कोरोना रूपी वैश्विक महामारी के चलते जैसे ही देश में करीब तीन माह तक लॉकडाउन का फैसला किया गया देश के हजारों उद्योगों में मजदूरों के पलायन स्वरूप ताले लग गए । लॉकडाउन ने देश के उद्योगों की सम्पूर्ण क्रियाविधि को प्रभावित किया जिससे उद्योगपतियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा । मगर अनलॉक के बाद उद्योगों की गाड़ी अभी पूरी तरह से पटरी पर आई भी नहीं थी कि चीन व भारत के बीच सीमा विवाद मुद्दा गहरा गया और यह मुद्दा सैनिकों के बीच झड़प में 20 जवानों की शहादत के बाद राष्ट्रीय स्तर पर और भी गहरा गया । जिसके चलते देश में राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत चीनी सामानों का बहिष्कार शुरू हो गया जिस कारण सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाते हुए चीनी आयात-निर्यात पर लगाम लगाना शुरू कर दिया । फिर क्या ? देश के उद्योगों का प्रभावित होना तो लाजिमी था और हुआ भी वही अनेकों उद्योगों में फिर से तालाबंदी हो गई । बाजार सूत्रों के हवाले से चीन व भारत के बीच तनातनी के कारण हजारों कार्गो कंटेनर जो चीन से आयातक वस्तुएं देश में लाते थे वह सब अब बंदरगाहों व एयरपोर्टों पर खड़े हो गए हैं । इनमें करीब 1000 कंटेनर ऐसे हैं जिनमें महत्वपूर्ण स्पेयर पार्ट्स , कंपोनेंट्स व करीब 300 करोड़ के कृषि संबंधी उपकरण की तैयार इकाइयां और देश के लगभग बहुधा उद्योगों के आवश्यक उपकरणों से लदे खड़े हैं । ऐसे में देश के उद्योगों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ना लाजिमी है ।
Read More »महिलाओं को होने वाले “मासिक धर्म” को लेकर उन्नति सेवा संस्थान ने चलाया जागरूकता अभियान
कानपुर, जन सामना ब्यूरो। कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना महिलाओं को करना पड़ रहा हैं। इनमें स्लम में रहने वाली महिलाएं ज्यादा परेशान हैं। इन महिलाओं को आ रही परेशानियों में से एक है “मासिक धर्म” अपर एवं मीडिल क्लास की महिलाएं किसी न किसी तरह इस समस्या का समाधान ढूंढ लेती है। और उनमें जागरूक भी हैं व इसके प्रति सजग भी है। लेकिन अगर बात करे स्लम में रहने वाली महिलाओं की तो उनमें न तो ज्यादा जारूकता है और न ही इससे बचने के लिए वे सही कदम उठा पाती हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए स्लम इलाकों में रहने वाली महिलाओं को जागरूक करने के लिए “उन्नति सेवा संस्थान” ने काकादेव स्थित जयप्रकाश नगर मलिन बस्ती में महिलाओं को होने वाली “मासिक धर्म” के प्रति जागरूकता अभियान चलाकर बस्ती की महिलाओं को सेनेटरी पैड्स व बच्चों को खाने-पीने का सामान वितरित किया और बस्ती के लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में भी जागरूक किया। इस अभियान में उन्नति सेवा संस्थान की मंत्री मीनाक्षी गुप्ता, आरती सेंगर, पूनम सिंह, भावना अदलखा, अंजली गुप्ता, तरनजीत सिंह ,अमित सिंह, अमन जी, प्रणवीर सिंह उपस्थित रहे।
Read More »कोविड-19 के प्रसार को रोकने में आम नागरिकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण: मुख्य सचिव
नागरिकों को इस वायरस से बचाव हेतु विभिन्न प्रचार माध्यमों से जागरूक करने के निरन्तर प्रयास किये जायें: राजेन्द्र कुमार तिवारी
मेडिकल स्क्रीनिंग के समय पल्स पोलियो अभियान की भांति घरों की मार्किंग भी की जाये: मुख्य सचिव
