Tuesday, November 19, 2024
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अवैध शराब बनाने वालों के ठिकानों पर पुलिस ने मारा छापा

रसूलाबाद, कानपुर देहात। पुलिस व आबकारी की संयुक्त टीम द्वारा प्रवर्तन अभियान के तहत अवैध शराब वाले ठिकानों पर अचानक दबिश दी। जिससे हड़कंप मच गया। इस दौरान जमीन में दफन करीब 120 लीटर लहन को पुलिस ने नष्ट किया। साथ ही इस दौरान शराब बनाने वाले एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता पाई और उस पर कार्रवाई की।
शुक्रवार को जनपद के पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स के निर्देश पर रसूलाबाद क्षेत्र में एसडीएम,पुलिस व आबकारी की संयुक्त टीम ने अचानक छापेमारी कर कई लीटर लहन को बरामद कर नष्ट किया। साथ ही दबिश देकर आरोपियों की धरपकड़ शुरू की। पुलिस क्षेत्राधिकारी रामशरण सिंह, उपजिलाधिकारी अंजू वर्मा, आबकारी निरीक्षक कौशलेंद्र रावत व प्रभारी निरीक्षक थाना रसूलाबाद चंद्रशेखर दुबे की अगुवाई में अभियान चलाया गया। जिसमें रसूलाबाद क्षेत्र के शहबाजपुर, मददू पुल मड़ैयन में पुलिस ने दबिश दी। आबकारी व पुलिस टीम के संयुक्त छापेमारी से हड़कंप मच गया। शराब बनाने वाले लोग घर छोड़कर भाग गए।
शहबाजपुर में घरों के पीछे बड़े-बड़े लहन के भरे डिब्बे जमीन में दफन मिले। जिनको उपजिलाधिकारी अंजू वर्मा व पुलिस क्षेत्राधिकारी रामशरण सिंह ने फावड़े से खुदवाकर बाहर निकाला। साथ ही जैसे ही पुलिस की गाड़ियां देखी तो शराब बनाने वाले युवक मौके से फरार हो गए। जबकि एक को पकड़ने में पुलिस कामयाब रही। उपजिलाधिकारी अंजू वर्मा ने बताया कि शासन की मंशा के अनुसार किसी भी दशा में नकली शराब का न तो निर्माण और न ही बिक्री करने दी जाएगी। यदि कोई ऐसा कार्य करता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस क्षेत्राधिकारी रामशरण सिंह ने बताया कि पुलिस लगातार नकली शराब बनाने वाले ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। किसी भी दशा में ऐसे लोग बख्शे नहीं जाएंगे।

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परीक्षा रोकवाने निकले नेता बिहार चुनाव पर चुप क्यों

