Tuesday, November 19, 2024
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मुस्लिम महिला को खून देकर हिंदू युवक ने निभाया मानवता का फर्ज

हमीरपुर। समाजसेवी अशोक कुमार निषाद गुरू ने बताया कि आज मौदहा निवासी रुकइया पत्नी इरफान को खून देने सुमेरपुर से आये रक्तवीर राजू प्रजापति। गर्भवती महिला को प्रसव पीडा होने पर जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया था। जहां महिला के शरीर मे खून की मात्रा कम होने पर डाक्टरों ने खून चढाने के लिये कहा जिस पर पीडित के परिजन खून के लिये दिनभर भटके पर खून नही मिला। तब किसी के माध्यम से उनको बुंदेलखंड रक्तदान समिति के बारे मे पता चला तथा वह समिति के पास आये व अपनी व्यथा सुनाई उनकी हालत देखते ही समिति ने तुरंत डोनर से संपर्क किया। जिस पर सुमेरपुर ये बाइक चलाकर राजू प्रजापति फौरन जिला अस्पताल पहुंचे व महिला के लिये खून देकर बचाई जच्चा बच्चा की जान। पीडित के परिजनों ने खून मिलने पर पूरी समिति व रक्तदाता का दिल से आभार व्यक्त किया। इस मौके पर समिति सहयोगी प्रीति,अशोक निषाद, अंकुर पाण्डेय, संतराम प्रजापति मौजूद रहे

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गरीब बस्ती में 40 पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए डा0 सुरेश वर्मा

हमीरपुर। संध्या वर्मा सभासद वार्ड 14 जिला योजना समिति सदस्य/भारतीय जनता पार्टी की सदस्य के प्रतिनिधि डा0 सुरेश कुमार कोरी बरसते पानी में वार्ड नं 12 मेरापुर में गरीब बस्ती का 29 जुलाई जायजा लिया था। लोगो की समस्या देखने पहुचे थे। तीन दिन से बराबर वारिश हो रही है। जिससे लोगो के घर गिर रहे है। घरों के अंदर पानी भरा हुआ है। कुछ घर गिर चुके है कुछ गिरने की स्थिति में हैए जिनके घर खपरैल से बने हैए उनके घर चू रहे थे। ऊपर छत से पानी गिर रहा हैए पर प्रशासन ध्यान नही दे रहा है। हमें कई घरों के लोगो ने बताया था कि खाने को भी नही है। बताया मजदूरी करते है रोज कमाते है| रोज खाते है पर वारिश की वजह से काम नही मिल रहा है। तो राशन नही ले पा रहे है। यहा के लोगो ने प्रधानमंत्री आवास की भी मांग की है। जिन्हें हम यह लाभ दिलायेंगे और यही सारी समस्याएं लोगो ने हमको बताई। यहां के लोगो की समस्या देखते हुये इन लोगो को आज हम और मेरी टीम द्वारा यहां की गरीब जनता को प्लास्टिक की पन्नी तिरपाल लगभग 40 लोगो को वितरण किया और राशन की किट भी दी।

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अवैध देसी शराब के साथ एक अभियुक्त गिरफ्तार

हमीरपुर। मुस्करा पुलिस द्वारा अभियुक्त शीलू राजपूत पुत्र प्रेमनारायन निवासी ग्राम बसवारी थाना मुस्करा जनपद हमीरपुर उम्र 20 वर्ष को बसवारी बस स्टाप से 18 क्वाटर अवैध देशी शराब के साथ गिरफ्तार किया गया। जिसके विरूद्ध थाना स्थानीय पर मुअसं0 127/2021 धारा 60 आबकारी अधिनियम का अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की गई।

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पुलिस ने यमुना नदी में डूबती महिला की बचायी जान

