योग विशेषज्ञों ने मत्स्य, साइकिल, बुद्ध, बाल, तितली, फ्लाई, कपाल भारती आसन सहित ज्ञान विज्ञान बुद्ध, डा0 अम्बेडकर व देव समाज के योगों व ज्ञान को भी बताया आसान व साधारण योग क्रियाओं से भी स्वस्थ व निरोग रहा जा सकता है: राधेश्याम
कानपुर देहातः जन सामना ब्यूरो।हिसार से आये योगाचार्य राधेश्याम ने देवसमाज विद्यालय अकबरपुर में चल रहे तीन दिवसीय सत्संग समारोह में आमजन को योग से लाभ, महत्व, शिक्षा से बड़ा कोई धन नहीं है आदि की जानकारी देते हुए हर्षउल्लास के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। योग शिक्षा केन्द्र व प्रदेश सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। इसके अपनाने से हमारा स्वास्थ ठीक रह सकता है। योग कार्यक्रम से निरोग रहने के साथ ही शरीर मन को संतुलित करने का माध्यम और मानवता, प्रेम, शांति एकता, सदभाव के भाव को जीवन में उतारा जा सकता है। योग को हम अपने दैनिक जीवन का हिस्सा मना सकते है। योग 21 जून को प्रतिवर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। पंजाब, हरियाणा, चण्डीगढ़ तथा उ0प्र0 के कई जनपदों पधारे देव समाज के अनुयायियों एवं श्रद्धालुओं ने संस्थापक देवसमाज की पावन जन्मस्थली पर निरन्तर आयोजित सत्संग, कीर्तन आदि द्वारा अपनी श्रद्धा को बढ़ाया। योगाचार्य विशेषज्ञ राधेश्याम ने योग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि योग स्वस्थ्य रहने के लिए अत्यन्त ही जरूरी आयाम है। योग में जरूरी नहीं कि मुश्किल आसन किये जायें साधारण योग क्रियाओं का भी उतना ही लाभ होता है जितना कि जटिल क्रियाओं का। आसान योग मत्स्य, कपाल भारती, बज्र आसन, सिंघासन, बुद्ध आसन, बाल योग, बटर फ्लाई यानि कपाल भारती सांस निकालना, बाल योग में छोटेे बच्चों की तरह लेट कर हाथ पैरों को चलाना तितली आसन में तितली की भांति पैरो को चलाना, मत्स्य आसन में मछली की भांति तैरना, साइकिल आसन आदि सहित उन्होंने कई छोटे और आसान योग क्रियाओं को करके दिखाया। उन्होंने कहा कि विश्व के अनेक देश में स्वस्थ्य रखने के लिए साइकिल की सवारी व चलाने की आरे बढ़ रहे है। उन्होंने साइकिल आसन के लाभों को बताया। तितली आसन आसान होने के साथ ही साथ प्रतिदिन मात्र बैठकर पैरों को हिलाने से शरीर की नसों में ब्लड का सरकुलेशन ठीक रहता है। इसके करने से तितली की भांति दिखने में सुन्दर व चमक आती है। इसी प्रकार बाल योग में छोटे बच्चों की भांति लेटने की मद्रा में मुट्ठी भीज कर हाथ पैर को चलाना होता है। इससे पूरे शरीर में स्फुर्ति प्राप्त होता है। सर्प, शेर, अनुलोम-विलोम, हास्य आसनों की भी पै्रक्टिकल जानकारी देते हुए बताया गया। योग सीखने आये राम गोपाल ने इस मौके पर ज्ञान, बुद्ध व डा. अम्बेडकर योग और ज्ञान के बारे में बताया कि इसमे शांति के साथ किताबों का अध्ययन शिक्षित बनो, संगठित बनों तथा संघर्ष करो आदि अपने मन वचन से देश और समाज का चिंतन भी किया जाता है साथ ही साथ ही यह भी सोचा जाता है कि किस प्रकार राष्ट्रीय एकता, अखंडता में और मजबूती आये।
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