पूरे देश के विपक्षी नेताओं को एकाएक परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों पर दया उमड़ आई है और जेईई तथा नीट की परीक्षा टालने की मांग कर रहे हैं। सितंबर महीने में होने वाली इस परीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन सिग्नल दे दिया है। 85 प्रतिशत विद्यार्थियों ने परीक्षा देने के लिए एडमिट कार्ड भी डाऊनलोड कर लिया है। परंतु विपक्ष के नेता इस मुद्दे पर फिर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि यही विपक्षी नेता बिहार में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मामले में चुप हैं और आराम से चुनाव की तैयारियोें में लगे हुए हैं।
राजनीति हमेशा स्वार्थी होती है, इसका सुबूत जेईई-नीट की परीक्षा और बिहार के चुनाव से मिल रहा है। बिहार चुनाव समय से ही होंगे, इसकी घोषण हो चुकी है। इसलिए अब पूरा अक्टूबर-नवंबर बिहार चुनाव की कार्रवाई में व्यस्त रहेगा। रैलियां, उम्म्ीदवारों का चुनाव, उम्मीदवारों द्वारा अपनी उम्मीदवारी का फार्म भरना, चुनाव प्रचार और चुनावी रैलियां और उसके बाद चुनाव। मतगणना और विजय जुलूस। सवाल यह है कि इस चुनाव प्रक्रिया में किसी राजनीतिक दल को कोरोना का भय नहीं लग रहा। बिहार की जनता को चुनाव की वजह से कोरोना हो सकता, यह आरोप लगा कर कोई राजनीतिक दल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने नहीं जा रहा है। उलटे राजनीतिक पार्टियां बिहार में अपने चुनावी दांवपेंच लगाने में जुटी हैं। यह एक कड़वा सच राजनीतिक पार्टियों का है।
बिहार में चुनाव होना है, यह तय हो चुका है। इसलिए विपक्ष अपना तालमेल बैठाने में लगा है। बिहार में एनडीए की सरकार है, जिसमें जेडीयू, भाजपा तथा एलजेपी शामिल है। चुनाव की घोषणा के पहले एललेपी के चिराग पासवान सीटों के मुद्दे पर मीडिया के सामने आ चुके हैं और एक बार वह समर्थन वापस लेने की धमकी भी दे चुके हैेैं। परंतु सूत्रें से मिली जानकारी के अनुसार अब सत्तापक्ष में सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन चुकी है। भाजपा अध्यक्ष नड्डा की ओर से बयान आया है कि बिहार चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार सत्ताधारी पार्टी ने जो समझौता किया है, उसके हिसाब से जनतादल यूनाइटेड (जेडीयू) 110 सीट पर, भाजपा 100 सीट पर और लोकजनशक्ति पार्टी (एलजेपी) 33 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। यह समझौता जल्दी ही मीडिया के समक्ष घोषित किया जाएगा। इस फार्मूले में 2-4 सीटों की अदला-बदली हो सकती है। परंतु लगभग इसी फार्मूले के अनुसार एनडीए चुनाव में उम्मीदार उतारेगी। दूसरी तरफ बिहार में विपक्ष के महागठबंधन में सीटों के समझौते को लेकर भारी खींचतान मची है। सीटों के बंटवारे में अन्याय होने की वजह से ही हम पार्टी के जीतनराम माझी ने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया है। खबर आ रही है कि जीतनराम माझी जेडीयू के साथ गठबंधन कर सकते हैं, पर अभी यह बात तय नहीं है। क्योंकि अभी जीतनराम माझी की तरफ से कुछ खुलासा नहीं किया गया है। वह अकेले चुनाव लड़ेंगे या किसकी तरफ जाएंगे अभी कुछ निश्चित नहीं है। जीतनराम माझी के जाने के बाद महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर अब कांग्रेस और अरजेडी के बीच खींचतान चल रही है। कांग्रेस पिछली बार की अपेक्षा इस बार दोगुनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। 2015 में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस ने साथ मिल कर चुनाव लड़ा था। तब जेडीयू, आरजेडी 101-101 सीटों पर और कांग्रेस 42 सीटों पर चुनाव में उतरी थी। अब 2020 में महागठबंधन से जेडीयू बाहर हो चुकी है। इसलिए कांग्रेस 80 सीटों की मांग कर रही है। दूसरी तरफ महागठबंधन की मुख्य पार्टी लालूप्रसाद यादव की आरजेडी 160 से कम सीटों पर चुनाव लड़ने के मूड में नहीं है। ऐसे में महागठबंधन के अन्य साथियों को कितनी सीटें मिलेंगी, यह एक चर्चा का विषय है। बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 240 सीटों पर आरजेडी और कांग्रेस ही चुनाव लड़ लेंगी तो बाकी पार्टियों का क्या होगा? यह एक बड़ा सवाल महागठबंधन का है।

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अनुपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध की जायेगी सख्त कार्यवाई – मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने किया आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता मुख्यालय का औचक निरीक्षण
निरीक्षण में कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं मिला, करीब 90 प्रतिशत कर्मचारी भी मिले अनुपस्थित
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी द्वारा सहकारिता भवन स्थित आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता मुख्यालय का आकस्मिक एवं औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं मिला। करीब 90 प्रतिशत कर्मचारी भी अनुपस्थित मिले।
उन्होंने कहा कि कार्यालय समय में अधिकांश अधिकारियों एवं कर्मचारियों का अनुपस्थित होना यह दर्शाता है कि कार्यालय में अनुशासनहीनता है एवं प्रशासनिक नियंत्रण का अभाव है, जिसके लिये उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा तथा अनुपस्थित पाये गये अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन कटौती के साथ-साथ विभागीय कार्यवाही अलग से की जायेगी।
उन्होंने बताया कि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी समयशीलता एवं अनुशासन का पालन करें तथा संवेदनशीलता के साथ जनता की समस्याओं को सुनकर उनका तत्परता से निस्तारण करें।

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धन संचय की आदत

धन का हम सभी के जीवन में बहुत महत्त्व है। धनाभाव में किसी का जीवन सुचारू रूप से नहीं चल पाता और इसके बिना व्यक्ति को आज के समाज में पर्याप्त मान प्रतिष्ठा भी नहीं मिलता। यहां मैं यह भी ध्यान देने योग्य है कि किसी भी व्यक्ति को सामाजिक मान प्रतिष्ठा सिर्फ धन से ही नहीं मिलता अपितु इसके लिए श्रेष्ठ गुणों का होना भी आवश्यक होता है पर इन अच्छे गुणों के बावजूद व्यक्ति का धनी होना भी बहुत आवश्यक होता है।
किसी किसी को धन विरासत में मिला होता है पर सभी लोग पैदाइशी अमीर नहीं होते बल्कि उसके लिए धन का संचय करना पड़ता है। दुनिया में अधिकतर लोग धन संचय और मेहनत के अच्छी आदतों के कारण ही धनवान बने हैं। ये धन संचय की आदत नहीं व्यक्ति में अचानक विकसित नहीं हो सकता अपितु इसके लिए बहुत कोशिश करनी पड़ती है और बहुत सारे लोग तो चाह कर भी इस अच्छी आदत को अपनाने में असफल रहते हैं। ऐसे व्यक्ति मुश्किल वक्त में धन संचय ना करने और अपनी फिजूलखर्ची पर अफ़सोस करते रहते हैं।

