Tuesday, November 19, 2024
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मंत्रिमंडल ने जुलाई 2019 से 5 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता / महंगाई राहत को मंजूरी दी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज मूल्य-वृद्धि की क्षति-पूर्ति के लिए, मूल वेतन / पेंशन के 12 प्रतिशत की मौजूदा दर में 5 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 1 जुलाई, 2019 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत के लिए अतिरिक्त धनराशि जारी करने हेतु अपनी मंजूरी दे दी है। यह वृद्धि स्वीकृत फार्मूले के अनुसार की गई है, जो सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है।
वित्त वर्ष 2019-20 (जुलाई 2019 से फरवरी 2020 तक 8 महीने की अवधि के लिए) में महंगाई भत्ते और महंगाई राहत के कारण सरकारी खजाने पर क्रमशः 15909.35 करोड़ रूपये और 10606.20 करोड़ रूपये का बोझ होगा। इससे केंद्र सरकार के लगभग 49.93 लाख कर्मचारी और 65.26 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।
महंगाई भत्ते में इस वृद्धि के कारण प्रतिवर्ष 8590.20 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष और मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 (जुलाई 2019 से फरवरी 2020 तक 8 माह के लिए) में 5726.80 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान है।
पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत के कारण प्रतिवर्ष 7319.15 करोड़ रूपये और मौजूदा वित्त में 4870 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान है।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों / पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते / महंगाई राहत का भुगतान किया जाता है, ताकि वे वास्तविक मूल्य में ह्रास के कारण अपने रहन-सहन की लागत को पूरा कर सकें और अपने मूल वेतन / पेंशन को संरक्षित कर सकें। 1 जनवरी और 1 जुलाई से एक वर्ष में दो बार महंगाई भत्ते / महंगाई राहत को संशोधित किया जाता है।

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फैबइंडिया ने इंदौर में अपना पहला एक्सपीरियंस सेंटर किया लॉन्च