सर्विलांस टीम की दिन-प्रतिदिन की प्रगति की एप अथवा पोर्टल के माध्यम से नियमित माॅनीटरिंग की व्यवस्था की जाये: मुख्य सचिव
टेस्टिंग क्षमता 30 जून तक 25 हजार करने के प्रयास सुनिश्चित किये जायें: राजेन्द्र कुमार तिवारी
वैश्विक महामारी के समय में सभी विभागों के अन्तर्गत अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहित भी किया जाये: राजेन्द्र कुमार तिवारी
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने में आम नागरिकों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। अतः नागरिकों को इस वायरस से बचाव हेतु विभिन्न प्रचार माध्यमों से जागरूक करने के निरन्तर प्रयास किये जायें। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट एवं पुलिस के वाहनों द्वारा व्यस्त चौराहों एवं बाजारों में पेट्रोलिंग कर सोशल डिस्टेसिंग तथा मास्क के प्रयोग का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाये। इस कार्य में स्वयंसेवी संस्थाओं और व्यापार मण्डलों का भी सहयोग लिया जाये तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाये।
सरकारी नौकरी, बड़े व्यापारी और नेताओं के लिए सैनिक सेवा अनिवार्य हो -डॉo सत्यवान सौरभ
अब समय आ गया है कि सरकारी कर्मचारियों और 5 लाख से ऊपर की आय वालों के लिए आर्मी सर्विस अनिवार्य की जाये। ताकि देश भक्ति नारों से निकलकर वास्तविक रंग में आये और सबको पता चले कि कैसे एक फौजी देश की धड़कन है?? जो वतन की मिट्टी के लिए कुर्बान होता है अपना सब कुछ भूलकर। इनकम टैक्स की तर्ज और रिजर्वेशन के आधार पर आर्मी सर्विस के साल निर्धारित किये जाए। हर देशवासी को सीमा सेवा का मौका मिलना ही चाहिए ताकि कोई आंदोलन न करें कि मुझे ये अवसर नहीं मिला। न कोई धरने पर बैठे। ग्रुप ए और बी एवं 12 लाख से ऊपर की आय वाले परिवार के के लिए तो ये इस वतन में रहने की प्रथम शर्त होनी चाहिए।
देश के पैसे को अपनी तिजौरी में भरकर देश के अन्न- धन के का लुत्फ लेने वालों को ये अहसास होना भी जरुरी है कि यहाँ का कण-कण कितना कीमती है? गली-मोहल्ले से देश भर की राजनीति में अपना नाम चमकाने वाले परम समाजसेवी राजनीतिज्ञों के लिए चुनाव लड़ने की प्रथम शर्त फौजी सर्टिफिकेट हो ताकि मंच से बोलते वक़्त उनके भावों में देश सेवा की ही रसधार ही बहे। पंडाल से केवल एक ही नारा गूंजे ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का। मेरा मानना है कि अगर ऐसा होता है तो हमारे देश से भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, धरने-प्रदर्शन, गली-मोहल्ले के सब झगडे खत्म हो जायँगे। हर फौजी में बहनों को भाई और माँ को बेटा दिखाई देगा। सबकी अक्ल ठिकाने आएगी। संवेदना की एक लहर दौड़ेगी जो तेरे- मेरे कि भावना को खत्म करके प्रेम के धागों को मजबूती देगी।
अब साइबर अपराध देश के सामने नई चुनौती -प्रियंका सौरभ
हम जितनी तेज़ी से डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं, उतनी ही तेज़ी से साइबर अपराध की संख्या में वृद्धि हो रही है। कोरोना के समय में ऑस्ट्रेलिया की संचार प्रणाली पर हुआ साइबर हमला है, संचार प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगता है। इसी बीच अब साइबर विशेषज्ञों ने भारत में भी एक बड़े साइबर हमले की आशंका व्यक्त की है। सरकार ने व्यक्तियों और व्यवसायों के खिलाफ बड़े पैमाने पर साइबर हमले के खिलाफ चेतावनी दी है, जहां हमलावर व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी के लिए कोविड के तहत एकत्रित किये गए डाटा को चोरी कर सकते हैं।
