Friday, April 18, 2025
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » मनमोहन सिंह का अपमान… राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरा

मनमोहन सिंह का अपमान… राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरा

राजीव रंजन नागः नई दिल्ली। तिरंगे झंडे में लिपटे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर का पूरे राजकीय सम्मान के साथ निगम बोध घाट पर सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और तीनों बेटियां उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह मौजूद रहीं. यहां उनकी बड़ी बेटी उपिंदर सिंह ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। सिख धर्मगुरुओं ने गुरबानी भजन गाया।
राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह के शव को कांधा भी दिया। राहुल अंतिम यात्रा से लेकर अंतिम संस्कार के दौरान गमगीन नजर आए। बारिस और सर्द हवाओं के बावजूद राहुल महज एक टी-शर्ट में मीलों पैदल चलते नजर आए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और केंद्र सरकार के कई मंत्री भी मौजूद रहे। डॉ. सिंह की विरासत को सम्मानित करने के लिए भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफुल समेत विदेशी गणमान्य लोग समारोह में शामिल हुए।
अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओ व तीनों सेनाओ की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सलामी दी। पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर की तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने मिलिट्री बैंड के साथ अगुवाई की। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी।
पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार के दौरान परिसर में ‘डॉ. मनमोहन सिंह अमर रहे’ ‘डॉ. साहब अमर रहे’ के नारे गूंजते रहे। श्रद्धांजलि देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि डा.मनमोहन सिंह की विनम्रता, मार्गदर्शन और देश के लिए उनका योगदान इतिहास के पन्नों में सदा जीवित रहेंगे। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी को देश और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से आखिरी सलाम।
डॉ. मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा कांग्रेस मुख्यालय से प्रारंभ हुई। शनिवार सुबह पूरे सम्मान के साथ भारतीय सेना, नौसेना, और वायु सेना के अधिकारी पूर्व प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर लेकर कांग्रेस मुख्यालय आए। यहां स्वर्गीय मनमोहन सिंह की धर्मपत्नी व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। सोनिया गांधी व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का ध्वज अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी। बाद में पूर्व प्रधानमंत्री के शव को निगमबोध घाट लाया गया। निगमबोध घाट में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों, पूर्व मुख्य मंत्रियों व पार्टी के शीर्ष नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री को अंतिम श्रद्धांजलि दी।
कांग्रेस कार्यालय में जब अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा गया था तो उस समय अंतिम दर्शन के लिए भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा। यह जनसैलाब उनके अंतिम यात्रा में भी शामिल हुआ। कांग्रेस के तमाम बड़े नेता अंतिम यात्रा में दिखे। मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा के लिए उनके पार्थिव शव को आर्मी ट्रक में रखा गया था। राहुल गांधी पूरी यात्रा के दौरान आर्मी ट्रक पर बैठे नजर आए. इस दौरान वह मनमोहन सिंह को निहारते रहे।
अंतिम यात्रा के दौरान राहुल के अलावा ट्रक में मनमोहन सिंह का परिवार भी मौजूद था। आर्मी ट्रक के दोनों तरफ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता ट्रक के पीछे-पीछे भागते रहे और नारे लगाते रहे। देश के लोग उन्हें आखिरी बार नमन कर रहे हैं।
इस बीच, डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए स्थल के चयन और उनके नाम पर संभावित स्मारक को लेकर विवाद आज और बढ़ गया। जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र पर पूर्व प्रधानमंत्री की स्मृति का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया। 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ. सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार आज निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
अंतिम संस्कार स्थल के चयन को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने डॉ. सिंह का ‘अपमान’ बताया। श्री गांधी ने एक्स पर लिखा, ‘भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के प्रथम प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का आज निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार करके वर्तमान सरकार ने उनका घोर अपमान किया है। वे एक दशक तक भारत के प्रधानमंत्री रहे, उनके कार्यकाल में देश आर्थिक महाशक्ति बना और उनकी नीतियां आज भी देश के गरीब और पिछड़े वर्गों का समर्थन करती हैं।
आज तक, सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की गरिमा का सम्मान करते हुए, उनका अंतिम संस्कार अधिकृत दफन स्थलों पर किया गया है ताकि हर व्यक्ति बिना किसी असुविधा के अंतिम दर्शन कर सके और श्रद्धांजलि दे सके।
डॉ. मनमोहन सिंह हमारे सर्वाेच्च सम्मान और स्मारक के हकदार हैं। सरकार को देश के इस महान सपूत और उनके गौरवशाली समुदाय के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए था।
डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार के दिन इस मुद्दे को उठाने के लिए भाजपा ने कांग्रेस को फटकार लगाई। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने श्री गांधी की टिप्पणी की आलोचना की और उन पर ‘भारतीय राजनीति में नए निम्न स्तर’ पर गिरने का आरोप लगाया। यह भारत की राजनीति में एक नया निम्न स्तर है।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद कैबिनेट की बैठक में फैसला किया कि चूंकि वह प्रधानमंत्री थे और उनका कद बहुत बड़ा था – इसलिए कैबिनेट ने कांग्रेस और डॉ. सिंह के परिवार को एक पत्र लिखा – जिसमें कैबिनेट ने कहा कि हमें उनके नाम पर एक स्मारक बनाना चाहिए ताकि देश और दुनिया उन्हें उनके सकारात्मक कार्यों के लिए याद रखे। भाजपा ने पाखंड का आरोप लगाया और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जैसे अपने ही नेताओं के प्रति कथित अनादर के पिछले उदाहरणों की ओर इशारा किया।