हमीरपुर। पुलिस अधीक्षक हमीरपुर ने बताया कि आज चौकीदार राम सजीवन द्वारा सूचना दिया गया कि यमुना नदी में एक महिला डूबती उतराती दिखाई दे रही है। इस सूचना पर तत्काल उप निरीक्षक भारत यादव मय हमराह हेड कांस्टेबल शोहराव खान, कांस्टेबल कांस्टेबल देवेश कुमार, होमगार्ड कमलनाथ के साथ मौके पर यमुना नदी के किनारे पहुंचे नाविकों व मछुआरों की मदद से यमुना नदी में डूबती हुई महिला बाहर निकाला गया। मौके पर कृत्रिम उपचार के बाद महिला होश में आई और उसने अपना नाम जय देवी उम्र ( 50 ) वर्ष पत्नी स्वर्गीय सुदर्शन सिंह यादव निवासी ग्राम लीचि का डेरा ग्राम शारदा नगर थाना कदौरा जनपद जालौन बताया जो 20 किलोमीटर जमुना नदी में बहती हुई मनकी खुर्द गांव के सामने मिली। उसके द्वारा बताया की मैं 29 जुलाई को शाम 5 बजे खेत देखने गई थी। कालिन्दर नाला पार करते समय पैर फिसल जाने के कारण नाले में गिर गई और बहती हुई यमुना नदी में चली आई। जिस पर उनके परिजन को बताया गया।

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चोरी की 5 मोटर साइकिल सहित दो अभियुक्त गिरफ्तार

हमीरपुर। पुलिस लाइन सभागार हमीरपुर में पुलिस अधीक्षक हमीरपुर कमलेश दीक्षित ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि आज थाना मौदहा पुलिस द्वारा दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। कब्जे से चोरी की 5 अदद मोटर साइकिल बरामद की गई। मौके से दो अभियुक्त भागने में सफल रहे। गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा पूंछताछ के दौरान बताया कि वह चारो लोग स्थान बदल.बदल कर मोटरसाइकिल चोरी करते है और खरीददार मिलने पर लाभ कमाने के उद्देश्य से बेच देते है। गिरफ्तारी व बरामदगी के आधार पर थाना मौदहा पर मुअसंण् 210/21 धारा 41/411/413/467/468 आईपीसी में अभियोग पंजीकृत किया गया। बरामद शुदा 5 मोटर साइकिलों में से 1 मोटर साइकिल थाना मौदहा में पर पंजीकृत मुकदमा मुअसं0 206/21 धारा 379 आईपीसी से संबंधित है तथा एक मोटर साइकिल मुअसं0 209/21 धारा 379 आईपीसी से संबंधित है। गिरफ्तार हुये अभियुक्तो में लक्ष्मण पुत्र विजय बहादुर निवासी फत्तेपुर नई बस्ती व शहाबुद्दीन पुत्र कमरूद्दीन निवासी फत्तेपुर नई बस्ती मौदहा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

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पुलिस ने हत्या के वांछित अभियुक्त को किया गिरफ्तार

हमीरपुर। पुलिस लाइन सभागार में पुलिस अधीक्षक हमीरपुर ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि 27 जुलाई को ग्राम इटायल में संदीप प्रजापति पुत्र गणेशी प्रसाद का शव कमला देवी बालिका विद्यालय के पीछे बबूल के झाड के पास मिला था। मृतक के दाहिने आंख के पास सिर के पीछे तथा गले के पास चोटों के निशान थे। जिसके सम्बन्ध में थाना राठ पर मृतक के पिता द्वारा 27 जुलाई को दी गई फौती सूचना के आधार पर मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के अनुसार एंटी मोर्टम इंजरी के कारण मृत्यु होना बताया गया। इसी क्रम में 28 जुलाई को वादी मुकदमा गणेशी प्रसाद उपरोक्त ने अपने पुत्र की अज्ञात के द्वारा हत्या करने सम्बन्धित लिखित तहरीर थाना राठ पर दी गईए थाना राठ पुलिस द्वारा प्राप्त तहरीर के आजधार पर मुअसं. 353/21 धारा 302 आईपीसी में अभियोग पंजीकृत किया गया। मुकदमा उपरोक्त की विवेचना प्रभारी निरीक्षक कोतवाली राठ द्वारा सम्पादित की जा रही है।