भारत की साइबर सुरक्षा नोडल एजेंसी के सलाहकार चेतावनी जारी की है कि संभावित साइबर हमले सरकारी एजेंसियों, विभागों और व्यापार निकायों को टारगेट कर सकते हैं जिन्हें सरकारी वित्तीय सहायता के संवितरण की देखरेख करने का काम सौंपा गया है। हमलावरों से स्थानीय अधिकारियों के बहाने दुर्भावनापूर्ण ईमेल भेजने की आशंका है जो सरकार द्वारा वित्त पोषित कोविड -19 समर्थन पहल के प्रभारी हैं। जानकारी के अनुसार साइबर हमलावरों के पास 2 मिलियन ईमेल आईडी होने की आशंका हैं और ऐसे समय लुभावनी ईमेल भेजने की योजना बना रहे हैं।
बालू घाट में पनचक्की से निकली जा रही कीमती बालू
कौशांबी, मंजीत सिंह चंदेल। महेवा घाट थाना क्षेत्र से जामुन नदी का सीना चीर कर निकाली जा रही कीमती बालू। कारोबारियों को प्रशासन का जरा भी डर नहीं है। हालात ये है कि शाम होते ही जमुना के सन्नाटे को पनचक्की का शोर चीरने लगता है। महेवाघाट थाना क्षेत्र से अवैध बालू निकाशी की अकसर शिकायत आती रहती हैं। शिकायत के बाद भी पुलिस रत्ती भर तवज्जों नहीं देती। क्योंकि इसके पीछे कारोबारियों की मजबूत पकड़ होती है। बता दे कि इन शिकायतों के चलते पिछले दिनों जिलाधिकारी ने बालू घाटो का निरीक्षण किया था। इसके बाद भी इलाकाई पुलिस पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है।
Read More »यूपी सरकार ने रद् की कुशीनगर की मैत्रेय परियोजना
– 195 एकड़ भूमि पर लगनी थी 500 फीट की बुद्ध प्रतिमा, देश के बौद्ध धर्मानुलम्बियों में रोष
– अखिलेश सरकार ने रखी थी परियोजना की आधार शिला
– डीएम भूपेन्द्र चौधरी बोले मुझे पता है पर पूरी जानकारी संस्कृति विभाग ही दे पाएगा
लखनऊ/कानपुर, पंकज कुमार सिंह। देश-विदेश में बुद्ध के नाम पर वाहवाही लूटने वाली भाजपा सरकार ने बुद्ध तीर्थ स्थल व पर्यटन क्षेत्र की एक बङी परियोजना को रद् कर दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कुशीनगर जिले में प्रस्तावित 250 करोड़ की मैत्रेय परियोजना का एमओयू (करार) निरस्त कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक परियोजना रद् करने का फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की एक बैठक में लिया गया। परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग ने मैत्रेय ट्रस्ट को 195 एकड़ भूमि मुहैया करायी थी जिसपर 200 फीट ऊंची बुद्ध प्रतिमा सहित अस्पताल, स्कूल, दीक्षा स्थल, पुस्तकालय, फूडकोर्ट, गेस्ट हाउस आदि का निर्माण होना था। इसके साथ ही बौद्ध तीर्थ स्थलों के विकास व जनहित के कार्य को पंख लगने थे। लेकिन परियोजना रद् होने की खबर से बुद्ध प्रेमियों को धक्का लगा है इससे सरकार के प्रति रोष है।
डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बेतहासा वृद्धि के विरोध में किया प्रदर्शन
कानपुरः जन सामना संवाददाता। डीजल-पेट्रोल की कीमतों में लगातार की जा रही बेतहासा वृद्धि के विरोध में बर्रा-8 स्थित चौ राम गोपाल यादव चौराहा में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बैलगाड़ी में मोटर साइकिल लादकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी अपने अपने हांथों में योगी-मोदी इस्तीफा दो…जब से भाजपा आई है कमरतोड़ महंगाई है… आदि नारे लिखे तख्तियां अपने अपने हांथों में लिये थे।