इंदौर। फैबइंडिया, भारत के सबसे बड़े लाइफस्टाइल रिटेलर ने अपने नए रिटेल फार्मेट, का पहला एक्सपीरियंस सेंटर इंदौर के विजय नगर चैराहा में लॉन्च किया है। लगभग 8415 स्क्वेअर फुट में पूरी भव्यता के साथ लॉन्च किया गया ये स्टोर फैबइंडिया की मल्टी-डायमेंशियल उत्पाद रेंज को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। सेंटर में कई श्रेणियों और सेवाओं में हर आयु वर्ग और उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई अलग अलग तरह के उत्पादों को प्रस्तुत किया है।
फैबइंडिया के एक्सपीरियंस सेन्टर ग्राहकों को उत्पादों के टच-एंड-फील एक्सपीरियंस देते हुए ट्रांजेक्शनल एक्सचेंज से हट कर अधिक एक्सपेरिएंशियल और इंटरैक्टिव अनुभव देने वाले अल्टरनेटिव खरीदारी का अवसर प्रदान करते हैं।
आकर्षक रिटेल एक्सपीरियंस प्रस्तुत करते हुए, फैबइंडिया का उद्देश्य विजिटर्स को अपनी संस्कृति का अनुभव कराना है। इसे न कि केवल उनके द्वारा खरीदे जाने वाले उत्पादों के माध्यम से, बल्कि एक चुस्त-दुरूस्त और संपूर्ण अनुभव के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा।
फैबइंडिया एक्सपीरिएंस सेन्टर में फैबकैफे और एक इंटीरियर डिजाइन स्टूडियो भी है, जिसमें इनकी सिग्नेचर ऑफरिंग के अलावा संपूर्ण परिवार के दैनिक इस्तेमाल के वाले कपड़े, एसेसरीज, घरेलू और लाइफस्टाइल प्रॉडक्ट्स, एल्टरेशन स्टूडियो, पर्सनल केयर और ऑर्गेनिक फूड्स, और एक किड्स जोन भी शामिल हैं। नए फार्मेट का उद्देश्य अनोखे अनुभव तैयार करके ग्राहकों को खुश करना है।
फैबकैफे में एक पौष्टिक और समसामयिक मैन्यू को पेश किया गया है, जिसमें क्षेत्रीय विविधता के साथ इंडिया के विविध व्यंजनों को दिखाया गया है।
फैबइंडिया के इंदौर एक्सपीरियंस सेंटर में ऑर्गेनिक इंडिया के पहले वेलनेस स्टोर के लिए एक तय स्थान भी शामिल है। ऑर्गेनिक इंडिया भारत का प्रमुख ऑर्गेनिक फूड्स और वेलनेस ब्रांड है। वेलनेस सेंटर स्वस्थ को लेकर जागरूक रहने को प्रोत्साहित करता है और ग्राहकों को स्वास्थ्य, जीवन शैली विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित सलाहकारों के साथ बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
एक्सपीरियंस सेंटर में इंटीरियर डिजाइन स्टूडियो (आई.डी.एस.) की भी पेशकश की गई है जो कि एक वन स्टॉप डिजाइन सॉल्यूशन हैं जिसमें यादगार स्थानों को बनाने में मदद करने में सहायक है। आईडीएस में कई तरह की सर्विसेज प्रदान की गई हैं जिनमें लेआउट को लेकर कंसल्टेंसी, मैपिंग स्पेसेज, प्रोडक्ट कस्टमाइजेशन और कलर स्कीम कोऑर्डिनेशन आदि शामिल हैं।

