Wednesday, November 27, 2024
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डबल इंजन की सरकार ने महिलाओं को दिया सुरक्षा एवं सम्मान: प्रधानमंत्री

प्रयागराज। प्रधानमंत्री  द्वारा मंगलवार को परेड ग्राउण्ड, प्रयागराज में आयोजित नारी की शक्ति-देश की शक्ति कार्यक्रम में बी0सी0 सखी एवं पुष्टाहार उत्पादन की ईकाईयों से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं तथा कन्या सुमंगला योजना की लाभार्थी बालिकाओं से संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।  प्रधानमंत्री द्वारा बटन दबाकर एक लाख 60 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता के लिए रूपये एक हजार करोड़ धनराशि का ऑनलाइन हस्तातंरण एवं प्रदेश के 43 जनपदों के 202 विकास खण्डों में टेक होम राशन प्लांटों का शिलान्यास के साथ ही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजनान्तर्गत एक लाख एक हजार नवीन लाभार्थिंयों के खातों में रूपयें 20 करोड़ धनराशि का ऑनलाइन हस्तांतरण किया गया।कार्यक्रम को सम्बोधत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी की सामर्थ कोे बढ़ाने वाली एवं नारी शक्ति की प्रतीक माताओं एवं बहनों को मेरा प्रणाम। उन्होंने कहा कि माँ गंगा, यमुना एवं सरस्वती के पावन तट पे बसा प्रयागराज के धरती के, हम शीश झुकाय के प्रणाम करत हई। ई उ धरा ह, जहां धर्म, ज्ञान और न्याय की त्रिवेणी बहत ह। तीर्थन के तीर्थ, प्रयागराज में आइके, हमेशा ही एक अलगैय पवित्रता और ऊर्जा का अहसास होत है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष फरवरी में हम कुम्भ मा ई पवित्र धरती पर आवा रहेन, तब संगम में डुबकी लगायके अलौकिक आनंद के अनुभव प्राप्त किहे रहे। उन्होंने तीर्थराज प्रयाग की ऐसी पावन भूमि को हाथ जोड़कर प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि आज हिंदी साहित्य जगत के सर्वमान्य आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी की पुण्य तिथि भी है। प्रयागराज से साहित्य की जो सरस्वती बही, द्विवेदी जी लंबे समय तक उसके संपादक भी रहे, उन्होंने उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रयागराज हजारों सालों से हमारी मातृशक्ति की प्रतीक माँ गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम की धरती रही है। आज ये तीर्थ नगरी नारी-शक्ति के इतने अद्भुत संगम की भी साक्षी बनी है। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि आप सभी अपना स्नेह देने, अपना आशीर्वाद देने आई हैं। उन्होंने कहा कि वे मंच पर आने से पहले बैंकिंग सखियों से, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी बहनों से और कन्या सुमंगला योजना की लाभार्थी बेटियों से बात की। उन्होंने कहा कि जो प्रत्यक्ष है, जो सामने है, उसे साबित करने के लिए कोई प्रमाण की जरूरत नहीं पड़ती। यूपी में विकास के लिए, महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए जो काम हुआ है, वो पूरा देश देख रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत एक लाख से ज्यादा लाभार्थी बेटियों के खातों में करोड़ों रुपए ट्रान्सफर करने का सौभाग्य मिला। ये योजना गाँव-गरीब के लिए, बेटियों के लिए भरोसे का बहुत बड़ा माध्यम बन रही है। यूपी ने बैंक सखी का भी जो अभियान शुरू किया है, वो महिलाओं को रोजगार के अवसरों के साथ ही उनके जीवन में भी बड़े बदलाव ला रही है। उन्होंने कहा कि सरकार से अलग अलग योजनाओं का जो पैसा सीधे डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए खाते में आता है, उन पैसों को निकालने के लिए अब बैंक नहीं जाना पड़ता, बैंक सखी की मदद से ये पैसा गाँव में, घर पर ही मिल जाया करता है, यानी बैंक सखी बैंक को गाँव तक लेकर आ गई हैं और जो लोग सोच रहे होंगे कि ये तो छोटा सा काम है, उन्हें बताना चाहता हूं कि बैंक सखियों का काम कितना बड़ा है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने बैंक सखियों के ऊपर ऐसे करीब 75 हजार करोड़ के लेन-देन की जिम्मेदारी सौंपी है। 