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प्रकृति का संरक्षण करके खुशहाल बनायें जीवन: तपन अग्निहोत्री

कानपुर। समूचे विश्व के सामने आज सबसे बड़ी समस्या प्रकृति का विनाश और उससे उपजने वाली भयावह आपदायें है। महामारी सैलाव रिकार्ड तापक्रम, सूखा, बेलगाम मौसम, जैवविविधता का विनाश, पानी, हवा, खनिज, जंगल, भूमि-मिट्टी भी और जीवन के करोड़ो रूपों पर खतरा चरम पर है। प्रकृति अशांत क्रुद्ध और असंतुलन में है। यह असंतुलन ही तबाही का कारण है। इससे निपटना आज सबसे बड़ी चुनौती है मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ0 कृपाशंकर तिवारी ने देश के नेटवर्क से जुड़े 200 जिलों एवं 10 राज्यों को यही संदेश दिया है कि प्रकृति के प्रत्येक घटक की सुरक्षा एवं संरक्षण हो।सुरक्षित पर्यावरण प्रकृति और पारिस्थितिकी प्रत्येक मनुष्य का मूल अधिकार है। उन्होने कहा विकास की गलत दिशा, लालच और प्रकृति के संसाधनों के हिंसक दोहन से प्रकृति के विनाश के साथ आपदायें गहरी होगी । सुरक्षित प्रकृति और जीवनदायी घटक ही सुरक्षित जीवन की बुनियाद है यह दशक भी 2020.2030 प्रकृति की मरम्मत के लिये यू.एन. ने घोषित किया है।

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शिक्षक मुहल्ला क्लास लगाकर बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दें:नवागत खण्ड शिक्षा अधिकारी

सैफई के नवागत खण्ड शिक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार ने किया कार्यभार ग्रहण

सैफई,इटावा। सैफई में नए खण्ड शिक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार ने कल शुक्रवार को सैफई पहुंचकर कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने कार्यभार ग्रहण करके खाता संबंधी विभागीय कार्यों को पूरा किया और तत्पश्चात शिक्षकों की मीटिंग का आयोजन किया | उन्होंने कहा सैफई में पहुंचकर कार्यभार ग्रहण किया। प्रधानाध्यापक प्रदीप यादव व प्रधानाध्यापक जे० पी यादव ने खण्ड शिक्षा अधिकारी का शिक्षकों से परिचय कराया। इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी अध्यापक समय से विद्यालय पहुंचे, किसी प्रकार की कोई दिक्कत हो, तो फोन पर अवगत कराएं बिना बजह बीआरसी दौड़ भाग न करे। पोर्टल के माध्यम से जो सूचना मांगी जाती है उसे समय से दें।

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विश्व विख्यात कालजयी साहित्यकार: प्रेमचंद