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मानव का ‘मन’ सबसे अच्छा तीर्थस्थान है!

मनुष्य का जन्म तो सहज होता है लेकिन मनुष्यता उसे कठिन परिश्रम से प्राप्त करनी पड़ती है। सब कुछ हमारे अंदर स्थित मन रूपी तीर्थस्थान में ही है। स्वर्ग-नरक कहीं बाहर या आसमान में नहीं वरन् हमारे मन में ही है। यदि मन में हमने ईश्वरीय विचारों को बसा रखा है तो हमारे अंदर ही स्वर्ग है। यदि हमने अपने मन में स्वार्थ से भरे विचार भर रखे हैं तो जीवन नरक के समान है। हम संसार के किसी भी तीरथ में चले जाये यदि हमारे मन में अशांति है तो किसी भी तीरथ में शांति नहीं मिल पायेगी। क्योंकि हम अशांति की अपनी पूंजी साथ-साथ लेकर जायंेगे। अन्त में हम इस निष्कर्ष में पहंुचते है कि मानव का मन सबसे अच्छा तीर्थस्थान है।  मानव प्राणी अपने प्रभु से पूछे किस विधि पाऊँ तोहे, प्रभु कहे तू मन को पा ले, पा जायेगा मोहे। आइये, मन के महत्व को एक सुन्दर भजन की इन पंक्तियों द्वारा समझते हैं – तोरा मन दर्पण कहलाये भले बुरे सारे कर्मों को, देखे और दिखाये। मन ही देवता, मन ही ईश्वर, मन से बड़ा न कोय। मन उजियारा जब जब फैले, जग उजियारा होय। इस उजले दर्पण पे प्राणी, धूल न जमने पाये। सुख की कलियाँ, दुख के कांटे, मन सबका आधार। मन से कोई बात छुपे ना, मन के नैन हजार। जग से चाहे भाग ले कोई, मन से भाग न पाये। तन की दौलत ढलती छाया मन का धन अनमोल। तन के कारण मन के धन को मत माटी मंे रौंद। मन की कदर भुलाने वाला हीरा जनम गवाये।  मानव शरीर भगवान् की सबसे बड़ी सौगात है। मनुष्य का जन्म भगवान का हमारे लिए सबसे बड़ा उपहार है। जीवन को छोटे उद्देश्यों के लिए जीना तो जीवन का अपमान है। अपनी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक तथा आध्यात्मिक शक्तियों को भुलाकर उसे समाज विरोधी कामांे, भोग एवं वासनाओं में लगाना बेहोशी में जीवन बर्बाद करने के समान है। जीवन अनन्त है हमारी शक्तियाँ भी अनन्त हंैं, हमारी प्रतिभाएँ भी अनन्त हैं। ऐसा मानना है कि हम अपनी मानसिक शक्तियों का मात्र 1 प्रतिशत से अधिकतम 8 प्रतिशत तक ही उपयोग कर पाते हैं। अभी तक संसार का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति 8 प्रतिशत तक ही अपनी बुद्धि का उपयोग कर पाया है। यह मानव जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी है कि मनुष्य की 92 प्रतिशत बुद्धि सुप्त अवस्था में ही है। कैरियर, नौकरी या व्यवसाय के द्वारा हम अपने अंदर के संगीत को बिना खुलकर तथा खिलकर अभिव्यक्त किये अपनी कब्र में साथ लेकर चले जाते हंै। सिकुड़कर जीना प्रभु प्रदत्त अनमोल हीरे जैसे जीवन को कोयले के मूल्य में आंकना के समान है।  मेरा शरीर मैं नहीं हूँ, शरीर मेरा मित्र है। मेरा मन मैं नहीं हूँ, मन मेरा औजार है। हवेली में जब मालिक आता है तो सारे नौकर आलस्य छोड़कर अपने काम में लग जाते हैं। अर्थात जब हमारे शरीर रूपी मंदिर से होने वाले प्रत्येक कार्य-व्यवसाय आत्मा की इच्छा तथा आज्ञा के अनुसार होते हैं तो पांचों इन्द्रियां (आंख, कान, नाक, जीभ तथा स्पर्श) तथा छठीं इंद्रिय मन रूपी नौकर अपने-अपने कार्यों को अखण्ड आज्ञाकारी सेवक की तरह करते हुए महान उद्देश्य की प्राप्ति कराते हैं। इसलिए जरूरी है कि हमें शरीर रूपी मंदिर में आत्मा के रूप में ईश्वर की स्थापना करनी चाहिए। सारे कार्य ईश्वर की इच्छा तथा आज्ञा के अनुकूल होने चाहिए।  