Tuesday, April 23, 2024
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रेप स्टेट बन गया है हरियाणा

हम कभी नहीं सुधरेंगे। चाहे देश 69 वां गणतंत्र दिवस मनाए, चाहे भारतीय चाँद पर पहुंच जाएं, चाहे भारत विश्व गुरु हो जाए, चाहे प्रधानमंत्री महोदय रोज बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे का जाप ही क्यों न करते रहें पर हमारे अंदर की हैवानियत कभी जाने वाली नहीं है। आजादी के इतने वर्षों बाद भी देश की आधी आबादी के खिलाफ शोषण की घटनाओं में लगातार इजाफा होता जा रहा है। निर्भया कांड के बाद से राजधानी दिल्ली पर रेप कैपिटल का दाग लग गया था। पर अब इस मामले में दिल्ली का कान उसके पड़ोसी हरियाणा ने काट लिया है। वहां 10 दिन में बलात्कार की 10 वारदातों ने पूरे देशभर को झकझोर कर रख दिया है। यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि देशभर में रेप की सबसे ज्यादा घटनाएं मध्यप्रदेश के बाद हरियाणा में हो रही हैं।
अनिल गुप्त की एक गजल है। ये जाल आखिर कब तना, चिड़िया बड़ी मुश्किल में है। बच पाएगी कैसे भला, चिड़िया बड़ी मुश्किल में है। आकाश में हैं बिजलियाँ, सारी धरा पर आग है, कैसे बचेगा घोंसला, चिड़िया बड़ी मुश्किल में है। मिलता नहीं दाना कहीं, कब तक उड़े कैसे उड़े, अब सामने की है हवा, चिड़िया बड़ी मुश्किल में है। कुछ कैंचियां बेताब हैं, पर काटने को अब अनिल, धूमिल है हर संभावना, चिड़िया बड़ी मुश्किल में है।
हरियाणा में इसी प्रकार के हालात हैं। वहां लड़कियां हो महिलाएं बड़ी मुश्किल में जी रही हैं। वे न तो घर में सुरक्षित हैं, न बाहर। वे आजादी का सुख नहीं भोग सकती। क्योंकि बलात्कार और गैंग रेप के मामले में हरियाणा अब काफी बदनाम हो गया है। कुछ लोग तो अब हरियाणा को रेप स्टेट कहने लगे हैं।
हरियाणा में पिछले 10 दिनों में हुई रेप की 10 बर्बर घटनाओं ने राज्य के साथ पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। हद तो यह हो गई कि राज्य के एडीजी आरसी मिश्रा ने बेहद शर्मनाक बयान तक दे डाला। एडीजी आरसी मिश्रा ने शर्मनाक तरीके से रेप को ‘समाज का हिस्सा’ बताते हुए कहा था कि इस तरह की घटनाएं अनंतकाल से होती चली आ रही हैं। भाजपा के एक सत्तासीन नेता ने जहाँ बलात्कार के लिए मृत्य दंड की वकालत की वहीँ एक महानुभाव ने तो उलटे महिलाओं के लिए ही फतवा जारी कर दिया कि उन्हें आॅटो में नहीं बैठना चाहिए। मुझे उपरोक्त सभी महानुभावो की बुद्धि और सोंच पर तरस आता है। ये सिर्फ जुबानी कसरत करते हैं और कुछ नहीं। हरियाणा में हैवानियत की पहली घटना कुरुक्षेत्र में हुई। जिसमें 15 साल की एक दलित लड़की के साथ गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। इसके साथ ही उस लड़की के शरीर पर भी कई गहरे घाव के भी किए गए थे। दूसरी घटना पानीपत में 11 साल की एक दलित लड़की के साथ गैंगरेप के रूप में सामने आई। उस मासूम की भी दरिंदो ने हत्या कर दी। वहीं पिंजोर में 10 साल की एक अन्य मासूम के साथ 45 साल के एक मजदूर ने रेप किया और उसके नाजुक अंग को क्षत विक्षत किया। इसी तरह एक के बाद एक रेप होते रहे और महिलाएं व लड़किया दरिंदगी की शिकार होती रहीं। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार के दावों के बावजूद रेप की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक सबसे अधिक बलात्कार की इस लिस्ट में मध्य प्रदेश सबसे शीर्ष पर है। वर्ष 2017 में महिलाओं के साथ 4,882 रेप की घटनाएं हुई। यही सिलसिला 2016 में भी रहा था और सबसे ज्यादा रेप के मामले में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर रहा था। लगता है कि 2018 में हरियाणा मध्य प्रदेश से बाजी मार ले जाएगा।

-हेमलता त्रिपाठी

दुःख की बात तो यह है कि फांसी की सजा भी बलात्कारियों में डर नहीं पैदा कर सकी है। बता दें कि मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पर 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से रेप के मामले में दोषी पाए जाने पर गुनहगारों को मौत की सजा दी जाएगी। दरअसल, पिछले साल दिसंबर महीने में मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट में एक प्रस्ताव पास किया गया। जिसके तहत 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार करने के दोषी को मौत की सजा देने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही गैंगरेप वाले मामले में सजा और जुर्माना दोनों ही लागू होगा। विधेयक में 12 साल तक की बच्ची से रेप या गैंगरेप के दोषी को फांसी की सजा के प्रावधान के साथ और भी चीजें जोड़ी गई हैं। पर इसके बाद भी बलात्कार की वारदातें कम नहीं हुई थीं। इसलिए हरियाणा के मामले में तो और कोई उठाने पड़ेंगे।