उपन्यास सम्राट प्रेमचंद भारतीय साहित्य संस्कृति की अस्मिता के प्रतीक थे । वे आधुनिक कहानी के पितामह थे। एक बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार थे।उनके साहित्य में साधारण जन की पीड़ा,समस्याओं का मार्मिक वर्णन अपने साहित्य सृजन के माध्यम से बड़े ही न्याय पूर्ण ढंग से किया ।उनका साहित्य जन समुदाय के समुद्र में हिलोरों से प्रभावित ही नहीं करता बल्कि साहित्य जगत में अपने अनोखे नए अंदाज में पढ़े-लिखे वर्ग को जागृत करने का नव मार्ग दिखाने का महान् कार्य किया है जो भारतीय हिंदी साहित्य की विरासत के रूप में आज भी प्रासंगिक है और आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करता है।उनका साहित्य प्रकाश स्तंभ की तरह है जो मानवीय जीवन की सामाजिक, धार्मिक ,आर्थिक ,राजनीतिक ,सांस्कृतिक क्षेत्र में  रूढ़िवादी, अंधविश्वासी, शोषण ,अन्याय जैसी बुराइयों को खत्म करने का कार्य करता है तथा नव मार्ग को प्रशस्त करता है। प्रेमचंद एक आधुनिक हिंदी कहानी के पितामह,उपन्यासकार, कुशल संपादक, संवेदनशील लेखक, जागरूक नागरिक, आदर्श एवं यथार्थ के हिमायती ,कुशल वक्ता, कलम के सिपाही थे।कहा जाता है उनकी कहानियां हिंदी साहित्य में मील का पत्थर है।साहित्य के क्षेत्र में कबीर,सूर और तुलसी की तरह प्रेमचंद ने भी जनमानस में आधुनिक साहित्य के रूप में जगह बनाई थी। प्रेमचंद साहित्य के हीरो के रूप में जन-जन के दिलों में आज भी बसे हुए हैं।उन्होंने साहित्य के माध्यम से जनमानस में यथार्थ, आदर्श एवं नैतिक न्याय व सीख से बदलाव की मीठी नदी की जलधारा बहाइ जो आज भी और आने वाले समय में भी अमृत पान कराती रहेगी। जीवन में साधारण से साधारण रहकर भी उन्होंने अपनी विचारधारा को लेखनी के माध्यम से जो असाधारण कार्य किया वह आज भी साहित्य जगत में अविस्मरणीय है। प्रेमचंद का मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के लमही गांव में 31 जुलाई 1880 को हुआ था। गांव की संस्कृति उन्हें विरासत में मिली थी। ग्रामीण जीवन को उन्होंने निकटता से देखा था। 7 वर्ष की अवस्था में अपनी मां को खो दिया था। 14 वर्ष के थे तब पिता को। बचपन अभावों एवं कठिनाइयों में गुजरा था। संघर्ष ही मनुष्य को एक सच्चा इंसान बनाता है। एक साहित्यकार के संघर्ष से संवेदनाएं जन्म लेती है। प्रेमचंद की रचनाओं में मार्मिकता भी है और आम जनता की व्यथा भी है और उनके प्रति गहरी संवेदना भी। प्रेमचंद की प्रारंभिक शिक्षा उर्दू में हुई थी। उन्होंने 1919 में बीए किया था। वे अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. करना चाहते थे किंतु आर्थिक विषम हालात की वजह से ऐसा नहीं कर पाए। उनका विवाह 15 वर्ष की अवस्था में हो गया था किंतु वे पत्नी से असंतुष्ट थे।उन्होंने 1905 ई. में पत्नी को त्याग दिया था और 1916 में बाल विधवा शिवरानी देवी से विवाह किया था जो बहुत ही व्यवहार कुशल और बुद्धिमती थी। प्रेमचंद जी का साहित्यिक सफर 1901 में प्रारंभ हो चुका था। प्रारंभिक काल में वे उर्दू में नवाब राय के नाम से लिखते थे।प्रेमचंद जी के शुरुआती दौर में राष्ट्रवाद का प्रभाव था तो बाद में आदर्श एवं यथार्थवाद का और जीवन में अंतिम पड़ाव में प्रगतिशील विचारों के साथ पूंजीपति महाजनी सभ्यता के विरोधी स्वर में उनकी लेखनी को हम पाते हैं। उन्होंने 1907 से 1915 तक उर्दू में कहानी लेखन किया।प्रेमचंद के अनुसार प्रथम कहानी 1960 में दुनिया का सबसे ‘अनमोल रतन’ प्रकाशित हुई थी जो देशभक्ति से ओतप्रोत थी। जिसमें उन्होंने लिखा-” खून का यह आखिरी कतरा जो वतन की हिफाजत में गिरे दुनिया की सबसे अनमोल चीज है।” प्रेमचंद का प्रथम कहानी संग्रह 1908 में ‘सोजे वतन'(राष्ट्र का विलाप) प्रकाशित हुआ जो राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत था। जिसे अंग्रेज सरकार ने जप्त कर लिया और प्रतियां जला दी। उनको अंग्रेज सरकार द्वारा लेखन हेतु बाध्य किया गया और मनाही  की गई। तब ‘जमाना’ पत्रिका के संपादक दयानारायण निगम ने उन्हें ‘प्रेमचंद’ नाम दिया। ‘कलम के सिपाही’ नाम उनके पुत्र प्रसिद्ध साहित्यकार अमृतराय ने दिया था।प्रेमचंद्र नाम से उनकी प्रथम कहानी ‘बड़े घर की बेटी’ “जमाना” पत्रिका के दिसंबर 1910 के अंक में प्रकाशित हुई थी। उन्होंने उर्दू में लगभग 178 कहानियां लिखी थी जो 13 कहानी संग्रह के रूप में प्रकाशित हुई। उन्होंने हिंदी में लिखना 1915 में प्रारंभ किया था इससे पूर्व में वे उर्दू में लिखते थे। प्रेमचंद की हिंदी में प्रथम कहानी “परीक्षा” 1914 में ‘प्रताप’ साहित्यिक पत्र में छपी थी। उनकी “सौत” कहानी दिसंबर 1915 में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।  उनकी कहानियों में घटना प्रधान थी बाद में आदर्शमूलक समाधान किया इसके बाद यथार्थ और की ओर अग्रसर हुए उनकी कहानियों में घटना प्रधान,चरित्र प्रधान एवं भाव प्रधान तीनों रूपों में देखा जाता है। कहानियां विविध शैलियों में तथा अनेक समस्याओं को लेकर लिखी गई। उन्होंने अपने जीवन काल में 300 से अधिक कहानियां लिखी थी। प्रेमचंद ने अपनी कहानियों में व्यक्ति, समाज और राष्ट्र में फैली बुराइयों पर व्यंग किया तो आदर्श ,यथार्थ और नैतिक न्याय की जोरदार वकालत की। उनकी एक कहानी नमक का दारोगा में हम देख सकते हैं  जिनमें उन्होंने भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी पर कितना करारा व्यंग्य किया है और वह कहानी आज भी उतनी सार्थकता को बयान करती है। उनकी लेखनी आज भी प्रासंगिक है।जिसमें नमक का दारोगा बंशीधर के पिता की सीख के माध्यम से वे कहते हैं- “नौकरी में ओहदे की ओर ध्यान मत देना, यह तो पीर का मजार है। निगाह चढ़ावे और चादर पर रखनी चाहिए। ऐसा काम ढूंढना, जहां कुछ ऊपरी आय हो। मासिक वेतन तो पूर्णमासी का चांद है,जो एक दिन दिखाई देता है और घटते-घटते लुप्त हो जाता है। ऊपरी आय तो बहता हुआ स्रोत है जिससे सदैव प्यास बुझती है।”