संसार में मिट्टी, पत्थर, लोहे तथा गारे से बने जिन मंदिरों, मस्जिदों, गिरजों तथा गुरूद्वारों में हम श्रद्धा के साथ जाते हैं। ये मनुष्य ने सामूहिक रूप से किसी पवित्र स्थान में बैठकर पूजा, पाठ, इबादत, नमाज, प्रेयर, सबत आदि करने के लिए बनाये हैं। ये मंदिर, मस्जिद, गिरजा तथा गुरूद्वारा मनुष्य द्वारा निर्मित हंै तथा मानव शरीर रूपी मंदिर, मस्जिद, गिरजा तथा गुरूद्वारा ईश्वर निर्मित हैं। इस ईश्वर निर्मित मानव शरीर को सर्वोच्च महत्व देना चाहिए क्योंकि शरीर के द्वारा ही जीवन के महान उद्देश्य अपनी आत्मा का विकास किया जा सकता है।   शरीर के ऊपर इन्द्रियाँ, इन्द्रियों के ऊपर मन, मन के ऊपर बुद्धि, बुद्धि के ऊपर आत्मा का स्थान होना चाहिए। इसके क्रम के बिगड़ने से जीवन असंतुलित हो जाता है। शरीर से लेकर आत्मा तक के सही क्रम को कायम रखने के लिए हमें स्वयं के सत्य अर्थात मैं कौन हूं? इस संसार में किस महान उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आया हूं?, पांच इन्द्रियों (आंख, कान, नाक, जीभ तथा स्पर्श) के सत्य तथा मनोशरीर यंत्र के सत्य का ज्ञान होना चाहिए। हमारा जीवन संसार में इन्हीं सत्यों की वास्तविकताओं के चारों तरफ घूमता है। असहज मन जब हमारे जीवन को अपनी मर्जी के अनुसार चलाने लगता है तब जीवन अनेक कठिनाइयों तथा दुखों से घिर जाता है। इसलिए हमें मन को अपना बनाने के लिए कार्य करना चाहिए। मन हमारा अकंप हो, मन हमारा प्रेम से भरा हो, मन हमारा निर्मल हो तथा मन हमारा अखण्ड आज्ञाकारी हो। आत्मा ईश्वरीय गुणों के प्रकाश से प्रकाशवान होती है। प्रकाशित आत्मा संसार से ‘और अधिक की चाह’ को समाप्त कर ‘सब कुछ अंदर है’ के विश्वास को जगाती है। हमें प्रभु की इच्छा को अपनी इच्छा बनाना चाहिए ना कि अपनी इच्छा को प्रभु की इच्छा बनाने की कोशिश करनी चाहिए। गीता हमें सीख देती है कि अब कर्म करते हुए फल की इच्छा नहीं करना चाहिए वरन् अब यज्ञ करना चाहिए। अर्थात सीधे अपने स्रोत से महाफल की चाह के साथ महाकर्म करना चाहिए।  एक व्यक्ति एक संत के पास अपनी समस्या लेकर पहुंचा। उस व्यक्ति ने संत से दुःखी होकर निवेदन किया कि उसकी प्रबल इच्छा है कि वह अपने जीवन काल में एक सुन्दर तथा भव्य मंदिर बनाये। लेकिन उस भव्य मंदिर को बनाने के लिए उसके पास पैसा नहीं है। संत ने मुस्कराकर उससे कहा कि तुम्हें दुःखी होने के कोई आवश्यकता नहीं है। बस तुम एक काम करो अपने मन को ही भगवान का मंदिर बनाने का निर्माण कार्य इसी क्षण से शुरू कर दो। यदि उसके बाद भी तुम्हारे अंदर और मंदिरों का निर्माण करने की इच्छा जाग्रत हो तो अपने आसपास के लोगों के जीवन को भी इसी प्रकार अच्छा बनाने के लिए निरन्तर मनोयोगपूर्वक लगे रहना। संत के सुझाव से उस दुःखी व्यक्ति की समस्या का समाधान सहजता से हो गया।  मन रूपी मंदिर को बनाने में कोई खर्चा नहीं आता केवल हृदय को पवित्र बनाने की आवश्यकता होती है। इसके लिए मस्तिष्क से हृदय तक 13 इंची सुंरग खोदकर हृदय से मस्तिष्क तक आध्यात्मिक मार्ग बनाना चाहिए। सबसे पहले कोई विचार हृदय से उठता है, फिर वह मस्तिष्क में जाता है, जहां उस विचार की मस्तिष्क के द्वारा मालिश-पालिश होती है।