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स्पोर्टस स्टेडियम में खेल विभाग की योजनाओं का किया जायेगा व्यापक प्रचार प्रसार

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। हाॅकी महान जादूगर स्व0 मेजर ध्यान चन्द्र के जन्म दिवस 29 अगस्त के शुभअवसर पर जिला खेल कार्यालय स्पोर्टस स्टेडियम कानपुर देहात जिला क्रीड़ा अधिकारी द्वारा खेल विभाग की योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार किया जायेगा तथा उनके स्व0 मेजर ध्यान चन्द्र जी के चित्र पर प्राप्त 9ः30 बजे माल्यार्पण भी किया जायेगा।
उपरोक्त जानकारी देते हुए जिला क्रीडाधिकारी प्रदीप कुमार चौहान ने बताया कि आल इण्डिया रेडियो दूर दर्शन के माध्यम से खेल विभाग में चलने वाली गतिविधियों, छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया, उपलब्धियों तथा खेल सम्बन्धी अन्य विषयों पर प्रेरक खिलाड़ियों के साथ चर्चा की जायेगी तथा जनपद के पूर्व चैम्पियन खिलाड़ियों को चिन्हित किया जायेगा। जनपद में पूर्व में जिला खेल प्रोत्साहन समिति गठित थी उसके स्थान पर जिला खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति का गठन किया जायेगा तथा खिलाड़ियों को ग्रामीण क्षेत्र से लाकर ब्लाक स्तर पर व जनपद स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य किया जायेगा। कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए कोई भी प्रतियोगिताए आयोजित कराना सम्भव नही है तथा 2 अक्टूबर को गाँधी जयन्ती पर फिट इण्डिया रन आयोजित करायी जायेगी।

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जिलाधिकारी ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए अधिकारियों के साथ की समीक्षा

डीएम ने सभी नगरीय निकायों, ब्लॉकों, स्वास्थ्य विभाग, जिला कारागार आदि को उपलब्ध कराया सोडियम हाइपोक्लोराइट, निर्देशित किया कि ज्यादा से ज्यादा कराया जाए सैनिटाइज
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। शासन के निर्देशन पर जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र ने बीती रात्रि को सभी स्वास्थ्य अधिकारियों व एसडीएम आदि के साथ समीक्षा बैठक की बैठक में उन्होंने निर्देशित किया कि सभी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सही प्रकार से संचालित की जाए तथा कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु उपाय किए जाएं साथ ही जिलाधिकारी महोदय ने एल-1 हाॅस्पिटल, केन्द्रीय विद्यालय, नबीपुर माती, कानपुर देहात में भर्ती कोविड-19 मरीजों से दिनांक-27.08.2020 स्वयं जिलाधिकारी महोदय द्वारा 03 मरीजों से वार्ता की गयी एवं फीड बैक लिया गया। कतिपय मरीजों द्वारा व्यवस्था संतोषजनक बताई गयी साथी भर्ती मरीजों द्वारा कुछ सुझाव भी दिये गये। जिनमें ज्ञान सिंह निवासी रूरा उम्र-20 वर्ष एवं सोनी गुप्ता निवासी रूरा उम्र-41 वर्ष से वार्ता की गयी उनके द्वारा दी गयी फीड बैक में अस्पताल की व्यवस्था संतोषजनक बताई गयी।

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जिलाधिकारी ने निर्वाचन वेयर हाऊस का किया निरीक्षण

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी डॉ दिनेश चन्द्र ने आज निर्वाचन विभाग के चल रहे निर्माणाधीन कार्य वेयर हाऊस व ईवीएम, वीवीपैड वेयर हाउस का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्माण कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि शीघ्र ही कार्य खत्म कर गोदाम को निर्वाचन विभाग को सौंपे तथा जहां कही भी फर्स आदि सही नही उसे ठीक कराये इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नही बर्दाश्त की जायेगी। वही ईवीएम वीवीपैड कक्ष का भी जायजा लिया इस दौरान उन्होंने वेयर हाऊस मे साफ सफाई के निर्देश दिये वही निर्वाचन कार्यालय को अपने नये भवन मे शीघ्र स्थापित करने के भी निर्देश दिये। वहीं बिहार जाने के लिए 1851 वीवीपैड मशीनों के मोबाइल एप के द्वारा किये जा रहे सेडिंग के कार्य का भी जायजा लिया तथा निर्देशित किया कि सही प्रकार से मशीनों का सेडिंग का कार्य किया जाये। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन व निर्वाचन विभाग के कर्मचारी आदि मौजूद रहे।

