Tuesday, May 7, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » सत्य के आगे जीत है, सत्य को बनाएं जिन्दगी का आधारः माला श्रीवास्तव

सत्य के आगे जीत है, सत्य को बनाएं जिन्दगी का आधारः माला श्रीवास्तव

रायबरेलीः जन सामना संवाददाता। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती 2 अक्टूबर के अवसर पर कलेक्ट्रेट के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने महात्मा गांधी के चित्र का अनावरण व चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस मौके पर जिलाधिकारी सहित अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार, अपर जिलाधिकारी वि0रा0 पूजा मिश्रा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंकिता जैन, नगर मजिस्ट्रेट पल्लवी मिश्रा सहित अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने गांधीजी व लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर कोटि-कोटि नमन किया। जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने कहा कि महात्मागांधी दृढ़ व्यक्तित्व के व्यक्ति थे, असल में वह एक उत्तम आत्मा के स्वामी थे। वह साधारण कपड़े पहनते थे एवं सादा भोजन करते थे। वह केवल शब्दों पर नहीं बल्कि कार्य करने में विश्वास रखते थे। जिसका वह उपदेश देते थे उन बातों का अनुसरण भी करते थे। सादा जीवन व उच्च विचार अपनाकर आगे बढ़ें। उन्हें हर प्रकार के जातिवाद से नफरत थी। गांधी जी का जीवन दर्शन, समग्रता और समता का जीवन दर्शन है जिसे अपने जीवन में दृढ़ इच्छा शक्ति और संकल्प के साथ आसानी से उतारा जा सकता है।जिलाधिकारी ने कहा कि गांधी जी ने सत्य अहिंसा का नारा ही नहीं दिया बल्कि उस पर अमल भी किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तरह दुबले पतले शरीर की भांति लाल बहादुर शास्त्री का भी शरीर दुबला पतला था अतः यह सर्वविध थे कि किसी भी अच्छे दर्शन विचार व महानता में रंग, रूप व आकार कोई मायने नही रखता है। कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी प्रशासन, अपर जिलाधिकारी वि0रा0, नगर मजिस्ट्रेट एवं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सहित अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी गांधी जी और लालबहादुर शास्त्री के दर्शन, विचार को विस्तार से बताया और कहा गांधी जी का ‘सादा जीवन उच्च विचार’ का सिद्धान्त आज के दौर में ज्यादा प्रासंगिक है। गांधी जी ने स्वतन्त्रता आंदोलन को जनआंदोलन बनाया। वर्तमान भौतिकतावादी दौर, पश्चिमी संस्कृति के बढ़ते माहौल में भारतीय संस्कृति व सभ्यता की रक्षा करना जरूरी है। इसके लिए महात्मा गांधी जी का जीवन दर्शन देशवासियों के लिए आज और भी ज्यादा प्रासांगिक हो गया है। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि गांधी जी की भांति लाल बहादुर शास्त्री जी भी सादगी के प्रतीक थे। दोनों ही महापुरुषों ने सादा जीवन उच्च विचार की विचारधारा को जीवन भर अपनाया तथा देश व समाज को उन्नति व विकास के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।
इस मौके पर रघुपति राघव राजा राम …………आदि सहित कई भजनों को प्रस्तुत कर उपस्थित जनों ने सुना और मन को मोह लिया। इससे पूर्व जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों ने आयोजित कार्यक्रम में आये हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों का माल्यार्पण व मेडल आदि से सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन रामेन्द्र मिश्रा व महेश त्रिपाठी द्वारा किया गया।