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राम ने बुराई के प्रतीक रावण का किया अंत

⇒रामलीला मैदान में रावण का पुतला हुआ दहन, हुई आतिशबाजी
फिरोजाबाद। श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति के तत्वावधान में मंगलवार को रामलीला मैदान में अहिरावण वध, रावण वध, सीता जी की अग्नि परीक्षा, विभीषण का राज्याभिषेक की लीला का मंचन किया गया।
मंगलवार को जैसे ही रामलीला मैदान में भगवान श्रीराम और लक्ष्मण का डोला पहुंचता है। वैसे ही रामलीला का मंचन शुरू कर दिया जाता है। लक्ष्मण के द्वारा मेघनाथ के मारे जाने के बाद रावण क्रोधित हो उठता है और अहिरावण के पास जाता है। अहिरावण से राम और लक्ष्मण को हरण करने के लिए भेजता है। विभीषण का वेश धारण कर अहिरावण राम-लक्ष्मण का हरण कर पाताल लोक ले जाता है। अहिरावण राम और लक्ष्मण की बलि देने के लिए देवी को प्रसन्न करने लगता है। वहीं राम और लक्ष्मण के हरण की खबर हनुमान को पता चलती है तो वह उनकी खोज में निकल जाते है। हनुमान जी पालाल लोक पहुंचते है उनकी भेंट मकरध्वज से होती है। मकरध्वज हनुमानजी को बताता है मै आपका ही पुत्र हूॅ। वह हनुमान जी को पाताल लोक में प्रवेश करने से रोकता है। और मकरध्वज और हनुमान में युद्व होता है। हनुमान जी मकरध्वज को रस्सी बांध देते है। इसके बाद हनुमान जी अहिरावण का वध कर प्रभु राम और लक्ष्मण को वापस लाते हैं। जैसे ही रावण को अहिरावण के वध की खबर मिलती है, वह स्वयं युद्धभूमि में जाता है। राम-रावण के बीच भयंकर युद्ध होता है। रावण का सिर बार-बार कटने पर फिर लग जाता है। इससे वानरी सेना ही नहीं, राम की सेना भी चिंतित हो जाती है। विभीषण राम को रावण का रहस्य बताते है और कहते है रावण की नाभि में अमृत है जब तक रावण की नाभि से अमृत को नहीं सूखा देंगे। तब तक रावण का अंत नही होगा। विभीषण के बताने पर श्रीराम रावण की नाभि में बाण चलाते हैं। और रावण का वध हो जाता है। रावण के वध होते ही आकाश से देवता पुष्प् वर्षा करते और राम के जयकारें लगने लगते है। भगवान राम ने लक्ष्मण व अन्य से कहा कि वे विभिषण को लंका का विधिवत रूप से महाराजा बना दें। और विभीषण का भगवान श्रीराम राज्याभिषेक करते है। विभीषण माता सीता को सम्मान पूर्वक वापस करते है। और रामचंद्र के चरण स्पर्श करती है तो भगवान राम कहते है कि, वह पहले अग्नि परीक्षा दें, उसके बाद ही वह उन्हें स्वीकार करेंगे। लक्ष्मण सीता के लिए चिता तैयार करते है। सीता अग्नि परीक्षा देती हैं, तत्पश्चात रामचंद्र उन्हें पुनः स्वीकार करते है।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विजय दशमी का पर्व मनाया गया

शिकोहाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दशहरे के अवसर पर मंगलवार को विजय दशमी का पर्व मनाया। इस दौरान सबसे पहले ध्वजारोहण कर ध्वज प्रणाम कर शस्त्रों की पूजा की गई। वहीं समाज में एकता का पाठ पढाया। प्राइमरी स्कूल न0 एक में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुये मुख्य वक्ता राजेन्द्र नगर बौद्धिक ने बताया कि स्वतंत्रता के प्रथम विद्रोह के समय समाज जातियों के बंधन में जकड़ा हुआ था। यहां तक कि सेना में भी जातियों के अपने अलग-अलग भोजनालय चलते थे। इतना बड़ा संघर्ष होने के बाद भी हम असफल हुए। इसी विचार को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रवादी विचारकों ने समाज को जोड़ने के लिये आज ही के दिन सन 1925 में डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। डा0 हेडगेवार ने विश्वास जताया कि देश, समाज हित को सर्वोपरी रखते हुए संघ का स्वयंसेवक हर चुनौती से निपटने में सक्षम है। संघ की शाखाओं व्यक्तित्व निर्माण होता है। संघ की शाखाओं से निकले लोग प्रधानमंत्री , मुख्यमंत्री , राज्यपाल , बडे-बडे अफसर बनकर देश का गोरव बढाने में अपना योगदान दे रहे हैं।

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शहर में निकाली भव्य भगवा यात्रा

