धन की लालच में मासूम की चढ़ाई थी बलि , दस साल बाद मिला इंसाफ
रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता ।रामलीला देखने गए मासूम को पकड़कर धन की लालच में उसकी बलि देने के मामले में दस साल बाद इंसाफ मिल गया है । घटना में आरोपित महिला समेत तीन लोगों को न्यायालय ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है ।
मामला ऊंचाहार के जमुनापुर चौराहा का है । घटना 6 अक्टूबर 2012 की है । चौराहा के रहने वाले धर्मेंद्र कौशल का दस वर्षीय बेटा अमन चौराहा के पास स्थित कुटी पर रामलीला देखने गया था । जहां से वह गायब हो गया था ।इसके बाद दस अक्टूबर को उसका शव रामलीला स्थल से थोड़ी दूरी पर झाड़ियों में क्षत विक्षत अवस्था में बरामद हुआ था । इस मामले में पुलिस ने जमुनापुर चौराहा की आशा बानो पत्नी मो शरीफ , उसके सहयोगी अजय सिंह उर्फ कल्लू पुत्र राम बहादुर और सिकंदर पुत्र अब्दुल हबीब को गिरफ्तार करके जेल भेजा था । दस साल तक चले ट्रायल में न्यायालय ने पुलिस के साक्ष्यों , गवाहों के आधार पर तीनों आरोपितों को दोषी पाया है , और गुरुवार को तीनो को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है ।