्री जी ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को पत्र भेजकर पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन की ओर से बताया गया है कि प्रदेश में विभिन्न जिलों के अधिकारी अपनी गड़बड़ी छिपाने के लिए पत्रकारों पर फर्जी ढंग से मुकदमे दर्ज करवाकर सरकार की छवि धूमिल कर रहे हैं।
शास्त्री जी ने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस बल, प्रशासन, सफाईकर्मी एवं अन्य सरकारी विभागों के कर्मियों की तरह ही पत्रकार भी बखूबी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं एवं महामारी से बचने के उपायों की जानकारी अपने चैनल व अखबारों के माध्यम से दे रहे हैं।
साथ ही श्री शास्त्री जी ने यह भी कहा कि मीडियाकर्मी अपने दायित्वो का निर्वहन करते हुए प्रशासनिक व्यवस्था को सरकार तक एवं सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को जनता तक एवं जनता की समस्याओं को सरकार व अधिकारियों तक पहुंचाते हैं जिससे समय पर कार्य किया जा सके। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि जब कुछ जिलों में अधिकारियों द्वारा की गई लापरवाही उजागर होने लगी तब वहीं अधिकारी अपनी कमी छुपाने के लिए पत्रकारों पर बदले की भावना से कार्रवाई करने लगे। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों को समाचार लिखने या दिखाने पर मुकदमा दर्ज किए जा रहे हैं। यह बहुत ही दुखद एवं निंदनीय है।
श्री शास्त्री जी ने कुछ जिलों के पत्रकारों पर दर्ज हुये मुकदमो का भी जिक्र करते हुए बताया की सीतापुर के पत्रकार रविंद्र सक्सेना पर महोली तहसील में होम क्वारंटाइन किए गए लोगों को प्रशासन द्वारा दुर्गंध व फफूंदीयुक्त चावल देने का समाचार जारी करने पर मुकदमा दर्ज किया गया। कानपुर में होमगार्ड के जवानों की समस्याओं की खबर प्रकाशित करने पर मीडिया ब्रेक’ वेबसाइट के संपादक आशीष अवस्थी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, फतेहपुर में अजय भदौरिया ने ट्वीट किया था कि विजयपुर का सामुदायिक रसोईघर बंद हो गया है जिसपर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इसी तरह प्रदेश के कई और जिलों में पत्रकारों पर फर्जी ढंग से मुकदमे दर्ज कराए गए हैं जो चौथे स्तंभ को दबाने की एक बहुत बड़ी साजिश है।
ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से लॉकडाउन के दौरान गाजियाबाद और नोएडा समेत कई स्थानों पर मीडियाकर्मियों के साथ हुई बदसलूकी की तरफ भी मुख्यमंत्री जी का ध्यान आकर्षित कराते हुए सारे फर्जी मुकदमों को खत्म करने की मांग किया गया है।