75 हजार करोड़ रुपये का कारोबार गाँव में रहने वाली बहने एवं बेटियाँ कर रही हैं। जितना लेन-देन गाँव में होगा, उतनी ही उनकी आमदनी भी होगी। इनमें से ज्यादातर बैंक सखियाँ वे बहनें हैं, जिनके कुछ साल पहले तक खुद के बैंक खाते भी नहीं थे, लेकिन आज इन महिलाओं के हाथों में डिजिटल बैंकिंग की ताकत आ गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी ने टेक होम राशन, जच्चा-बच्चा को दिये जाने वाले पोषण को तैयार करने की जिम्मेदारी भी महिलाओं के हाथों में सौंपी है। ये पोषण वाला राशन और आहार अब सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं खुद बनाएँगी। यह बहुत बड़ा काम है, सालाना हजारों करोड़ रुपए का काम है। उन्होंने कहा कि आज जिन 202 पुष्टाहार उत्पादन यूनिट्स का शिलान्यास हुआ है, उनसे सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाओं की आमदनी भी होगी, और गाँव के किसानों को भी बहुत बड़ा लाभ होगा। गाँव की महिलाएं अपनी फैक्टरी में पुष्टाहार बनाने के लिए फसल-अनाज गाँव से ही खरीदेंगी, यही तो सशक्तिकरण के वो प्रयास हैं, जिन्होंने यूपी की महिलाओं का जीवन बदलना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार, अलग-अलग सेक्टर्स में स्वयं सहायता समूहों को जो सहायता दे रही है, इसकी एक किस्त के तौर पर आज एक हजार करोड़ रुपए ट्रान्सफर करने का उन्हें सौभाग्य मिला है। यूपी के विकास की धारा अब किसी के रोकने से रुकने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा एवं सम्मान दिया है तथा इसके साथ ही उनकी गरिमा बढ़ाई है, वह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि माताओं-बहनों-बेटियों का जीवन पीढ़ियों को प्रभावित करने वाला, पीढ़ियों का निर्माण करने वाला जीवन होता है। एक बेटी का सामथ्र्य उसकी शिक्षा, उसका कौशल, सिर्फ परिवार ही नहीं समाज की, राष्ट्र की दिशा तय करती है। उन्होंने कहा कि 2014 में जब उन्होंने मां भारती के बड़े सपनों, बड़ी आकांक्षाओं को साकार करने का बीड़ा उठाया तो सबसे पहले देश की बेटी के विश्वास को नई ऊर्जा देने का प्रयास शुरू किया, इसलिए बेटी के जन्म से लेकर जीवन के प्रत्येक चक्र, हर अवस्था में महिलाओं को सशक्त करने के लिए योजनाएं बनाईं गयी एवं अभियान संचालित किया गया। उन्होंने कहा कि बेटियां कोख में ही न मर जाएं, वें जन्म लें, इसके लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के माध्यम से समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया गया, जिसका परिणाम यह है कि देश के अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है। प्रसव के बाद भी बिना चिंता के अपने बच्चे की शुरुआती देखरेख करते हुए मां अपना काम जारी रख सके, इसके लिए महिलाओं की छुट्टी को 6 महीने किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान गरीब परिवारों में मातृ स्वास्थ्य, चिंता का एक बहुत बड़ा कारण रहा है, इसलिए उन्होंने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, अस्पतालों में डिलिवरी और गर्भावस्था के दौरान पोषण पर विशेष ध्यान दिया। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान 5 हजार रुपए महिलाओं के बैंक खाते में जमा किए जाते हैं, ताकि वे उचित खान-पान पर ध्यान रख सकें। अभी तक 2 करोड़ से ज्यादा बहनों को लगभग 10 हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि बेटियां ठीक से पढ़ाई कर सकें, उनको स्कूल बीच में न छोड़ना पड़े, इस पर भी लगातार काम किया गया है। स्कूलों में बेटियों के लिए अलग टॉयलेट बनाना हो या फिर सेनिटेरी पैड्स को गरीब से गरीब बेटियों के लिए सुलभ कराना हो, उनकी सरकार किसी भी काम में पीछे नहीं रही है। उन्होंने कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत लगभग ढाई करोड़ बच्चियों के अकाउंट खोले गए हैं, ये पैसा बड़े होने पर उनके सपनों को पूरा करे, इसके लिए इस पर ब्याज दर भी ऊंची रखी गई है। स्कूल-कॉलेजों के बाद कैरियर से लेकर घर-गृहस्थी तक भी हर कदम पर महिलाओं की सुविधा और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों शौचालय बनने से, उज्जवला योजना के तहत गरीब से गरीब बहनों को गैस कनेक्शन की सुविधा मिलने से, घर में ही नल से जल आने से, बहनों के जीवन में सुविधा भी आ रही है और उनकी गरिमा में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत भी सबसे अधिक लाभ अगर किसी को हुआ है तो वो हमारी बहनें ही हैं, चाहे वो अस्पतालों में डिलिवरी हो या फिर दूसरा इलाज, पहले पैसे के अभाव में बहनों के जीवन पर संकट रहता था, अब 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलने से उनकी ये चिंता दूर हो गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में हमेशा से माताओं-बहनों को सर्वोपरि दर्जा दिया गया है, लेकिन हमारे यहां परंपरा से सदियों तक, दशकों तक ऐसी व्यवस्था रही कि घर और घर की हर संपत्ति को केवल पुरुषों का ही अधिकार समझा जाने लगा। आज सरकार की योजनाएं, इस असमानता को दूर कर रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर दिये जा रहे हैं, वो प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं के ही नाम से बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर यूपी की ही बात की जाये, तो यूपी में 30 लाख से अधिक घर पीएम आवास योजना के बनाए गए हैं, इनमें से करीब 25 लाख घरों की रजिस्ट्री में महिलाओं का भी नाम है, पहली बार यूपी में 25 लाख महिलाओं के नाम उनका घर हुआ है। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत देश भर के गांवों में घरों को, जमीनों की ड्रोन से तस्वीरें लेकर, घर के मालिकों को प्रॉपर्टी के कागज दिए जा रहे हैं, घरौनी दी जा रही है। घरौनी देने में घर की महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। अगले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश के हर गांवों की मैपिंग कराकर ऐसे ही घरौनी देने का काम पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए, परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए जो योजनाएँ देश चला रहा है, उसमें भी महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया जा रहा है। मुद्रा योजना आज गांव-गांव में, गरीब परिवारों से भी नई-नई महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है। इस योजना के तहत मिले कुल ऋण में से लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं को दिए गए हैं। दीनदयाल अंत्योदय योजना के जरिए भी देश भर में महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप्स और ग्रामीण संगठनों से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों को आत्मनिर्भर भारत अभियान की चैम्पियन मानते हैं। ये स्वयं सहायता समूह, वास्तव में राष्ट्र सहायता समूह हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत बीते 7 साल में लगभग 13 गुणा बढ़ोतरी की गई है। हर सेल्फ हेल्प ग्रुप को पहले जहां 10 लाख रुपए तक का बिना गारंटी का ऋण मिलता था, अब यह सीमा भी दोगुनी अर्थात 20 लाख की गई है। उन्होंने कहा कि शहर हो या गांव, महिलाओं के लिए सरकार, हर छोटी-बड़ी मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए फैसले ले रही है। कोरोना के काल खण्ड में आपके घर का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए मुफ्त राशन देने की व्यवस्था सरकार ने की। उन्होंने कहा कि महिलाएं रात की पाली में भी काम कर सकें, इसके लिए नियमों को आसान बनाने का काम सरकार ने किया है तथा खदानों में महिलाओं के काम करने पर जो कुछ बंदिश थी, वो भी सरकार ने हटाई है। देशभर के सैनिक स्कूलों के दरवाजे, लड़कियों के लिए खोल देने का कार्य किया गया है। रेप जैसे संगीन अपराधों की तीव्र सुनवाई के लिए देशभर में करीब 700 फास्ट ट्रैक कोर्ट्स स्थापित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि बिना किसी भेदभाव, बिना किसी पक्षपात, डबल इंजन की सरकार, बेटियों के भविष्य को सशक्त करने के लिए निरंतर काम कर रही है। अभी कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने एक और फैसला किया है। पहले बेटों के लिए शादी की उम्र कानूनन 21 साल थी, लेकिन बेटियों के लिए ये उम्र 18 साल की ही थी। बेटियाँ भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें। इसलिए बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होेंने कहा कि आज यूपी में सुरक्षा भी है, यूपी में अधिकार भी हैं। आज यूपी में संभावनाएं भी हैं, आज यूपी में व्यापार भी है।
मुख्यमंत्रीयोगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की इस पावन धरती पर मातृशक्ति से जुड़े सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के कार्यक्रम में प्रदेश के कोने-कोने से उपस्थित बहनों की तरफ से देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी का स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के साथ ही बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं अभियान के माध्यम से आधी आबादी के प्रति दृष्टिकोण को जिस भाव से बदलने का कार्य किया था, आज उसका सकारात्मक परिणाम हम सब को देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना हो या मिशन इंद्रधनुष के माध्यम से टीकाकरण के अभियान को एक नई गति देने का कार्य हो या फिर हर घर में शौचालय के माध्यम से नारी की गरिमा की रक्षा करने का कार्य किया गया है। माताओं को सम्पत्ति में अधिकार मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अधिकांश आवास महिलाओं को ही दिए गए है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के माध्यम से हर गरीब को उसका अधिकार दिया जा रहा है, जिसमें अधिकांश जमीन के कब्जे महिलाओं