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बिना नोटिस जारी किए सभी पत्रकारों को पुलिस ने ग्रुप से किया रिमूव

कानपुर देहात, जन सामना संवाददाता। जनपद कानपुर देहात में पुलिस द्वारा बिना नोटिस जारी किये व सूचना दिए बगैर ही कानपुर देहात के थाने के सभी डिजिटल बोलिंटर ग्रुप से जनपद के सभी पत्रकारों को अपमान के साथ रिमूव कर दिये जाने से आम जनता व पत्रकारों में उबाल आ गया है जबकि पत्रकारों के लिए सरकार अपमान करने वालों के लिए कड़ी से कड़ी सजा देने की बात कर रही है क्या इस अपमान को लेकर सरकार अपने दिए गए आदेशों का पालन करेगी।
जनपद कानपुर देहात में करीब 15 थानों के डिजिटल वालंटियर ग्रुप से जनपद के सभी पत्रकारों को बिना वजह बिना नोटिस के रिमूव कर दिए जाने से एक अपने आप में सरकार के प्रति बहुत बड़ा सवाल खड़ा होता है। जिसको देखते हुए पत्रकारों व आम जनता में एक डिजिटल ग्रुप व सामाजिक ग्रुप से इस तरीके से अपमान कर निकाल दिए जाने से पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है।

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40 दिन बाद गुमशुदा व्यक्ति का मिला कंकाल

इटावा, राहुल तिवारी। जनपद इटावा में 40 दिन से लापता एक व्यक्ति का शव एक खेत से कंकाल के रूप में बरामद किया गया है वहीं इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया जिनके खिलाफ पुलिस ने कानूनी कार्रवाई की।
बताया जा रहा है कि महिपाल नाम का एक व्यक्ति भरथना क्षेत्र के ग्राम सरैया का रहने वाला है जोकि 40 दिन से लापता था जिसकी रिपोर्ट परिजनों के द्वारा 19 जुलाई को थाने में दर्ज कराई गई थी तब से ही पुलिस और परिजन महिपाल की तलाश कर रहे थे वहीं परिजनों के द्वारा दी गई रिपोर्ट में 4 लोगों के नाम दर्शाए गए थे। जिसके बाद पुलिस ने चारों लोगों से गंभीरता से पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया है कि हमने महिपाल की हत्या कर उसके शव को एक खेत के किनारे गड्ढे में दफना दिया है। जिसके बाद आरोपियों की निशानदेही पर पहुंची पुलिस ने गड्ढे से महिपाल के शव को बरामद किया। इस मामले में क्षेत्र अधिकारी चंद्रपाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि महिपाल के साथ एक महिला का प्रेम प्रसंग का मामला चल रहा था जिसकी वजह से महिला के परिजनों ने महिला के साथ मिलकर महिपाल को मौत के घाट उतार दिया है। इस मामले में पुलिस ने एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। वही सभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस के द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

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सरकार की नीतियों के खिलाफ सोशल साइट्स पर मुहिम, ट्रेंड करते हैस टैग

नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा हो या यूपीएससी परिणाम में सीटों का गडबडझाला, लोगों को अखर रही सरकार की नीतियां
बढती बेरोजगारी, स्कूलों में फीस बृद्धि और सरकारी संस्थानों के निजीकरण पर लोगों के निशाने पर केन्द्र की भाजपा सरकार
कानपुर, पंकज कुमार सिंह। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के नेत्रत्व वाली केन्द्र की भाजपा सरकार देशभर में एक बड़ी आबादी के बीच आंखों की किरकिरी बनी हुई है। कोरोना महामारी के बीच आपदा को अवसर बताकर लगातार सरकारी संस्थाओं के निजीकरण के विरोध में सरकार को लोग कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। राष्ट्रीयकरण के वजाय सरकारी मशीनरी के निजीकरण को बढावा देकर मोदी सरकार के खिलाफ लोग मुखर हो रहे हैं। सोशल साईट्स के जरिए लोग सरकार के विरोध में लामबन्द होकर वर्चुअल विरोध प्रदर्शन कर सरकार की नितियों के विरूद्ध आवाज बुलंद कर रहें हैं। इसके लिए ट्वीटर पर आए दिन हैस टैग ट्रेंड करते देखे जा सकते हैं। फेसबुक पर भी निजीकरण व आरक्षण के जरिए वंचित-पिछङे समाज के प्रतिनिधित्व के खिलाफ सरकार की नीतियां सवालों के घेरे में हैं।

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