प्रकृति मां जब इंसान को अपना खज़ाना लुटाने के वक्त रंग और नस्ल में भेदभाव नहीं करती- जैसे सूरज की किरने रोशनी देती हैं वायु शुद्ध हवा देती हैं नदियां शीतल जल देती हैं सब सामान दृष्टि रखते हैं। पुरातन समय से विचित्र मानवीय कथाएं जातीय भेदभाव व अलगाव और अत्याचार प्रकाश में आ रहे हैं, जिससे चिंगारी भड़की और वेदनाओ व भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। अमेरिका में अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिक 46 वर्षीय जॉर्ज फ्लोएड को 25 मई 2020 को एक सफ़ेद मूल के पुलिस वाले व उसके सहकर्मियों ने निष्ठुर, निर्दई व निर्मम हत्या की। जो यह प्रदर्शित करता है कि यह वर्ष मार्टिन लूथर की 50वीं पुण्यतिथि, का समय है परंतु आज भी हम उसी वक्त में रुके हुए हैं। इस वाक्य ने अमेरिकी नागरिकों, को जो पहले से कोविड-19 की महामारी झेल रहे हैं, इस पर विरोध करने पर मजबूर हो गए हैं और मानो समुद्र की भांति पूरे देश की सड़कों से लेकर प्रेसिडेंट हाउस तक जाम कर रखा है। तथापि, कई लोगों का ये भी मानना है कि ये पुलिस की बर्बरता व नृशंसता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वर्षों से दिमाग की अनुकूलता व प्रवृत्ति है जो फ्लोएड के आखरी शब्दों का प्रतीकात्मक रोष है “लेट मी ब्रीथ” क्योंकि काले मूल के अस्तित्व का दमन हुआ है।
बाल श्रम से कैसे बच पायेगा भविष्य- डॉo सत्यवान सौरभ
संयुक्त राष्ट्र बाल श्रम को ऐसे काम के रूप में परिभाषित करता है, जो बच्चों को उनके बचपन, उनकी गरिमा और क्षमता से वंचित करता है, जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बच्चों के स्कूली जीवन में हस्तक्षेप करता है। बाल श्रम आज दुनिया में एक खतरे के रूप में मौजूद है। आज के बच्चे कल के भविष्य हैं। देश की प्रगति और विकास उन पर निर्भर है। लेकिन बाल श्रम उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर चोट करता है। कार्य करने की स्थिति, और दुर्व्यवहार, समय से पहले उम्र बढ़ने, कुपोषण, अवसाद, नशीली दवाओं पर निर्भरता, शारीरिक और यौन हिंसा, आदि जैसी समस्याओं के कारण ये बच्चे समाज की मुख्य धारा से अलग हो जाते है। यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है। यह उन्हें उनके सही अवसर से वंचित करता है जो अन्य सामाजिक समस्याओं को ट्रिगर कर सकता है।
राष्ट्रहित में सहभागिता के बजाय चुटकियां लेने में व्यस्त : विपक्ष
आज जहाँ सम्पूर्ण विश्व कोरोना जैसी खतरनाक व जानलेवा महामारी के कारण पूर्णतः आहत है । कोरोना महामारी का डर इस कदर लोगों के जेहन में घर कर गया है कि लोग महानगरों से पलायन कर रहे हैं। वहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था की गाड़ी लगभग पटरी छोड़ चुकी है। देश के देश जनहित व स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर नजर लॉकडाउन की स्थिति से गुजर रहे हैं। गौरतलब है कि भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है इस लॉकडाउन की स्थिति ने भारतीय अर्थव्यवस्था को भी पूर्णतः प्रभावित किया। छोटे-बड़े सभी उद्योग धंधे इस लॉकडाउन के चलते बंद पड़ गए जिन्दगीं की तेज रफ्तार पर एकाएक ब्रेक सा लग गया। इस विषम परिस्थितियों में देश के केन्द्र व राज्य सरकारों की अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करते हुए स्थिति को संभालने की भरपूर कोशिशें वाकई में काबिले तारीफ रही हैं। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष पार्टियों के राजनेता इस वैश्विक संकट काल में भी राजनीति करने में पीछे नहीं हट रहे हैं जिस समय जनता उनकी सख्त जरूरत है उस समय वह चुटकियां लेने में मशगूल हैं वो शायद यह भूल गए हैं कि यही जनता आगामी चुनावों में उनके भाग्य का निर्धारण करेगी।
पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे को वापस ले सरकार:- शास्त्री
ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को पत्र भेजकर कहा कि कुछ अधिकारी सरकार की छवि खराब करने की कर रहे हैं कोशिश।
शास्त्री जी ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को पत्र भेजकर पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन की ओर से बताया गया है कि प्रदेश में विभिन्न जिलों के अधिकारी अपनी गड़बड़ी छिपाने के लिए पत्रकारों पर फर्जी ढंग से मुकदमे दर्ज करवाकर सरकार की छवि धूमिल कर रहे हैं।
शास्त्री जी ने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस बल, प्रशासन, सफाईकर्मी एवं अन्य सरकारी विभागों के कर्मियों की तरह ही पत्रकार भी बखूबी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं एवं महामारी से बचने के उपायों की जानकारी अपने चैनल व अखबारों के माध्यम से दे रहे हैं।
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में सेवानिवृत्त कार्मिक का चयन किये जाने हेतु समिति का हुआ गठन
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद के विज्ञप्ति के अनुसार मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण कानपुर देहात में कार्य प्रारम्भ हो गया है क्योकि इस अधिकरण में कोई स्टेनो तथा सहायक लेखाकार कार्यरत नही है। जिससे वास्तविक कार्य संचालन में अत्यधिक कठिनाई आ रही है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि उक्त पदों के लिए सेवानिवृत्त कार्मिक को संविदा के रूप में मिलने वाली राशि सम्बन्धित कार्मिक के अंतिम आहरित वेतन में से शुद्ध पेंशन की धनराशि (राशिकरण के पूर्व यदि कोई हो) को घटाने पर प्राप्त होने वाली राशि के बराबर होगी। सेवानिवृत्त कार्मिक का चयन किया जाने हेतु समिति का गठन किया है। समिति में पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण जितेन्द्र कुमार पाण्डेय अध्यक्ष, एडीएम प्रशासन पंकज वर्मा व वरिष्ठ कोषाधिकारी केके पाण्डेय सदस्य, एआरटीओ प्रशासन मनोज वर्मा सदस्य/सचिव संयोजक है।
आपस में भिड़ गये कांग्रेसी
इटावा, राहुल तिवारी। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के उत्तर प्रदेश में कांग्रेसी कार्यकर्ता आपस में ही जूते चप्पल चला रहे हैं। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कांग्रेस पार्टी की बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई और बीच-बचाव करने आए जिलाध्यक्ष के कपड़े तक फट गए। इसके बाद भी कार्यकर्ता नहीं माने। बीच बचाव में कांग्रेस जिलाध्यक्ष सहित अन्य नेताओं के कुर्ते भी फट गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया।
इटावा कांग्रेस पार्टी कार्यालय में बुधवार को महारसोई का संचालन किया जा रहा था, यहां पर सभी पदाधिकारी मौजूद थे। इसी बीच शहर अध्यक्ष पल्लव दुबे और पूर्व युवा अध्यक्ष अरुण यादव के बीच किसी बात पर बहस हो गई। उनकी बहस सुनकर दोनों तरफ के समर्थक भी आ गए और आपस में भिड़ गए।
सूना जग भी रौनक लगेगा
कोख में दफनाने से पहले
पूछ तो लेते बेटियों से,
गुनाह क्या किया उसने
किस कर्म की सजा पाई उसने।
दुनिया उसे भी देखना था
सपने उसने भी थे सजाए,
जन्म से पहले ही उसको
चिर निद्रा में क्यों सुलाए।
आत्मा का हनन उसका करके