को या संयुक्त खाते के नाम से दिए जा रहे है। उन्होंने कहा कि देश के अंदर आधी आबादी को सुरक्षा, गरिमा एवं स्वावलम्बन देने के लिए प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में सरकार ने विभिन्न योजनाएं संचालित किए गए है, उनमें से कुछ योजनाओं के लाभार्थिंयों के साथ मा0 प्रधानमंत्री जी ने आज संवाद भी किया है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से महिलाएं जिस हक का सम्मान पाने के लिए तत्पर थी, वो अब मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज बी0सी0 सखी के माध्यम से गांव की बेटियां गांव के बुजुर्गो को बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध करा रही है तथा प्रधानमंत्री जी के विजन जनधन योजना को गांव के एक-एक व्यक्ति तक पहुंचाने के सपने को साकार करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से आज 202 टेक होम राशन प्लांटों का शिलान्यास हुआ है, जिसके माध्यम से उच्च गुणवत्ता युक्त पोषाहार के साथ-साथ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ जनपदों मेें महिला व पुरूष की असमानता को दूर करने के लिए मुखबिर योजना के साथ ही कन्या सुमंगला योजना शुरू की गयी है, जिसके तहत बेटी को विभिन्न चरणों में 15 हजार रूपये दिया जाता है, इन योजनाओं ने महिला व पुरूष की असमानता को दूर करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप नारी की सुरक्षा, गरिमा एवं सम्मान तथा स्वावलम्बन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उपमुख्यंमत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकार ने मजदूर, गरीब, किसान, युवा व महिलाओं आदि के सम्मान में खजाने को खोलने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में वर्णित है कि जहां नारी का आदर होता है, वहां पर देवता का वास होता है। वर्तमान की डबल इंजन की सरकार ने नारी शक्ति के सम्मान में कोई कमी नहीं रखी। उन्होंने कहा कि देश व समाज के हित के साथ ही गरीब, किसान, मजदूर और सफाई कर्मी के हित में वर्तमान सरकार सदैव तत्पर रही है। उन्होंने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री ने महाकुम्भ में सफाई कर्मियों के पाव धुलकर स्वच्छता का जो संदेश व सम्मान दिया वह अद्वितीय है तथा बाबा काशी विश्वनाथ धाम को दिव्य एवं भव्य बनाने वाले श्रमिकों को सम्मान देते हुए मा0 प्रधानमंत्री जी ने उनके साथ भोजन किया।
सांसद प्रयागराज रीता बहुगुणा जोशी ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं मंचासीन सभी अतिथियों तथा उपस्थित माताओं व बहनों का स्वागत करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि अपने पूरे जीवन काल में पहली बार महिलाओं का महाकुम्भ देख रही हूं, इसका श्रेय प्रधानमंत्री को हैै। 1920 में महात्मा गांधी जी ने कहा था कि महिलाएं ऊर्जा का वह स्त्रोत है, जिस दिन मुक्त हो गयी पूरी दुनिया को ये चकाचैंध कर देगी। महात्मा गांधी के उन सपनों को प्रधानमंत्री के दूरदर्शी विजन से साकार हो रहा है। 1920 से 2021 अर्थात 100 वर्षों के इस विकास पथ पर आज 21वीं शताब्दी में महिलाएं के ह्रदय के यह भाव आ गया है कि नारी तू कमजोर नहीं, शक्ति का दूसरा नाम ही नारी है। आज हमारी बहने घर में रोटी बेलने से लेकर लड़ाकू विमान से दुश्मनों के छक्के छुड़ाने का काम कर रही है। कार्यक्रम को मा0 राज्यमंत्री भारत सरकार साध्वी निरंजन ज्योति, उ0प्र0 की मंत्री स्वाती सिंह, राज्यमंत्री गुलाव देवी, राज्यमंत्री नीलिमा कटियार, सांसदगण श्रीमती केशरी देवी पटेल, हेमा मालनी, डाॅ0 संघमित्रा मौर्य, राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी एवं कांता कर्दम एवं महापौर प्रयागराज अभिलाषा गुप्ता नंदी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विधायक मेजा नीलम करवरिया ने भी उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित अनेक जन कल्याणकारी महिलापरक योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में राज्यमंत्री भारत सरकार अनुप्रिया सिंह पटेल, प्रदेश के मंत्रीगण राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘‘मोती सिंह’’,सिद्धार्थ नाथ सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, डाॅ0 महेन्द्र सिंह, राज्यमंत्री उ0प्र0 डाॅ0 संगीता बलवंत, सांसद भदोही डाॅ0 रमेश चन्द्र बिंद, सांसद राज्यसभा गीता शाक्य, अध्यक्ष जिला पंचायत प्रयागराज डाॅ0 वी0के0 सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य व्यक्तियों के साथ विभिन्न जनपदों से आयी हुई स्वयं सहायत समूहों की महिलाएं उपस्थित रही।