इस मौके पर चौ संतोष यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों ने आम जनता का जीना दुश्वार कर दिया है। डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बेतहासा वृद्धि के कारण दैनिक उपभोग की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो रही है। अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट के वावजूद देश में डीजल-पेट्रोल की कीमतों में कमी करने के वजाय केन्द्र सरकार महंगे दामों में बेंचकर महंगाई को बढ़ावा दे रही है।
हेल्थकेयर डेटा को कार्यों में परिवर्तित करने का एक मजबूत दृष्टिकोण: इंद्रप्रीत कैम्बो
हेल्थकेयर में डेटा एक उभरता हुआ क्षेत्र है लेकिन नौसिखिए पेशेवरों और कंपनियों के लिए समझने के लिए काफी जटिल है। स्वास्थ्य सेवा में डेटा का उपयोग करने की यात्रा लंबी और कठिन है, लेकिन कई लोग पसंद करते हैं इंद्रप्रीत कैमबो पहले से ही इस दृष्टिकोण में महारत हासिल कर रहे हैं। वे उस तरीके को प्रभावित करके डोमेन में अधिक मूल्य पैदा कर रहे हैं जिस तरह से डेटा का संस्थान पर प्रभाव पड़ता है।
स्वास्थ्य सेवा में डेटा सीढ़ी चढ़ने के लिए संगठनों को यह मूल्यांकन करने की आवश्यकता होती है कि वे अपने डेटा पर कैसे उत्पन्न, संग्रह, स्टोर, प्रक्रिया और रिपोर्ट करें। इसका मतलब है कि एक रोडमैप विकसित करना जो डेटा यात्रा के साथ हर अवसर की पहचान करता है। इंद्रप्रीत कैम्बो संगठनों को एक योजना से शुरू करने में मदद करते हैं – नैदानिक से लेकर संचालन तक व्यापार से तकनीकी तक। उनकी योजनाएँ व्यापक हैं और इनके माध्यम से बहुत सोचा जाता है। वह निर्णय लेने से पहले ही कार्रवाई करने में विश्वास रखता है। उनका अनुभव संगठनों को नेतृत्व के साथ एक बहु-विषयक टीम को एक साथ लाकर डेटा प्रक्रिया शुरू करने में मदद करता है, जिसमें चिकित्सक, नर्स, कंपनी निदेशक, आईटी विभाग, रोगी प्रतिनिधियों के साथ शामिल होते हैं।
विश्वव्यापी कोरोना त्रासदी का सूत्रधार चीन आज क्यों बौखलाया -एक मुद्दा
नवंबर 2019 से अपनी विषाणु प्रयोगशाला से जनित मानवजीवन के लिए घातक विषाणु कोरोना को अपनी धरती के छोटे से शहर वुहान से निकाल कर पश्चिमी देशों से घुमाते हुए पूरे विश्व मे प्रसारित करने वाला आपराधिक देश चीन आज किस तरह गिरगिट जैसी रँगबदलती चाल चल रहा है। यह आश्चर्यजनक तो नहीं क्योकि उसका भयावह इतिहास उसकी यह दोगली प्रवृति का साक्षी है किन्तु यह अति निम्नकोटि का व घृणित है जो एक जिम्मेदार विश्व महाशक्ति को कतई शोभा नहीं देता।
चीन का सबसे बड़ा शत्रु अमेरिका है किंतु उसने भारत से पंगा लिया। क्यों? क्योकि एशिया महाद्वीप में उसको यदि कोई चुनौती दे सकता है तो वह भारत है और चीन भारत पर दबाव बनाना चाहता है। कोरोना महामारी संकट की चुनौती को भारत ने 24 मार्च से ही सम्पूर्ण लॉक डाउन लगाकर आत्मसंयम, अनुशासन, आत्मनिर्भरता के दम पर जिस तरह स्वीकारा है और उस पर बड़े बड़े देशों की अपेक्षा बेहतर तरीके से नियंत्रण किया है उसका लोहा अमेरिका सहित पूरे विश्व ने माना है। यह बात चीन को पची नहीं। उसने अपना कोरोनॉ संकट तो वुहान तक ही निपटाकर देश की सभी गतिविधियां सामान्य कर ली किन्तु पूरा विश्व अभी भी कोरोनॉ मकड़जाल में फंसा है। भले ही हमने भी लॉक डाउन 4 के बाद 8 जून से शिक्षासंस्थान छोड़कर सभी औद्योगिक, व्यापारिक गतिविधियों को पूर्ववत चालू कर अपनी अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाना प्रारम्भ कर दिया।