शिकोहाबाद । नगर में हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने विजयदशमी के उपलक्ष में शहर में भगवा यात्रा निकाले जाने की घोषणा की थी। जिसके तहत मंगलवार को नगर के सैकडो युवा अपनी- अपनी बाइक व अन्य वाहनों पर सवार होकर नारायण कालेज के मैदान में एकत्रित हुए । जहां पर मुख्य अतिथि हिन्दू वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष पीयूष श्रीवास्तव ने युवाओं को संबोधित संबोधित करते हुए कहा कि आज ही के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया था। इसी उपलक्ष में विजयदशमी के दिन विशाल भगवा यात्रा निकाली जाती है। वही भाजपा के जिला अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रति युवाओं में दिख रहा क्रेज इस बात को साबित करता है, कि आने वाला समय फिर से देश व प्रदेश में भाजपा का ही होगा। वही जिला अध्यक्ष हिंदू युवा वाहिनी संजय सिंह ने कहा कि भगवा यात्रा हिंदू समाज के मान सम्मान का प्रतीक है। भगवा रंग शोर्य, शांति और सम्मान का प्रतीक है। यात्रा नारायण कॉलेज से प्रारंभ हुई। यात्रा में सभी युवा पूरी तरह से भगवा कपड़ों में नजर आ रहे थे। ऐसा लग रहा था मानों किसी तीर्थ स्थल का नजारा हो। गले में युवा भगवा अंग वस्त्र डाले हुए थे और वही हाथो में तलवार लिये जय श्री राम के नारे लगाते हुए अपने अपने वाहनों पर सवार होकर जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।

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लीगल सलाहकार सेल का हुआ गठन

⇒हाईकोर्ट और जनपद न्यायालय के अधिवक्ता हुए शामिल
⇒निर्धन, निराश्रित, बुजुर्ग ,महिलाओं, विकलांगों की हो सकेगी कानूनी मदद
⇒हाईकोर्ट में जनहित याचिका तथा निःशुल्क अधिवक्ता एवं विधिक सहायता उपलब्ध कराएगी सेल
फिरोजाबाद। लोक नागरिक कल्याण समिति की एक बैठक का आयोजन सीआर गुरुकुल में किया गया। बैठक में गरीब, निराश्रित, महिलाओं, विकलांगों, बुजुर्गों की कानून मदद के लिए लीगल सलाहकार सेल का गठन किया गया। लीगल सलाहकार सेल में उच्च न्यायालय लखनऊ के अधिवक्ता राजबहादुर यादव एडवोकेट, एवं उच्च न्यायालय इलाहाबाद के सुनील सिंह एडवोकेट, कमलेंद्र मौर्य एडवोकेट, रघुराज कुशवाहा एडवोकेट, साजिया परवीन एडवोकेट, जनपद न्यायालय के अधिवक्ता अरुण शर्मा एडवोकेट, सुरेंद्र सिंह कुशवाह एडवोकेट, ब्रह्मचारी यादव एडवोकेट, शिवशंकर गुप्ता एडवोकेट, धर्म सिंह यादव एडवोकेट, रमेश चंद्र गुप्ता एडवोकेट, रमेश चंद्र कुशवाहा एडवोकेट, संतोष कुशवाहा एडवोकेट, तूलिका अग्रवाल एडवोकेट, शिव शंकर दुबे एडवोकेट, लियाकत अली एडवोकेट, प्रदीप शर्मा, दुर्गेश जैन एडवोकेट, नरेश बाबू राठौर एडवोकेट, शैलेंद्र शर्मा एडवोकेट, आरती गुप्ता एडवोकेट, रानी राठौर एडवोकेट, शिल्पी गोयल, राहुल कुमार एडवोकेट को शामिल किया गया है। इस मौके पर अरुण शर्मा एडवोकेट व तूलिका अग्रवाल एडवोकेट ने कहा कि समाज में निर्धन पीड़ित वर्ग के लोगों न्याय नहीं मिल पा रहा। उसको सुलभ और समान न्याय हेतु लीगल सेल के माध्यम से निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता सत्येंद्र जैन सौली ने कहा कि समाज में न्याय से वंचित वर्ग के कानूनी मदद के साथ विधिक जागरूकता की जाएगी। इसके अतिरिक्त न्याय की रक्षा के लिए जनहित याचिका भी सेल द्वारा उच्च न्यायालय में दायर की जाएगी।

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श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति के तत्वावधान में विशाल कुश्ती दंगल बुधवार को

