Wednesday, November 27, 2024
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राष्ट्रहित में सहभागिता के बजाय चुटकियां लेने में व्यस्त : विपक्ष

आज जहाँ सम्पूर्ण विश्व कोरोना जैसी खतरनाक व जानलेवा महामारी के कारण पूर्णतः आहत है । कोरोना महामारी का डर इस कदर लोगों के जेहन में घर कर गया है कि लोग महानगरों से पलायन कर रहे हैं। वहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था की गाड़ी लगभग पटरी छोड़ चुकी है। देश के देश जनहित व स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर नजर लॉकडाउन की स्थिति से गुजर रहे हैं। गौरतलब है कि भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है इस लॉकडाउन की स्थिति ने भारतीय अर्थव्यवस्था को भी पूर्णतः प्रभावित किया। छोटे-बड़े सभी उद्योग धंधे इस लॉकडाउन के चलते बंद पड़ गए जिन्दगीं की तेज रफ्तार पर एकाएक ब्रेक सा लग गया। इस विषम परिस्थितियों में देश के केन्द्र व राज्य सरकारों की अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करते हुए स्थिति को संभालने की भरपूर कोशिशें वाकई में काबिले तारीफ रही हैं। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष पार्टियों के राजनेता इस वैश्विक संकट काल में भी राजनीति करने में पीछे नहीं हट रहे हैं जिस समय जनता उनकी सख्त जरूरत है उस समय वह चुटकियां लेने में मशगूल हैं वो शायद यह भूल गए हैं कि यही जनता आगामी चुनावों में उनके भाग्य का निर्धारण करेगी।
आज जहाँ एक तरफ देश इस वैश्विक महामारी का सामना कर रही है वहीं दूसरी तरफ प्राकृतिक प्रकोपों से भी पूर्णतः ग्रसित है जहाँ बारिश, ओले, तूफान व भूकम्प से जनता लाचार, बेहाल व व्यथित है वहीं लॉकडाउन से उत्पन्न हुई बेरोजगारी ने उसे पूरी तरह तोड़ दिया है। इन विकट परिस्थितियों में जनता के साथ खड़े रहने के बजाय विपक्ष उनको राजनैतिक मुद्दा बनाने में लगी है जो न्यायसंगत बिल्कुल भी नहीं लगता। क्या इतने सालों तक जो जनता उनके लिए कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़ी रही थी वह आज पराई हो गई ? क्या उनका कुछ भी हक नहीं बनता कि आज की इस विकट परिस्थितियों में वह जनता के लिए कुछ करें ?
इस खतरनाक व जानलेवा महामारी में जहाँ देश जनहित की सुरक्षा व भरण-पोषण में सहभागिता दिखाने में लगी है वहीं कुछ पड़ोसी मुल्क अपना दाँव साधने में मशगूल हैं। ऐसी स्थिति में देश को एक अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ पाकिस्तान आतंकवाद फैलाने व मानव कोरोना बम बनाने की फिराक में है तो वहीं दूसरी ओर चीन व नेपाल सीमा विवाद पैदा करने में लगे हैं। नेपाल ने जहाँ चीन का सह पाकर नया नक्शा जारी कर रहा है वहीं चीन भारतीय सीमाओं के साथ छेड़छाड़ करने में जी-जान से जुटा हुआ है। देश का इन विवादों के मद्देनजर हर संभव प्रयास जारी है कहीं वार्ता तो कहीं सर्च आपरेशन विवादों को निपटाने हेतु चलाए जा रहे हैं। ऐसे में विपक्ष को जहाँ राष्ट्रहित की भावना दिखाने की जरूरत है वह राजनीतिक रोटियाँ सेंकने में लगा है उसकी राजनैतिक चुटकियों में सच्चाई कम अफवाहें ज्यादा फैलाई जा रही हैं। विपक्षी पार्टियों के द्वारा बार-बार ट्विटर के ट्रेंड में रक्षा मंत्री से जवाब मांगा जा रहा है ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि आखिर क्या यह देश उनका नहीं है ? या इस लड़ाई में उन्हें आगे आने का अधिकार नहीं है ? पीछे खड़े होकर चुटकियां लेना कोई बड़ी बात नहीं अगर राष्ट्रप्रेम ही दिखाना है तो आगे आना चाहिए और पक्ष-विपक्ष के मुद्दे को दरकिनार कर राष्ट्रहित के लिए सक्रियता व सहयोग दिखाना चाहिए। विपक्ष की यह शर्मसार कर देने वाली राजनीति ने तो पाकिस्तान, चीन व नेपाल को भी पीछे छोड़ दिया है। आखिर इन्हें सोचना चाहिए पक्ष-विपक्ष की राजनीति के लिए तो पूरी उम्र पड़ी है और यह तभी दिखा पाएंगे जब देश सुरक्षित रहेगा अतएव अनुरोध स्वरूप राजनैतिक खटास को राष्ट्रहित में समाहित ना करें जहाँ तक हो सके इस खटास को मिटाकर आपसी सहयोग की मिसाल पेश करें ! क्योंकि देश की सुरक्षा व जनता की खुशहाली से ही एक सुदृढ़ राजनैतिक मंच का निर्माण संभव है। अगर देश की जनता सुरक्षित व समृद्ध रहेगी तभी आपको अपना ओहदा व रुतबा सुरक्षित दिखेगा। अतः इन राजनैतिक चुटकियों से परे राष्ट्रहित में चिंतनशील बनें क्योंकि जनता अपनी विषम परिस्थितियों में ही राजनीति की सुदृढ़ समीक्षा करती है।
– मिथलेश सिंह ‘मिलिंद’