सुखी तुम कैसे रह सकते,
अपराध अक्षम्य होगा यह
काश, बात यह समझ सकते।
कानपुर पुलिस का ऑपरेशन लंगड़ा जारी बर्रा में देर रात हुई मुठभेड में 2 ढ़ेर 1 भागा
कानपुर नगर, अर्पण कश्यप। लाॅकडाउन के बाद कानपुर पुलिस का आपरेशन लंगडा की हुई शुरूवात काकादेव के बाद बर्रा पुलिस ने बीती रात घेरा बंदी कर 5 लुटेरों को पकडा जिसमे 2 शातिरों के भागने पर आपरेशन लंगड़ा को दिया गया अंजाम। जिसमे एक लुटेरा भागने में सफल हो गया।
कानपुर बर्रा पुलिस द्वारा रात्री चेकिंग अभियान के दौरान चेकिंग से बच कर भाग रहे दो मोटर र्साइिकल सवार लोगों ने पुलिस को देख कर भौंती की तरफ भागने की कोशिश करने लगे जिस पर बर्रा पुलिस द्वारा उन लुटेरो का पीछा करने पर प्रिया नर्सिंग होम के सामने बने ब्रेकर पर उछल कर एक बाईक पर सवार तीन लुटेरे गिर गय। वही दुसरी बाईक सवार तीनो लुटेरे भागने में सफल हो गये। भागे हुये लुटेरों की सूचना कंट्रोलरूम के जरिये समस्त थानों को दे दी गयी।
अन्धविश्वास से उपजी कोरोना महामाई -प्रियंका सौरभ
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है। कोरोना से छुटकारा पाने के लिए कई देश इसकी वैक्सीन बनाने पर रिसर्च कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोरोना की वैक्सीन तैयार नहीं हो पाई हैं। ऐसे में कोरोना को लेकर तमाम तरह की अफवाहें, अंधविश्वास और भ्रम भी फैलाए जा रहे हैं।कोविड-19 महामारी का कारण बने कोरोनावायरस ने देश में धीरे-धीरे भगवान का रूप ले लिया है. अंधविश्वास में लोग इसे ‘कोरोना माई’ बुला रहे हैं. वायरस को ये नया नाम देने वाले, देवी मानकर देश के कई हिस्सों में इसकी पूजा कर रहे हैं. पूजा के दौरान ‘कोरोना माई’ को लौंग, लड्डू और फ़ूल चढ़ाए जा रहे हैं. महिलाएं कोरोना को माई मानकर पूजा कर रहीं हैं। जिसकी पूजा करने से उसका प्रकोप खत्म हो जाएगा।
योगी सरकार के योग्य शिक्षक चयन प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट का एक पक्षीय फैसला चिंतनशील मुद्दा
कोरोना से उत्पन्न हुई इस महा आपदा संकट काल में जहाँ दुनिया खुद को संभालने की कोशिश में लगी है दो वक्त की रोटी की जुगत में गरीब असहाय बेरोजगार दर-दर भटक रहे हैं। दुनिया के लगभग हर देश आर्थिक संकट से उबरने में लगे हुए हैं इन सबसे बड़ी और कठिन चुनौती कोरोना से संक्रमित हुए लोगों को उपचार व बचाव संसाधन मुहैया कराने में पूर्णतः व्यस्त हैं ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार वह हर कार्य कर रही है जो इस संकट काल के दौरान जरूरी है। इसी परिपेक्ष में कोरोना बचाव लॉकडाउन ने भारी संख्या में लोगों को बेरोजगार बना दिया लोगों का भरण-पोषण करने का आधार उनसे छिन गया। राज्य और देश दोनों स्तर पर बेरोजगारी में इजाफा देखा जा सकता है इन सबके बीच योगी सरकार की कार्यशैली व क्रियान्वयन काबिले तारीफ है।
इस बेरोजगारी को दूर करने हेतु व शिक्षा के क्षेत्र में योग्य शिक्षक मुहैया कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार आज करीब दो सालों से अधर में लटकी ६९००० शिक्षक भर्ती को जल्द से जल्द पूर्ण करने में लगी थी जिससे इस बेरोजगारी में कुछ तो कमी आ सके। इससे तमाम घरों के चूल्हे फिर से जलने लगते। करीब ६९००० परिवारों का भरण-पोषण संभव हो जाता जो कि एक उत्कृष्ट कार्य होता जिसकी चर्चा भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में की जाती यह कहकर कि जब दुनिया बचाव में व्यस्त थी तो उत्तर प्रदेश की सरकार बचाव के साथ-साथ रोजगार भी मुहैया करा रही थी।