फिरोजाबाद। श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति के तत्वावधान में नौ अक्टूबर दिन बुधवार को कुश्ती दंगल का आयोजन किया जायेगा। जिसमें राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पहलवान भाग लेंगे।
रामलीला मेला महोत्सव समिति अध्यक्ष डा. दिलीप यादव एवं दंगल संयोजक मनोज यादव ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि नौ अक्टूबर को विशाल कुश्ती दंगल का आयोजन किया गया। जिसमें ओल्मपिंक विजेता धर्मेन्द्र यादव जो कि अंर्तराष्ट्रीय कुश्ती के कोच, पन्नेलाल यादव अंतराष्ट्रीय पदक विजेता यश भारती व लक्ष्मन पुरस्कार से सम्मानित एवं महाबली राम आसरे यादव हिंद केसरी, एशियन चैम्पियन पधार रहे है। इसके अलावा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पहलवान भी भाग लेंगे। समिति सचिव आरपी सिंह यादव व मेला संयोजक श्याम सिंह यादव ने बताया कि कुश्ती दंगल में दिल्ली, गोरखपुर, भरतपुर, आगरा, मथुरा व अन्य जिलों के पहलवान भी शिरक्त करेंगे। जिले के गणमान्य कुश्ती दंगल के शौकिन जो अपने सौजन्य से कुश्ती करना चाहते है। वह अयोध्या कार्यालय पर सह संयोजक अशोक यादव से सम्पर्क कर सकते है।

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हिंद हैल्प फाउंडेशन ने लगाया ठंडा पानी व शर्बत कैंप

फिरोजाबाद। हिंद हैल्प फाउंडेशन द्वारा एक मीनारा मस्जिद सदर बाजार में दुर्गा जयंती के अवसर पर ठंडा पानी व शर्बत कैम्प लगाया गया। वहीं दुर्गा जयंती देखने आये लोगों को गर्मी में ठंडा पानी संस्था द्वारा उपलब्ध कराया गया। दुर्गा जयंती आयोजको व प्रशासन ने संस्था के सभी सदस्यों की सराहना की। फाउंडेशन अध्यक्ष वासिफ हुसैन सहाब ने कहा हमारे भारत देश में सभी धर्मों के लोग रहते है और हमेशा सभी त्यौहार हम आपस में मिलजुलकर मनाते चले आ रहे है। हमारी संस्था का उद्देश्य आपसी भाईचारे को कायम रखना है। कैम्प पर मौजूद निजाम कुरैशी उपाध्यक्ष, अजहरुद्दीन सह सचिव, मो आकिल सचिव, मुख्य संरक्षक सुबूर अली, नवेद स्लीक, मनीष गुप्ता, वली अख्तर, रिषभ गुप्ता, अफजाल फारूखी, फुरकान अली, गुड्डू आदि मौजूद रहे।

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विजय दश्मी पर हुआ शस्त्र पूजन

फिरोजाबाद। मंगलवार को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, चाणक्य फाउण्डेंशन, बजरंग दल एवं विश्व हिंदू परिषद द्वारा विजयदशमी पर्व पर शस्त्र पूजन किया गया।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा द्वारा हवन-पूजन कर शस्त्र पूजन किया गया। वहीं इस दौरान भाजपा सांसद के अलावा महासभा के पदाधिकारी मौजूद रहे। वहीं चाणक्य फाउडेंशन, बजरंग दल तथा विश्व हिंदू परिषद द्वारा संयुक्त रूप से शस्त्र पूजन किया गया। अखिलेश शर्मा ने कहा कि जब असुरीय शक्तियां अपना आकार बढ़ाती है तो उनको ठीक करने के लिए शस्त्र की आवश्यकता होती ह। महामंत्री धर्मवीर अरोरा ने कहा कि धर्म की रक्षा हेतु अगर शस्त्र भी उठाना पड़े तो उठाना चाहिए। वहीं राजकुमार बाल्मीकि, योगेश, वीनेश दीक्षित, यतेन्द्र शर्मा, विवेक जोशी, दिनेश भारद्वाज, वीनेश शर्मा ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किये।

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