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जलमग्न हुई हाउसिंग कॉलोनी,लोग पलायन को मजबूर

कानपुर। दिल्ली पब्लिक स्कूल बर्रा के सामने बसी नई कोलोनी आर के पुरम में बाढ़ का पानी घुस गया। मुख्य मार्ग पर लगभग दो फीट पानी भर चुका है। आवागमन लगभग बंद हो चुका है। कोलोनी में अधिकांशतः रेलवे के लोको पायलट, अन्य सर्विस वाले के साथ साथ आसपास फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों के सौ परिवार से ज्यादा लोग निवास करते हैं। बच्चें और महिलाओं में डर का माहौल है। धीरे जल स्तर बढ़ता ही जा रहा है। 2018 में आई बाढ़ से प्रत्येक घरों में दो तीन फीट पानी भर गया था जिसके कारण सबका लाखों का फर्निचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि बर्बाद हो गय थे। कई बार प्रशासन की टीम मुआयना कर के गई पर 2018 से आजतक कोई कदम नहीं उठाया गया ना ही किसी प्रकार का कोई मुआवजा दिया गया। इस बार भी पांडु नदी के बढ़ते जल स्तर से लोग परेशान हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी महोदय एवं सांसद महोदय को ट्वीट के माध्यम से विडियो भेज कर समस्या से अवगत करवाया, पर प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है।

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