Tuesday, November 26, 2024
Breaking News
Home » लेख/विचार » “आत्मविश्वास”

“आत्मविश्वास”

“अंतर्मन से झीने पर्दे को हटा, उठ जाग मुसाफ़िर भोर भई कुछ कर दिखाकर जग को बता”
कई बार हमने देखा है कुछ काबिल व्यक्तियों को नाकाम होते हुए। हम सोचते भी है कि इस इंसान के साथ ऐसा क्यूँ हुआ, ये तो हर तरह से सक्षम है। पर ऐसे इंसान के लिए निराशावादी सोच और आत्मविश्वास कि कमी आगे बढ़ने में सबसे बड़ी रुकावट होती है। हर इंसान के भीतर एक लायक व्यक्तित्व छिपा होता है समाज में खुद को प्रस्थापित करने के लिए अपने बर्ताव और हुनर से उस व्यक्तित्व का विकास करना होगा। जिसका पहला पड़ाव है अकेले में बैठकर सबसे पहले नकारात्मकता की खिड़की को अलीगढ़ी ताला लगा दो, खुद पर विश्वास रखो, और डर को अलविदा कहो। फिर सकारात्मक सोच के साथ अपनी सोच की शक्ति को मजबूत करो खुद को ही अपना आदर्श चुनकर एक नई राह के लिए खुद को तैयार करो। खुद के भीतर कमीयों को ढूँढो, गलतीयाँ स्वीकार करने में संकोच मत करो।ज़िंदगी आड़ी टेढ़ी कंटीली राहों से भरी वनराई सी है, असंख्य बाधाओं का सामना करने का मनसूबा बनाओ।सशक्त आत्मबल से विचारशक्ति को केंद्रित करते एक निश्चय कर लो कौन सी स्थिति को अपनाकर हर क्षेत्र में विजय पाना है और उसे ज़िंदगी का मकसद बनाकर आगे बढ़ो। बहुत सारे लोग गिराने की फ़िराक में टांग अड़ाएंगे पर अपनी मंज़िल को आँखों की पुतलियों में भरकर अड़ग रहो। महानता यूँही प्राप्त नहीं होती कई अंधेरी दिशा को नज़रअंदाज नहीं कर सकते, एक दीप जलाना होगा। कुछ नया सोचकर ज़िंदगी को मायने देने होंगे कलात्मक अभिव्यक्ति से। आगे बढ़ने के लिए कुछ पायदान को याद रखो। पहला किसी भी व्यक्ति के साथ आँखों में आँखें डालकर बात करने का हुनर सिख लो। दूसरा हाज़िर जवाबी बनों हर बात का त्वरित निराकरण दिमाग से मांगो। स्पष्टतावादी बनकर गलत बात को मजबूती से ना कहना सिखो। समय कि किंमत समझो, कल करे सो आज आज करे सो अब कहावत रट लो।ज़्यादातर गलत इंसानों से पाला पड़ेगा उसमें से अच्छाई को पहचानने की काबिलियत सिखो। आपकी ज़िंदगी को सही आकार देने वाले हाथ को पहचाननों, हर परिवर्तन और परिस्थितियों से सिख प्राप्त करो।मिलिट्री वाले सारे नियमों को अपने जीवन का मंत्र बना लो, अभ्यास को आदत बना लो। हर पड़ाव पर दोराहे मिलेंगे कभी भी गलत राह मत चुनों।और आख़री कैसी भी व्यस्त और विपरीत परिस्थितियों में खुद को स्वस्थ रखने की कला सीख लो। गहरी साँसे लेकर मेडिटेशन को जीवन का हिस्सा बनाओ और एक आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण करो। जीवन में नामुमकिन कुछ भी नहीं है।
भावना ठाकर ‘भावु’ बेंगलोर